ऑक्सीज़न की कमी दूर करने को जिले के 8 स्वास्थ्य केन्द्रों पर लगाए गए 40 कन्सेन्ट्रेटर – डीएम

* **रेलवे और जिला अस्पताल में की गई वेंटिलेटर की व्यवस्था **डीएच सहित पांच अस्पतालों में लगाएँ गए एचएफ़एनओ

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झांसी। कोविड-19 उपचाराधीन गंभीर मरीजों के ऑक्सीज़न की कमी को दूर करने के लिए जनपद के आठ स्वास्थ्य केन्द्रों पर 40 ऑक्सीज़न कन्सेन्ट्रेटर लगाए गए हैं| इसके अलावा रेलवे अस्पताल में 4 और जिला अस्पताल में 2 वेंटिलेटर शुरू कर दिये गए हैं। जनपद के चार स्वास्थ्य केन्द्रों पर हाई फ़्लो नजल ऑक्सीज़न (एचएफ़एनओ) लगाए गए हैं। यह जानकारी जिलाधिकारी आन्द्रा वामसी ने दी।
जिलाधिकारी ने बताया कि जनपद के कोविड मरीजों के उपचार के प्रति निरंतर प्रयास के चलते यह सुविधाएं बढाई जा रहीं हैं ताकि मरीजों को उचित उपचार मिल सके। जनपद में वार्ड नंबर 10- मेडिकल कॉलेज, रानीपुर, गरौठा, समथर, केण्ट हॉस्पिटल, बीएचईएल, बरुआसागर तथा बड़ागाँव सीएचसी सहित सभी जगह 5-5 ऑक्सीज़न कन्सेन्ट्रेटर दिये गए, जिससे कि ऑक्सीज़न की कमी को पूरा किया जा सके। श्वसन संबंधी समस्या के लिए जिला अस्पताल, वार्ड नंबर 10 मेडिकल कॉलेज एवं मेडिकल कालेज एल-1, रेलवे हॉस्पिटल, बीएचईएल में दो-दो एचएफ़एनओ मशीन स्थापित की गयी है।

क्या है हाई फ़्लो नजल ऑक्सीज़न (एचएफ़एनओ)

जिलाधिकारी आंद्रा वामसी ने बताया कि यह ऑक्सीज़न देने की प्रक्रिया है जो गंभीर मरीजों को दी जाती है। ऑक्सीज़न की कमी से जूझ रहे मरीजों को सबसे पहले मास्क के द्वारा ऑक्सीज़न दी जाती है, यदि उससे भी आराम न मिले तो बाईपैप प्रक्रिया के द्वारा ऑक्सीज़न दी जाती है, इसके बाद हाई फ़्लो नजल ऑक्सीज़न प्रक्रिया दी जाती है। यदि मरीज को फिर भी आराम नहीं मिलता तो उसे वेंटिलेटर पर रखा जाता है। जिलाधिकारी ने बताया कि कोवीड संक्रमित गंभीर मरीजों को उचित उपचार दिलाए जाने के लिए प्रशासन पूर्णतयः कटिबद्ध है, उन्होंने बताया कि रेलवे अस्पताल में चार वेंटिलेटर एक्टिवेट हो गए हैं इसके साथ ही जिला अस्पताल में भी दो वेंटिलेटर एक्टिवेट हो गए हैं जहां अति गंभीर मरीजों को भर्ती किया जाएगा।

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