कलाकारों व कलाओं को सम्मान के साथ साथ अवसर मिलना जरूरी: आयुक्त

********मंडलायुक्त की अध्यक्षता में सांस्कृतिक विंग की बैठक संपन्न ********** बुंदेली सांस्कृतिक धरोहर के संरक्षण का रोडमैप होगा तैयार ************मंडल स्तरीय कार्यालयों में लगेंगी बुंदेली चित्रकला की कृतियां

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झांसी। सांस्कृतिक विरासत किसी समाज का वह मापदंड है, जिससे उसकी वास्तविक समृद्धि का पता लगाया जा सकता है। गायन, नृत्य, रंगमंच, लोक कलाएं ऐसी विरासत हैं जो किसी समाज के समग्र उन्नयन का प्रतीक होती हैं इन्हें सहेजना, सवारना, इससे जुड़े हुए लोगों को संरक्षण व मंच देना समय की मांग है। उक्त बातें मंडलायुक्त झाँसी डॉ अजय शंकर पाण्डेय ने कमिश्नरी सभागार में सांस्कृतिक विंग की बैठक में कहीं।
उन्होंने कहा कि ऐसा ना हो कि संचार क्रांति और आधुनिकता के द्वंद में स्थानीय मौलिक लोक कलाएं विलुप्त हो जाएं। इसी उद्देश्य की पूर्ति के लिए आज मंडलायुक्त की अध्यक्षता में सांस्कृतिक विंग की बैठक आयोजित की गई। बैठक में सांस्कृतिक विंग के संयोजक व एन.एच.एम. के मंडलीय परियोजना प्रबंधक आनन्द चौबे ने की। गतिविधियों के रोडमैप तैयार करने पर विस्तार से प्रस्तुतीकरण किया व सांस्कृतिक विंग की समिति व उपसमितियों के गठन पर चर्चा कराई। आयुक्त ने आज कलाकारों के साथ बराबरी से बैठकर उसी कुल्हड़ में चाय पी जिसमें कलाकारों को चाय सर्व की गई थी उन्होंने अपने कप को हटाते हुए कलाकारों के साथ बैठकर जमकर बातें की तथा बुंदेली सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करने पर उनके प्रस्ताव मांगे। आयुक्त ने अंत में कहा कि कलाकारों और कलाओं को सम्मान देना बहुत जरूरी है वरना यह कलाएं समय के साथ विलुप्त हो जाएंगी
बैठक में झाँसी मंडल के तीनों जिलों के लगभग 30 कलाकारों सहित अपर आयुक्त पीके सिंह, ज्वाइंट डेवलपमेंट कमिश्नर मिथिलेश सचान, मंडलीय परियोजना प्रबंधक आनंद चौबे, डॉ नीति शास्त्री, डॉ पुनीत बिसारिया, पन्नालाल असर, डॉ श्वेता पांडे, मधु श्रीवास्तव, डॉ रामशंकर भारती, सीताराम कुशवाहा, आरिफ शहडोली ने भाग लिया।

बैठक में यह दिए मण्‍डलायुक्‍त ने निर्देश

1. बुंदेली सांस्कृतिक धरोहर का एनसाइक्लोपीडिया तैयार किया जाए।
2. सांस्कृतिक दलों को भारत व राज्य सरकार के कार्यक्रमों से जोड़ने का कार्य किया जाए।
3. उत्तर मध्य सांस्कृतिक क्षेत्र प्रयागराज में बुंदेलखंड के कलाकार पंजीकरण हो।
4. बुंदेली लोक कला से सजाएंगे झांसी मंडल के मंडलीय कार्यालय – झांसी मंडल के सभी मंडल स्तरीय कार्यालयों में बुंदेली लोक संस्कृति से संबंधित चित्रों का प्रदर्शन किए जाने का निर्णय लिया गया। कार्यालयों में एक एक विधा का चयन कर चित्र कृतियों का प्रदर्शन होगा, सर्वप्रथम आयुक्त के सभागार परिसर को बुंदेली चित्रकला से सजाया जाएगा।
7. उत्तर प्रदेश शिल्पग्राम व राजस्थानी कलाओं से सजी चोखी ढाणी  की तर्ज पर बुंदेलखंड की लोक कलाओं, व्यंजनों, सांस्कृतिक गतिविधियों के आयोजन हेतु बुंदेली शिल्प कला मंच की स्थापना की संभावनाओं को तलाशाने के निर्देश आयुक्त ने दिए।
9. बुंदेलखंड के स्थानीय लोक वाद्य यंत्रों को सहेजकर बुंदेली कचहरी को संरक्षित करने के लिए सीताराम कुशवाहा के सुझाव पर एक परियोजना प्रस्ताव तैयार करने के लिए अपर आयुक्त पहल करेंगे
10. जल संरक्षण पर केंद्रित नाटक के मंचन हेतु जल शक्ति मिशन के कार्यक्रमों से नाटक दलों को जोड़ा जाएगा ताकि रंग कर्मियों को ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर जनजागरण का कार्य कर सकें।
12. विलुप्त हो रही लोक कलाओं के संरक्षण के लिए एक कार्य योजना तैयार की जाए इस हेतु स्थानीय कलाकारों का एक समूह गठित हो। कलाकारों के उन्नयन की योजना बनेगी।
13. नगर निगम, झांसी डेवलपमेंट अथॉरिटी व स्मार्ट सिटी मिलकर अपनी भावी परियोजनाओं के नियोजन में लोककला के संरक्षण को स्थान दें तथा उनके प्रोत्साहन के लिए व्यवस्था करें।

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