केंद्र सरकार ने श्रमिक संगठनों को कमजोर करने का किया हैं कार्य: आर पी सिंह

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झाँसी। नॉर्थ सेंट्रल रेलवे एम्पलाइज संघ के महामंत्री एवं एनएफआईआर के संयुक्त महामंत्री आर पी सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार ने श्रमिक संगठनों को कमजोर करने का कार्य किया है। इसको लेकर श्रमिक संगठनों में काफी आक्रोश व्याप्त है। यह बात उन्होंने झाँसी में आयोजित नॉर्थ सेंट्रल रेलवे एम्पलाईज संघ की वर्ष 2020 की द्वितीय मंडलीय परिषद सभा में कही है।
उन्होंने कहा है कि कोरोना जैसी महामारी के दौरान संपूर्ण लॉकडाउन में समस्त रेल कर्मचारी देश की आम जनता की सेवा में लगे थे, ताकि इस महामारी में उन्हें कोई परेशानी ना हो। तब सरकार ने कर्मचारियों को मिलने वाले दिए डीए. /डी.आर.(महंगाई भत्ता /महंगाई राहत) के भुगतान पर रोक लगाने के साथ रिक्तियों को भरने पर रोक लगाकर उन्हें प्रमोशन से वंचित करने व संसद में बिना चर्चा के औद्योगिक संबंध कोड 2020 पास कर श्रमिक संगठनों को कमजोर करने का कार्य किया है। उन्होंने कहा संघ रेलगाड़ियों के निजीकरण का पुरजोर विरोध करता है। वहीं, मंडल अध्यक्ष राम कुमार सिंह ने कहा कि ग्रुप सी एवं ग्रुप डी के सभी कर्मचारियों को बिना किसी सीलिंग के रात्रि भत्ते का भुगतान किया जाए तथा यात्री गाड़ियों का संचालन निजी हाथों में देना बंद किया जाए। मंडल मंत्री भानु प्रताप सिंह चंदेल ने कहा कि एनपीएस को रद्द किया जाए एवं सभी विभागों के कर्मचारियों की 12 घंटे ड्यूटी खत्म करके 8 घंटे की ड्यूटी की जाए। टीआरडी विभाग सहित सभी विभागों में यूनिफार्म पाने वाले कर्मचारियों में समान रूप से 10000 वार्षिक यूनिफार्म भत्ता दिया जाए। उधर, मंडल उपाध्यक्ष बी.के. सिंह ने कहा कि ग्रुप सी के अपेक्स ग्रेड को ग्रुप बी में अपग्रेड किया जाए। मंडल संगठक विवेक चड्डा ने कहा कि प्रत्येक रेल कर्मचारी के माता-पिता को सरकारी चिकित्सा सुविधा का लाभ प्रदान किया जाए। इसके अलावा जे.के .चौबे ने कहा कि ट्रैक मेंटेनर को टेक्नीशियन कैडर के समान ग्रेड पे 4200 तक प्रमोशन चैनल दिया जाए एवं उनके लिए एलडीसीई ओपन टू ऑल किया जाए। इसके अलावा वी जी गौतम, अखिलेश सिंह, श्रीमती नीलम सिंह, संजीवन राय, इंद्र विजय सिंह, नीरज दुबे, संजीव नायक, के.एस. शुक्ला, महेंद्र सेन, राजेश गुप्ता, अनिल शर्मा (बंटू), कामता प्रसाद साहू, एस.के. सिंह, के.के. त्रिपाठी, अरविंद दीक्षित, प्रेमचंद मीणा, श्रीमती ममता शर्मा, अंकित भटनागर, सुनीता झा ने भी विचार व्यक्त किए। अंत में आभार मोहम्मद उमर खान ने व्यक्त किया।

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