नारी को नमन : परिवार की देखभाल के साथ करती हैं यह सभी समाजसेवा (भाग 6)

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पता ही नहीं चला कब अल्‍हड़ता खत्‍म हुई और जिम्‍मेदारियों ने घेरा

झांसी। जब कमाने निकला तो समझ आया कि खुद कमाकर तो जरुरत पूरी हो पाती हैं, शौक तो माता पिता के पैसों से ही पूरे होते हैं, यह किसी शायर की लिखी लाईनें हर किसी पर लागू होती हैं। इसका एक उदाहरण जेसीआई गूंज की सचिव निशु जैन को भी कह सकते हैं, जिनका बचपन माता पिता के प्‍यार में गुजरा तो उनको कभी किसी बात का अहसास नहीं हो पाया कि उनकी जिद आखिर कैसे पूूूूरी होती है। यह अहसास उनकी बेटी ने उनको कराया।
इस सम्‍बंध में जेसीआई गूंज की सचिव निशु जैन बताती हैं कि शादी से पहले एक बेटी थी और अब एक बहू, पत्नी, माँ हूूं। बहुत से रिश्‍ते शादी के बाद जुड़ते हैं और उन सभी रिश्तों को सफलता के साथ निभाती हुयी आज मैं जेसीआई गूँज से जुड़कर एक समाज सेविका का भी फर्ज निभा रही हूूं।
उन्‍होंने बताया कि मेरा असली सफर शादी के बाद से शुरू हुआ, शादी से पहले कोई जिम्मेदारी नहीं थी। किसी रिश्ते की समझ नहीं, बस एक अल्हड़, जिद्दी और एक हंसमुख लड़की थी। जब मन करा सोना, जब मन करा उठना, मम्मी की डांट को हँसी में टालना, पापा से सारी जिद्द पूरी कराना, भाई बहन के साथ छोटी छोटी बात पर लड़ना और फिर मान जाना और उनको मनाना।
अब सोचती हूं कि अभी शादी को सिर्फ 3 साल हुए है और मैं कितनी बड़ी हो गयी हूूं और एक सुन्दर प्यारी सी बेटी अनोखी की माँ हूूं। पता ही नहीं चला की कब सब जिम्मेदारियां निभानी आ गयीं। कभी तो रिश्तों की कोई समझ नहीं थी और अब दुनिया को समझने और जानने लगी हूूं। शादी के बाद आज मुझे इस मुकाम तक पहुंचने में मेरे पूरे परिवार का आर्शीवाद और प्‍यार है। कहते है कि मायके में तो बेटी बहुत ही अच्छे से लाड़ प्यार से रहती है, पर ससुराल में एक नयी जिंदगी मिलती है। बस अब यही जिंदगी मुझे बहुत प्यारी लगती है। शादी से पहले एक टीचर थी स्कूल में जॉब करती थी। सोचती थी कही शादी के बाद ये सब आजादी छिन ना जाए, लेकिन यहाँ का सफर तो मेरे लिए और भी आसान था। सब कुछ वही मायके जैसा कभी उठो, कभी सोओ कुछ भी करो। हालांकि अब मेेेेरी जिम्‍मेदारियां बढ़ चुकी हैं और नींद उड़ चुकी है। परिवार के प्रति जिम्‍मेदारी के साथ बेटी का लालन पालन तो करना ही होता है। साथ ही गूंज की साथियों के हाथ से हाथ मिलाकर हर अच्‍छे काम में शामिल होना अब अादत में आ गया है। गरीब और असहाय लोगों की मदद के लिए गूंज और मैं सदैव प्रयासरत् रहते हैं।

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