श्रमिकों का पंजीकरण/नवीनीकरण अब निःशुल्क होगा: कमिश्नर

**********जनसेवा केन्द्र पर निःशुल्क ऑनलाइन पंजीकरण कराने की सुविधा 31 मार्च तक***************** पंजीकरण होने पर श्रम विभाग की 11 जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ मिलेगा********************* ऑनलाइन पंजीकरण कराने हेतु जिला, तहसील, ब्लाक में कैम्प लगवाने के निर्देश**********

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झांसी। मण्डल स्तरीय श्रम बन्धु की बैठक कमिश्नरी सभागार में मण्डलायुक्त सुभाष चन्द्र शर्मा की अध्यक्षता में आयोजित की गयी। जिसमें निर्माण श्रमिको का पंजीकरण, नवीनीकरण, उ0प्र0 भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड के अन्तर्गत जमा उपकर, अधिष्ठान पंजीकरण तथा निर्माण श्रमिकों को हितलाभ प्रदान किये जाने के सम्बन्ध में विस्तार से समीक्षा की गयी और इस बैठक को शासनादेश के क्रम में निर्धारित समय अन्तराल पर कराये जाने हेतु उप श्रमायुक्त को निर्देश दिये।
मण्डलायुक्त ने बताया कि श्रमिकों का पंजीकरण/नवीनीकरण अब सभी जनसेवा केन्द्रों पर 31 मार्च तक 2021निःशुल्क कराया जायेगा। इस पंजीकरण के लिये पहले जो शुल्क लगता था, उसे सरकार द्वारा निशुल्क कर दिया गया है। इस सम्बन्ध में उन्होने उप श्रमायुक्त को श्रमिको का अधिक से अधिक आॅनलाइन पंजीकरण हेतु जनपद, तहसील, ब्लाक स्तर पर कैम्प आयोजित की पंजीकरण की सुविधा उपलब्ध कराने के निर्देश दिये। उन्होने ईट भट्टों सहित अन्य निर्माण स्थलों पर श्रमिकों से वृहद्व स्तर पर जागरुकता अभियान के तहत अधिकतम सम्पर्क कर लाभ उपलब्ध करायें। जिससे वास्तविक पात्र पंजीकृत श्रमिको को जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ प्रदान कराया जा सकें।
उन्होने बताया कि श्रम विभाग की 11 हितलाभ योजनाओं के अन्तर्गत मातृत्व, शिशु एवं बालिका मदद योजना में पंजीकृत महिला श्रमिक के संस्थागत प्रसव की दशा में निर्धारित न्यूनतम वेतन की दर से 03 माह के वेतन तुल्य धनराशि एवं रु 01 हजार का चिकित्सा बोनस देय होगा। पंजीकृत पुरुष कामगारों को रु 6 हजार एकमुश्त देय होगा। पुत्र पैदा होने पर रु 20 हजार वार्षिक तथा पुत्री होने की स्थिति में रु 25 हजार एक बार में एक मुश्त अधिकतम दो नवजात शिशुओं के पौष्टिक आहार हेतु देय होगी। प्रथम संतान लड़की होने अथवा दूसरी संतान भी लड़की होने पर रु 25 हजार बतौर सावधि जमा जो 18 वर्ष के लिये होगी। जन्म से दिव्यांग बालिकाओं को रु 50 हजार बतौर सावधि जमा जो 18 वर्ष के लिये होगी, भुगतान किया जायेगा। सन्त रविदास शिक्षा सहायता योजना में निर्माण श्रमिकों के 25 वर्ष तक के अधिकतम 02 बच्चों (पुत्र/पुत्रियों) को कक्षा-1 से उच्चतर शिक्षा हेतु न्यूनतम रु 100 मासिक से रु 5 हजार मासिक तक विभिन्न दरों से छात्रवृत्ति का भुगतान, पंजीकृत निर्माण श्रमिक की पुत्रियों को 10 वीं, 12 वीं पास करने पर साइकिल दी जायेगी। मेधावी छात्र पुरस्कार योजना में मेधावी छात्र/छात्राओं को कक्षा-5 से लेकर उच्च शिक्षा हेतु रु 04 हजार से रु 22 हजार तक की वार्षिक छात्रवृत्ति। कौशल विकास तकनीकी उन्नयन एवं प्रमाणन योजना में श्रमिक या उसके पुत्र/पुत्री के व्यावसायिक प्रशिक्षण पर व्यय की गयी धनराशि की प्रतिपूर्ति तथा प्रशिक्षण काल में श्रमिकों के मजदूरी का भुगतान। कन्या विवाह सहायता योजना में श्रमिकों की पुत्रियों के विवाह हेतु रु 55 हजार एवं अन्तर्जातीय विवाह में रु 61 हजार प्रति विवाह अनुदान दो पुत्रियों के विवाह हेतु। आवास सहायता योजना में पंजीकृत निर्माण श्रमिक के आश्रयहीन होने अथवा अधिकतम दो कच्चे कमरे वाले अपनी जमीन पर मकान बनाने अथवा मकान क्रय हेतु रु 01 लाख की आर्थिक सहायता दो किश्तों में दी जायेगी। शौचालय निर्माण हेतु रु 12 हजार की धनराशि दो समान किश्तों में तथा मकान मरम्मत हेतु रु 15 हजार एक मुश्त दी जायेगी।
गम्भीर बीमारी सहायता योजना में ह्रदय का आपरेशन, गुर्दा, लीवर का प्रत्यारोपण, मस्तिक, कैंसर का इलाज, आंख, पथरी, एपेन्डिक, महिलाओं में स्तन कैंसर जैसी गम्भीर बीमारियों का इलाज में व्यय की प्रतिपूर्ति का लाभ किया जाता है। चिकित्सा सुविधा योजना में पंजीकृत विवाहित निर्माण श्रमिक को प्रतिवर्ष रु 3 हजार अविवाहित को रु 02 हजार प्रतिवर्ष। महात्मा गांधी पेंशन सहायता योजना में 10 वर्ष तक लगातार अंशदान जमा करने पर रु 1 हजार की आजीवन मासिक पेंशन की सुविधा, निर्माण कर्मगार मृत्यु, विकलांग सहायता एवं अक्षम्यता पेंशन के तहत कार्य स्थल पर दुर्घटना में मृत्यु होने पर रु 5 लाख, सामान्य मृत्यु पर 02 लाख, स्थायी अपंगता पर 3 लाख तथा आंशिक अपंगता पर 02 लाख तथा श्रमिक के पंजीकृत न होने की दशा में कार्य स्थल पर मृत्यु पर 50 हजार रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। निर्माण कामगार अन्त्येष्टि सहायता योजना में पंजीकृत एवं अद्यतन नवीनीकृत निर्माण श्रमिक की मृत्यु पर अन्त्येष्टि क्रिया हेतु 25 हजार रुपये धनराशि की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है।
मण्डल स्तरीय समीक्षा के दौरान उप श्रमायुक्त नदीम अहमद ने प्रगति आख्या प्रस्तुत करते हुये अवगत कराया कि झांसी-ललितपुर-जालौन जनपदों में श्रमिको के पंजीकरण लक्ष्य के सापेक्ष किया जा रहा है, लेकिन नवीनीकरण का प्रतिशत कम होने पर और अधिक प्रगति लाने के निर्देश दिये गये। इसके अतिरिक्त उ0प्र0 भवन एवं सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड के अनुसार जमा उपकर तथा अधिष्ठान पंजीकरण में ललितपुर जनपद की प्रगति बढ़ाने के निर्देश दिये। श्रमिकों को वितरित जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ दिये जाने के सम्बन्ध में झांसी 14819 लाभार्थियों को रुपये 2 करोड़ 56 लाख 97 हजार 575, ललितपुर 11961 लाभार्थियों को 2 करोड़ 12 लाख 93 हजार 224, जालौन 12746 लाभार्थियों को 1 करोड़ 61 लाख 64 हजार 590 सहित मण्डल में कुल 39526 लाभार्थियों को रुपये 6 करोड़ 31 लाख 55 हजार 389 धनराशि की योजनाओं का लाभ प्रदान किया गया।
बैठक में समिति के सदस्य मंजूलता सक्सैना, डा रेनु माथुर, विजय जैन, अंचल अडजरिया, अनार सिंह, अवधेश कुमार गुप्ता, नवीन गुप्ता, पंकज नारायण गोस्वामी सहित झांसी, ललितपुर, जालौन के श्रम विभाग तथा अन्य सम्बन्धित अधिकारी भी उपस्थित रहे।

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