क्राप कटिंग सावधानीपूर्वक व संवेदनशील होकर किया जाना अनिवार्य

**क्राप कटिंग से ही जीडीपी का आंकलन तथा खाद्यान्न नीति निर्धारण सम्भव ** **क्राप कटिंग के माध्यम से ही किसानों की फसल में हुये नुकसान का सही आंकलन हो सकता है

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झाँसी। जिलाधिकारी आन्द्रा वामसी ने ग्राम टांकोरी तहसील झाँसी में क्राप कटिंग का निरीक्षण किया। उन्होने कहा कि क्राप कटिंग बेहद महत्वपूर्ण है। क्राप कटिंग के परिणाम से उत्पादन एवं उत्पादकता का अनुमान लगाया जाता है तथा इसका उपयोग सकल घरेलु उत्पाद (जीडीपी) का आंकलन तथा खाद्यान्न नीति का निर्धारण व उत्पादन को बढाने एवं उत्पादकों को सुरक्षित रखने और निर्यात करने आदि की रणनीति तैयार करने में होता है।
उन्होने कहा कि रबी वर्ष 2021-22 मौसम में चयनित गेहूं की क्राप कटिंग प्रयोगों के सम्पादन सम्बन्धी सभी नियमों का अक्षरशः पालन सुनिश्चित करते हुये क्राप कटिंग की गई, जिलाधिकारी ने बताया कि उत्तर प्रदेश की मुख्य फसलों की क्राप कटिंग प्रयोगों के परिणाम के आधार पर राष्ट्रीय कृषि फसल बीमा के अन्तर्गत कास्तकारों की फसलों में हुये नुकसान का सही पता लगाया जाता है तथा उक्त परिणामों के आधार पर कास्तकारों को हुये फसल नुकसान की क्षतिपूर्ति की धनराशि दी जाती है।
जिलाधिकारी ने ग्राम टांकोरी में वर्ष 2021-22 फसल गेहूं की क्राप कटिंग प्रयोगों का स्थलीय निरीक्षण किया। गाटा संख्या 276 जिसके कास्तकार नसीर खां पुत्र रसूल खां है का “आदर्श फार्मूला” के अन्तर्गत रैण्डम विधि से चयन किया गया। कटाई के दौरान गेहूं की 10.990 किग्रा उपज हुई। विद्यमान नियमों के अनुसार किये गये विश्लेषण से फसल गेहूं की औसत उपज लगभग 10.990 कुन्तल प्रति एकड़ लगाया गया। इस मौके पर तहसीलदार सदर मनोज कुमार, किसान नसीर खां सहित राजस्व निरीक्षक, लेखपाल व अन्य तहसील कार्मिक उपस्थित रहे।

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