कैंसर के इलाज के लिए दर-दर भटकने को मजबूर हुए बुन्‍देलखण्‍डवासी : प्रदीप जैन

पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रदीप जैन ने सीएम को लिखा पत्र

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झाँसी। पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रदीप जैन आदित्य ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को पत्र लिख कर बुंदेलखंडवासियों के स्वास्थ के साथ खिलवाड़ न करने को कहा। उन्होंने लिखा कि बुंदेलखंडवासियों की पुरज़ोर मांग पर प्रशासन ने भी यह माना था कि झाँसी मेडिकल कॉलेज में टर्सरी केयर कैंसर सेंटर टीसीसीसी कि बहुत ज़्यादा आवश्यकता है और केंद्र और राज्य सरकार द्वारा भेजी गई टीम ने इस प्रोजेक्ट के पक्ष में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की थी। उम्मीद की जा रही थी कि गरीब जनता को कैंसर के इलाज के लिए मुंबई और दिल्ली कि ओर भाग कर दर-बदर भटकना नहीं पड़ेगा।
वर्ष 2016 में केंद्रीय स्वास्थ मंत्री कि घोषणा के बाद यह उम्मीद बंध रही थी कि सरकार झाँसी मेडिकल कॉलेज में कैंसर के मरीज़ अपना इलाज करवा सकेंगे लेकिन हर बार कि तरह यह भी जुमला साबित हुआ। यह समाचार जानकर बुंदेलखंडवासी सकते में हैं कि प्रशासन कि घोर लापरवाही की क़ीमत उनको अपनी जान देकर चुकानी पड़ेगी। गरीब आदमी का तो कैंसर के इलाज में मकान दुकान सब बिक जाती है। ऐसे में क्या ये सोचना गलत है कि वर्ष 2016 में सरकार ने दिवा स्वप्न दिखाया और फिर उस पर पानी फेर दिया।
इस तरह इस प्रोजेक्ट को निरस्त करके सरकार ने बुंदेलखंडवासियों के साथ विश्वासघात किया है जो कभी भी सहन नहीं किया जायेगा और इसे भुलाया भी नहीं जायेगा। सरकार को चाहिए लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही करे और इस प्रोजेक्ट कि स्थापना के लिए फिर से कार्यवाही शुरू करे और इस प्रोजेक्ट को निरस्त न किए जाने की घोषणा करके जनता से किए गए वादों को निभाएं। हम उम्मीद करते हैं की मेडिकल कॉलेज झाँसी में टीसीसीसी की स्थापना का कार्य पुनः प्रारम्भ कर आप यहां की जनता को मायूसी से बाहर निकालेंगे। सीबीआई से यह भी जाँच करवाई जाना चाहिए कि झाँसी मेडिकल कॉलेज में कोबाल्ट मशीन का सिर्फ सोर्स बदला जाना था लेकिन यह मशीन कहाँ गई यह आज तक किसी को मालूम नहीं हुआ। इस मशीन के सड़क पर आते ही इसकी निगरानी की जाती है। ऐसे में मालूम होना चाहिए की मेडिकल कॉलेज झाँसी की ये मशीन अब कहां है।

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