अब फ़ूड इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी के छात्र करेंगे ऑनलाइन लैब के माध्यम से प्रेक्‍टीकल

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झांसी। बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के आई॰ई॰टी॰ के फूड इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी विभाग की टीम ने फ़ूड टेक्नोलॉजी की वर्चूअल लैब के प्रयोग किए। शिक्षकों को ऑनलाइन लैब डेवेलप करने को उत्साहित करने के उद्देश्य से आई॰आई॰ टी॰ कानपुर, डॉ एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय लखनऊ एवं राजकीय एंजीनियरिंग कॉलेज बाँदा के सहयोग से eBootathan सीरीज प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।
बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी में आई॰ई॰टी॰ संस्थान के फूड इंजीनियरिंग एंड टेक्नॉलाजी विभाग की टीम Virtechies जिसमे की शिवम्, देविका, राधिका, सत्यम एवं आशुतोष छात्रों ने विभाग में सहायक आचार्य के पद पे कार्यरत अंजली श्रीवास्तव के सानिध्य में फूड टेक्नॉलाजी के ऑनलाइन प्रयोग सफलतापूर्वक बनाये और चूंकि अभी तक फूड टेक्नोलॉजी का कोई भी ऑनलाइन प्रयोग MHRD की वर्चूअल लैब वेबसाइट पर मौजूद नहीं है। इसलिये ये संस्थान के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। यह प्रयोग वर्चूअल लैब्स की अधिकारिक वेबसाईट www.vlab.co.in पर होस्ट होगा। जहाँ से फूड इंजीनियरिंग एंड टेक्नॉलाजी के छात्र इन प्रयोगो को कहीं से भी सीधा एक्सेस कर सकेंगे। इस प्रतियोगिता का उद्देश्य ऑनलाइन प्रयोगशालाओं का डिवेलप्मेंट करना था, जिससे अधिक से अधिक प्रयोगों का वर्चूअल लैब्स बनाया जा सके और छात्र छात्राएँ घर में रहकर ही बेहतर एवं आसान तरीक़े से प्रयोगों को समझ सकें। eBootathan में देश के कई इंजीनियरिंग संस्थानों की टीम्स ने प्रतिभाग किया तथा फ़ाइनल राउंड में अपना स्थान बना कर सफलतापूर्वक विभिन्न विभागों के प्रयोगों को बनाया। अंजली श्रीवास्तव ने बताया की उनकी टीम इस लैब की अन्य ऑनलाइन प्रयोगों को बनाने में प्रयासरत है। टीम की इस उपलब्धि पर आई॰ई॰टी॰ के अधिष्ठाता एवं निदेशक प्रो शिव कुमार कटियार ने सराहना की तथा भविष्य के लिए शुभकामनाए दी। उन्होंने कहा वर्चुअल/ऑनलाइन प्रयोग विकसित करना संस्थान के लिए एक बड़ी उपलब्धि है, जिससे फ़ूड टेक्नोलॉजी विधा के छात्र- छात्राएं ना सिर्फ इस कोरोना काल बल्कि भविष्य में भी लाभान्वित होंगे। फ़ूड इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी विभाग के समन्यवक रवि कुमार ने कहा कि विभाग के लिए ये गर्व की बात है कि विभाग की टीम द्वारा पहली बार फ़ूड इंजीनियरिंग/टेक्नोलॉजी के छात्रों के लिए वर्चुअल प्रयोग विकसित किये गए हैं तथा भविष्य में और भी वर्चुअल प्रयोग विकसित करने के लिए विभाग प्रयासरत रहेगा। टेक्विप-III कोऑर्डिनेटर ब्रजेंद्र शुक्ला एवं डॉ शुभांगी निगम ने भी टीम को बधाई दी।

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