‘नाटक’ कला की विशिष्‍ट विधा है : डाॅ. श्‍वेता पाण्डेय

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झांसी। एमपीएसडी इन्टर्नशिप तथा बुन्देलखण्ड नाट्य कला केन्द्र, झांसी के संयुक्त तत्वावधान में आज सिद्धेश्‍वर नगर स्थित बुन्देलखण्ड नाट्य समिति के प्रेक्षागृह में झांसी के नाटककार सुरेंद्र वर्मा द्वारा लिखित मरणोपरान्त का मंचन आज सायं 7 बजे से किया गया।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में बुन्देलखण्ड विश्‍वविद्यालय के ललितकला संस्थान की समन्वयक डा.श्‍वेता पाण्डेय तथा भास्कर जनसंचार एवं पत्रकारिता संस्थान के विभागाध्यक्ष डा. सीपी पैन्यूली थे, जबकि विशिष्‍ट अतिथि सीआईटीआई एंटरटेनमेंट नेटवर्क, चंडीगढ की अध्यक्षा डाॅ. दीप्ति शास्त्री रहीं। इस दौरान डाॅ. दीप्ति शास्त्री ने कहा कि झांसी में नाट्य एवं रंगमंच की शुरूआत होना एक सुखदायी अहसास है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि युवा रंगमंच के इन प्रयोगों से प्रेरणा लेकर अपना भविष्‍य बना सकते हैं तथा झांसी का नाम रोशन करेंगे। मुख्य अतिथि डा. श्‍वेता पाण्डेय ने कहा कि नाटक कला की विशिष्‍ट विधा है। उन्होंने दोनों कलाकारों की प्रतिभा तथा नाटक में किये अभिनय की प्रशंसा करते हुए कहा कि कलाकारों का अभिनय तथा भावाभिव्यक्ति इतनी अदभुत थी कि समय का पता ही नहीं चला। उन्होंने कहा कि नाटक तथा उसके पात्रों के प्रदर्शन की विशेेेेषता होती है। प्रस्तुत नाटक मरणोपरान्त झांसी के साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित प्रतिष्‍ठित साहित्यकार एवं नाटककार सुरेंद्र वर्मा द्वारा लिखित है। नाटक मरणोपरान्त विवाहेत्तर सम्बन्धों को दर्शाता है कि हममें से हर व्यक्ति अपनी जिंदगी मे हर सम्भव खुशी हासिल करना चाहते है, लेकिन हमारी खुशी किस तरह दूसरों की भावनाओं को ठेस पहुंचाती है, यह इस नाटक का मूल भाव है। नाटक में विशाल कुमार एवं डा. कृपांशु द्विवेदी ने मुख्य भूमिकाओं का निर्वहन किया। नाटक की परिकल्पना एवं निर्देशन मध्यप्रदेश नाट्य विद्यालय के छात्र रह चुके डा. कृपांशु द्विवेदी ने किया है। डा. द्विवेदी वर्तमान में स्तनिस्लावस्की एवं माइकल चेखव की नाट्य तकनीक पर कार्य कर रहे है।
नाटक का मार्गदर्शन एवं आयोजन राजा मानसिंह तोमर संगीत एवं कला विश्वविद्यालय ग्वालियर के नाट्य एवं रंगमंच संकाय के विभागाध्यक्ष डा. हिमांशु द्विवेदी ने किया जबकि संगीत संयोजन स्वराज रावत ने किया है। मंच से परे अनूप कुशवाह तथा साथी मुख्य भूमिका में रहे। इस अवसर पर डा.सन्तोश पाण्डेय, आलोक चटर्जी, संजय उपाध्याय आदि मौजूूूद रहे।

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