कठोर परिश्रम कर फोरेंसिक साइंस के क्षेत्र में अपना नाम रोशन करे : प्रो सहगल

फोरेंसिक साइंस में असाधारण कार्य के लिए डा. आरके सरीन और डा. अरुण शर्मा सम्मानित

0
2101

झांसी। बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के कार्यवाहक कुलपति प्रो. वीके सहगल ने युवाओं का आह्वान किया कि वे कड़ा परिश्रम कर फोरेंसिक साइंस के क्षेत्र में अपना नाम रोशन करें। वे शनिवार को बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के गांधी सभागार में डा. एपीजे कलाम इंस्टीट्यूट आफ फोरेंसिक साइंस एंड क्रिमिनोलॉजी के तत्वावधान में डीएनए टेक्नोलॉजी पर आयोजित तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन के समापन सत्र में जुटे विशेषज्ञों और विद्यार्थियों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि परिश्रम से अर्जित ज्ञान कभी व्यर्थ नहीं जाता। उन्होंने उम्मीद जताई कि समाज में अपराध लगातार बढ़ रहे हैं। ऐसे में निश्चित तौर पर फोरेंसिक साइंस का स्कोप लगातार बढ़ रहा है। उन्होंने सम्मेलन के सफल आयोजन के लिए संयोजक और उनकी टीम के सदस्यों की सराहना भी की। इस बात पर खुशी भी जताई कि लड़कियों ने भी इस सम्मेलन में बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया और पुरस्कार अर्जित करने के मामले में भी वे आगे रहीं।
मध्य प्रदेश के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक टेक्नीकल सर्विस डीसी सागर ने युवाओं की हौसला आफजाई की। उन्होंने कहा कि शोध छात्रों को कठिन श्रम करना चाहिए। इसका लाभ यह होता है कि उनके रोजगार के विकल्प बढ़ जाते हैं। कड़ा परिश्रम जहां एक ओर सरकारी नौकरियों की संभावना को बढ़ा देता है, वहीं दूसरी ओर यह आप के खुद के उद्यमी बन दूसरों को नौकरियां देने के अवसर भी मुहैया करा देता है। यदि आप ठीक से ज्ञान हासिल करेंगे तो वह हमेशा आप के काम आएगा। आप चाहे नौकरी करें या उद्यमी बनें। उन्होंने कहा कि फोरेंसिक साइंस की पढ़ाई कर रहे युवाओं को निराश होने की जरूरत नहीं है। उनके समक्ष रोजगार की अपार संभावनाएं हैं।
इस सम्मेलन में डा. राजेश यादव ने फोरेंसिक साइंस डेवलपमेंट सोसाइटी के क्रियाकलापों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। इसी मौके पर सोसाइटी की ओर से फोरेंसिक साइंस विधा में असाधारण कार्य के लिए डा. आरके सरीन और डा. अरुण शर्मा को सम्मानित किया गया। डा. पंकज श्रीवास्तव को प्रो. लालजी सिंह स्मृति पुरस्कार से नवाजा गया। यह पुरस्कार डा. एपीजे कलाम इंस्टीट्यूट आफ फोरेंसिक साइंस एंड क्रिमिनोलॉजी की ओर से दिया गया।
पोस्टर प्रतियोगिता में अंडर ग्रेजुएट वर्ग में प्रिया सिंह और साथी प्रथम, मीनाक्षी एवं साथी द्वितीय तथा रंजीत एवं साथी तृतीय रहे। पोस्ट ग्रेजुएट ग्रुप में नेहा रावत प्रथम, आकांक्षा दीक्षित एवं साथी द्वितीय तथा प्राची एवं साथी तृतीय रहे। प्रोफेशनल ग्रुप में सुमित सिंह एवं साथी प्रथम रहे। ओरल प्रेजेंटेशन में रिसर्च स्कालर ग्रुप में अमिता यादव प्रथम, जसकिरणप्रीत द्वितीय और अभिमन्यु हर्षे तृतीय रहे। वैज्ञानिक वर्ग में डा. नरेश कुमार प्रथम, डा. रीतेश शुक्ल द्वितीय और डा. आशीष और उनके साथी तृतीय रहे। एफएसडीएस ट्रेवल अवार्ड दीपाली और उनके साथियों तथा आदित्य कुमार को दिया गया। सम्मेलन का संचालन डा.कृति निगम ने किया। इस मौके पर अधिष्ठाता विज्ञान संकाय प्रो. एसके कटियार, सम्मेलन के संयोजक डा. अंकित श्रीवास्तव, प्रो एमके ठक्कर, डा. हर्ष शर्मा, सचिव डा. विजय कुमार यादव, डा. हर्ष शर्मा, डा. अरुण शर्मा, डा. अनु सिंगला, मनीषा शर्मा, उमेश शुक्ल, डा. ऋषि सक्सेना, सतीश साहनी, डा. बालेंदु सिंह, डा. सर्वेंद्र सिंह, डा आरडी कुदेशिया, सरोज कुमार आदि उपस्थित रहे। इससे पूर्व चले तकनीकी सत्र में कई शोधार्थियों ने अपने शोध पत्र प्रस्तुत किए।

LEAVE A REPLY