आज का दिन अपने कर्तव्य पथ पर आगे बढ़ने की प्रेरणा देता रहेगा : मण्‍डलायुक्‍त

गांधी जी के आदर्श हमारे लिए कर्तव्य मार्ग है

0
448

झांसी। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी एवं भारत देश के पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री जी की जयंती के अवसर पर मंडलायुक्त सुभाष चंद्र शर्मा ने कमिश्नरी में आयोजित कार्यक्रम में दोनों महापुरुषों के चित्र का अनावरण किया और माल्यार्पण कर श्रद्धा पूर्वक नमन करते हुए सामूहिक रूप से गांधी जी के प्रिय भजन “रघुपति राघव राजा राम, पतित पावन सीताराम” का गायन किया।
मंडलायुक्त ने इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि आज हम सभी लोग एक ऐसा राष्ट्रीय पर्व मना रहे हैं। उस महान आत्मा ने अपना पूरा जीवन देश की सेवा में समर्पित कर दिया। गांधी जी किसी बात को कहने पहले अपने जीवन में पालन करते थे। उनकी दैनिक दिनचर्या की शुरुआत प्रातःकाल स्वच्छता और भगवान का स्मरण करने से होती थी, ये सभी प्रार्थना देश के कल्याण तथा मानव कल्याण से जुड़ी थीं। आज के परिवेश में उन सभी चीजों की सार्थकता सिद्ध होती है। मंडलायुक्त ने कहा कि स्वच्छता बहुत जरूरी है, खुले में शौच करने से बीमारियां तथा अपमान महसूस होता है। अब घर घर शौचालय निर्माण से देश को खुले में शौचमुक्त कर दिया गया है, इससे काफी हद तक स्थिति में सुधार हुआ है। धार्मिक आयोजन के दौरान जगह जगह भंडारे लगाए जाते हैं, लेकिन कार्यक्रम के बाद सफाई व्यवस्था पर विशेष ध्यान रखना चाहिए।
गांधी जी ने अंग्रेजों के विरुद्ध शांतिपूर्ण तरीके से विरोध किया और दूसरा तरीका भगत सिंह ने जनता की आवाज को बहुत दूर तक पहुचाने का कार्य किया। नारी का सम्मान, अछूत उद्धार, इंसान इंसान में भेद पर गांधी जी ने समानता की बात कही थी। गांधी जी गरीबों के साथ बैठते थे, उनको आगे बढ़ाया। गांधी जी ने बल्लभ भाई पटेल को वारदोली में भेजा तो उन्होंने जिस प्रकार से आंदोलन का कुशल नेतृत्व किया उसे देखकर उन्हें सरदार पटेल की उपाधि दी गई थी। भारतीय संविधान के अनुसार जरूरतमंद को मूलभूत आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध होनी चाहिये। सरकार द्वारा संचालित जनकल्याणकारी योजनाओं शिक्षा, स्वास्थ्य, आवास, राशन वितरण, विद्युत, सड़क, मनरेगा, ओडीएफ से आमजन के जीवन स्तर में काफी हद तक सुधार हुआ है। देश ने कोरोना महामारी से जो लड़ाई लड़ी है, जिसमें अभी भी बहुत सतर्क रहने की आवश्यकता है। हमारा देश विभिन्न क्षेत्रों में काफी आगे बढ़ चुका है। बढ़ती हुई आबादी पर भी गंभीरता से सोचना होगा। इससे बड़े खेत छोटे हो गए और संसाधनों पर भी काफी दबाब है। प्राकृतिक संसाधनों का अधिक दोहन से जल स्तर घट रहा है। इच्छाओं का कोई अंत नहीं होता है, इसलिए संयमित जीवन अपनाकर स्वाबलंबी, आत्मनिर्भर बने। पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री जी के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि शास्त्री जी कद में जरूर छोटे थे, लेकिन उनके द्वारा देश हित में किये गए कार्य बहुत बड़े थे। उन्होंने कहा कि माता पिता की सेवा करें और बुजुर्गों का सम्मान करना सीखें। गांधी जी के आदर्श हमारे लिए कर्तव्य मार्ग है। इस अवसर पर अपर आयुक्त प्रशासन आरपी मिश्रा, न्यायिक श्रीमती पूनम निगम सहित कमिश्नरी परिवार के सभी अधिकारी, कर्मचारी, अधिवक्तागण उपस्थित थे।

LEAVE A REPLY