मंडल को मिले नए वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक (द्वितीय)

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झांसी। झाँसी मंडल में वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक का पद भार अखिल शुक्ल ने ग्रहण कर लिया। अखिल शुक्ल ने KNIT सुल्तानपुर से बीटेक (कंप्यूटर साइंस) की डिग्री हासिल की है। आप वर्ष 2013 बैच के IRTS अधिकारी है, झाँसी मंडल में वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक का पद भार ग्रहण करने से पूर्व झाँसी मंडल में ही मंडल वाणिज्य प्रबंधक के पद कर कार्य संभाले हुए थे। अखिल शुक्ल ने भारतीय रेलवे में मण्डल परिचालन प्रबंधक/प्रयागराज, सहित कई महत्वपूर्ण पदों पर अपनी सेवा प्रदान की है।
पद भार ग्रहण करने के पश्चात श्री शुक्ल ने कर्मचारियों से परिचय प्राप्त करने के पश्चात अपने विचारों से सभी को अवगत कराया और कहा कि हम सब मिलकर सकारात्मक सोच एवं टीम भावना से कार्य करेंगे और वाणिज्य विभाग को नई ऊँचाइयों की ओर ले जाने का पूर्ण प्रयास करेंगे।

“रेल मदद” एप के माध्यम से यात्रियों को मिल रही है त्वरित मदद

*** जन शिकायतों का निस्तारण भी होता है तुरंत

झांसी। मंडल रेल प्रबंधक आशुतोष के दिशा-निर्देशन में झाँसी मंडल के परिक्षेत्र में आने वाली सभी यात्री शिकायतों/समस्याओं का त्वरित निराकरण किया जा रहा है। रेल मदद के माध्यम से यात्रियों की हर प्रकार की समस्या को न्यूनतम समय में शत-प्रतिशत निराकरण किया जा रहा है।
वर्तमान वित्तीय वर्ष में माह अप्रैल से अगस्त तक की अवधि में “रेल मदद” तथा अन्य माध्यमों से कुल 3804 प्रकरण प्राप्त हुए। मंडल का वर्तमान वित्तीय वर्ष में अब तक की अवधि में औसतन निस्तारण समय 1 घंटा 20 प्रति प्रकरण रहा है तथा निस्तारण प्रतिशत भी 100 % रहा है। रेल मदद के माध्यम से ऑन-बोर्ड रेलयात्रियों को हर प्रकार की मदद जैसे चिकित्सीय मदद, सफाई-सम्बन्धी शिकायतें, कोच में पानी की कमी, इलेक्ट्रिकल उपकरण जैसे लाइट, पंखा, ए सी आदि का फेलियर, कैटरिंग सेवाओं सम्बंधित, सुरक्षा सम्बंधित, लगेज एवं पार्सल सेवाओं सम्बंधित, यात्री सुविधाओं सम्बंधित, भ्रष्टाचार सम्बंधित, कर्मचारी व्यवहार एवं कोच मेंटेनेंस सम्बंधित किसी भी प्रकार की समस्या का निदान त्वरित रूप से हो जाता है।
रेल मदद के माध्यम से यात्री द्वारा वांछित मदद की सूचना सीधे मंडल नियंत्रण कार्यालय पहुँचती है। उक्त पोर्टल पर मंडल नियंत्रण कार्यालय में 24 X 7 उपलब्ध कर्मचारी द्वारा लगातार निगरानी रखी जाती है। झाँसी मंडल द्वारा जन-शिकायतों का शत-प्रतिशत ग्राहक संतुष्टि तक निराकरण किया जा रहा है तथा गरहकों से हैप्पीनेस कोड के रूप में “संतुष्टि” प्राप्त हुई है।
“रेल मदद” एप के माध्यम से रेल यात्रियों को एक पूर्णतः डिजिटल व हाईटैक प्लेटफार्म मिल गया है, जिसके माध्यम से वह किसी भी प्रकार की समस्या को सीधे रेल प्रशासन को पहुचाया जा सकता है।

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