जिले में लगा कोरोना का पहला टीका, पांच केन्‍द्रों पर हुआ शुभारंभ

**प्रतिरक्षित लोगों को 15 फरवरी को दी जाएगी दूसरी डोज

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झाँसी। जिले में कोरोना का पहला टीका लगने के साथ ही शनिवार को कोविड –19 टीकाकरण अभियान की शुरुआत हो गई है। शाम पांच बजे तक जिले में पंजीकृत लोगों को कोविड –19 टीका से प्रतिरक्षित किया गया। प्रतिरक्षित लोगों को कोविड – 19 टीका की अगली डोज के लिए 15 फरवरी की तारीख दी जाएगी। इसके लिए उनके मोबाइल पर मैसेज भी आएगा।
जिलाधिकारी आन्द्रा वामसी ने बताया कि कोरोना वायरस कि अब उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है। विश्व में तबाही मचाने वाले कोविड-19 वायरस जैसी विकराल समस्या का अब समाधान निकल चुका है। जिले के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र के कुल 5 अस्पतालों में भी जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की निगरानी में टीके को लांच किया गया। जिलाधिकारी ने बताया कि जिले में 15 जनवरी तक 10321 मरीज पॉजिटिव आए हैं। जिसमें 8263 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं। वर्तमान में 128 एक्टिव केस हैं तथा अब तक जनपद में कुल 174 लोगों की कोरोना संक्रमण से मृत्यु हुई है।


मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ जी के निगम ने बताया कि जनपद में कोरोना को मात देने के लिए वैक्सीन की शुरुआत हो चुकी हैं। शनिवार को लांचिंग के लिए जिला, ब्लॉक एवं सत्र स्तर पर नोडल अधिकारियों और पर्यवेक्षकों को नामित किया गया था। इसके पहले जिले में दो बार ड्राई रन यानी पूर्वाभ्यास भी किया जा चुका है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने कहा कि भारत में विकसित कोरोना वैक्सीन पूरी तरह प्रभावी है। कोल्ड चेन के मानकों को पूर्ण करते हुये यह वैक्सीन जिले में आई है। उन्होंने बताया कि अत्याधुनिक तकनीक से हम कोल्ड चेन बनाए हुये हैं। सीएमओ ने बताया कि पहले डोज के बाद दूसरा डोज 28वें दिन लगेगा। टीका लगने के बाद आधे घंटे तक टीकाकरण केंद्र पर रुकना होगा। प्रतिरक्षित व्यक्ति को यदि बेचैनी या किसी भी तरह की समस्या होती है तो निकटतम स्वास्थ्य अधिकारियों, एएनएम और आशा को इसकी सूचना दें। इसके लिए एंबुलेंस सेवा 108 भी उपलब्ध रहेगी। प्रतिरक्षित व्यक्ति भी कोरोना अनुरूप व्यवहारों जैसे मास्क पहनना, हाथ की सफाई और 6 फीट की शारीरिक दूरी बनाये रखने का पालन करें।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि कोई व्यक्ति बिना पंजीकरण के कोरोना वैक्सीन नहीं प्राप्त कर सकता है। कोरोना वैक्सीनेशन के लिए पंजीकरण के बाद ही सत्र स्थल और समय की जानकारी दी जायेगी। फोटो आईडी पंजीकरण और सत्यापन दोनों के लिए जरूरी है। ऑनलाइन पंजीकरण के बाद लाभार्थी को वैक्सीनेशन की नियत तिथि, स्थान और समय के बारे में मोबाइल पर एसएमएएस प्राप्त होगा। कोरोना वैक्सीन की उचित खुराक मिलने पर लाभार्थी को उनके मोबाइल नंबर पर एक क्यूआर कोड आधारित प्रमाण पत्र भी भेजा जायेगा।
सत्यापन के लिए आवश्यक अगर आप कोविड – 19 टीकाकरण के लिए जा रहे हैं तो अपना एक पहचान पत्र ले आना न भूलें। इसमें आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, वोटर आइडी एवं पैन कार्ड, पासपोर्ट, जॉब कार्ड, पेंशन दस्तावेज, मनरेगा कार्ड , स्वास्थ्य बीमा स्मार्ट कार्ड, सांसदों, विधायकों, एमएलसी को जारी आधिकारिक प्रमाण पत्र, बैंक, पोस्ट ऑफिस की पासबुक, केंद्र, राज्य सरकार या पब्लिक लिमिटेड कंपनियों द्वारा जारी सेवा आईडी कार्ड आदि में कोई एक हो सकता है। महारानी लक्ष्मी बाई मेडिकल कॉलेज में कोरोना वायरस की वैक्सीन लगाए जाने के अवसर पर आईजी एसएस बघेल, मुख्य विकास अधिकारी शैलेष कुमार, एसीएमओ डॉ सुधीर कुलश्रेष्ठ एसीएमओ डॉ एनके जैन, डॉ अंशुल जैन, डॉक्टर नीरज सहित अन्य चिकित्सक व मेडिकल स्टाफ उपस्थित रहा।

**पहले पाँच लाभार्थियों ने साझा किये अपने अनुभव

झांसी। कोरोना वैक्सीन का एक लंबा इंतजार आज खत्म हो गया। सभी के लिए कोविड की शुरुआत से लेकर लॉकडाउन का समय सब एक अलग ही अनुभव था। जब वैक्सीन आई तो इसे सबसे पहले लगवाने वालों का अनुभव भी अनोखा रहा। जनपद के 5 स्थानों पर आज टीकाकरण की शुरुआत हुई। इन्ही पाँच स्थानों पर आए सबसे पहले लाभार्थियों ने साझा किया अपना अनुभव।

मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ॰ नरेंद्र सेंगर ने मेडिकल कॉलेज में शुरू हुये टीकाकरण में पहला टीका लगवाया। अपना अनुभव साझा करते हुये डॉ॰ सेंगर ने बताया कि मुझे किसी प्रकार की कोई दिक्कत नही हुयी। इंजेक्शन के दर्द भी ऐसा था कि उन्हें पता ही नहीं चला कि कब इंजेक्शन लग गया।

जिला अस्पताल के डॉक्टर और कोविड वैक्सीन लगवाने वाले पहले लाभार्थी डॉ॰ आनंद द्विवेदी ने अपना अनुभव साझा करते हुये बताया कि उनको एसएमएस के द्वारा जानकारी मिली थी कि उनका टीकाकरण जिला अस्पताल में होगा। वैक्सीन लगने से पहले और बाद में भी उन्हे कोई समस्या नहीं हुई।

जिला महिला अस्पताल में संचालित शिविर में डीडबल्यूएच में कार्यरत कुक अर्चना परिहार को पहला टीका लगाया गया। अर्चना ने बताया कि यह एक आम प्रक्रिया जैसी ही लगी, उन्हें किसी प्रकार की कोई समस्या नहीं हुई। सावधानियों के तौर पर उन्हें बताया गया कि यदि किसी प्रकार की समस्या होती है तो वह अस्पताल में सूचना दे। साथ ही उन्हे बताया गया कि कोविड अभी ख़त्म नहीं हुआ है अतः मास्क और सामाजिक दूरी का पालन जरूर करे।

बंगरा आरबीएसके टीम की फिजियोथेरिपिस्ट आकांक्षा वैद्य जब शिविर में टीकाकरण कराने आई, तो उन्हे पता चला कि उनका पहला नंबर है। आकांक्षा बताती है कि शुरू में मन में थोड़ी घबराहट तो हुई, लेकिन टीका लगने के बाद सारा डर निकल गया। वह बताती है कि परिवार के सदस्य टीका लगवाने के लिए मना कर रहे थे। लेकिन पति के सहयोग ने उन्हे हिम्मत दी। वह बताती है यह पहली बार का है तो सभी के मन में डर है। लेकिन शुरुआत कभी न कभी तो होनी ही थी। और वह खुश है कि इसकी शुरुआत का पहला हिस्सा वह बनी।

मोठ सामुदायिक केंद्र पर कार्यरत एलएचवी आशा शर्मा पहले से भी कई बीमारियों से ग्रसित है, हालांकि कोविड के समय वह कभी कोविड पॉज़िटिव नहीं हुई। अपना अनुभव साझा करते हुये आशा जी बताती है कि वह कभी किसी चीज की टेंशन नहीं लेती है। वह बताती है कि मैंने आराम से टीका लगवाया 30 मिनट ले लिए मुझे निगरानी में रखा गया। अब अगली डोज़ के लिए 15 फरवरी को फिर से आएंगी।

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