मनुष्य के बौद्धिक स्तर के विकास के लिए जरूरी हैं पुस्तकालय: मण्डलायुक्त

जनपदीय पुस्तकालय के बहुँरेंगे दिन स्मार्ट सिटी परियोजना से जिला पुस्तकालय का होगा कायाकल्प

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झांसी। पुस्तकें मनुष्य की श्रेष्ठ एवं सर्वाधिक विश्वसनीय मित्र रही हैं। इनमें वह शक्ति है जो मनुष्य को अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाती है तथा कठिन से कठिन समस्याओं के निदान के लिए बल प्रदान करती है। मनुष्य के बौद्धिक स्तर के विकास के लिए पुस्तकें एवं पुस्तकालयों का महत्व कभी कम नहीं हो सकता। आधुनिक युग में पठन-पाठन के तरीके बदल रहे हैं। ऐसी स्थिति में पुस्तकालयों के स्वरूप बदलने की आवश्यकता है। उक्त बातें झाँसी मण्डल के मण्डलायुक्त डा. अजय शंकर पाण्डेय ने जिला पुस्तकालय झाँसी की दशा को सुधारने के लिए आयोजित बैठक में कहीं।
आजादी के बाद के शुरूआती वर्षों में झाँसी वासियों के पठन-पाठन के केन्द्र रहे जिला पुस्तकालय की स्थापना सन 1958 में हुई थी। वर्तमान में इस पुस्तकालय में लगभग पचास हजार से अधिक किताबें तथा बुन्देलखण्ड संस्कृति एवं विरासत पर लिखी गई अनेक पुस्तकें भी उपलब्ध हैं, जो बुन्देली शैली पर शोध कर रहे छात्रों के लिए एक मात्र स्त्रोत स्थल है। विगत कुछ वर्षों में पुस्तकालयों के प्रति अभिरूचि व रख-रखाव की कमी के कारण पुस्तकालय में अनेक समस्याएँ उत्पन्न हो गई हैं जिसे दूर करने के लिए मण्डलायुक्त ने स्मार्ट सिटी परियोजना के अन्तर्गत जिला पुस्तकालय को संरक्षित व व्यवस्थित कराये जाने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा है कि पुस्तकालय को नए कलेवर में तैयार किया जायेगा, जिससे पाठकों को सहूलियत हो। पुस्तकालय में रखी पुस्तकों को सुरक्षित करने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएँगे। वर्तमान समय की आवश्यकता को देखते हुए जिला पुस्तकालय में ‘डिजिटल लाइब्रेरी कार्नर’ की स्थापना की जायेगी जहाँ पाठकों को सुगमता से पठन सामग्री उपलब्ध हो सकेगी।
बैठक में जिला पुस्तकालय की अधीक्षक मधुलिका खरे ने पुस्तकालय की समस्याओं से अवगत कराया उक्त पर मण्डलायुक्त ने अपर नगर आयुक्त शादाब असलम को निर्देशित किया कि इस अनुपम धरोहर को संरक्षित करने के लिए स्मार्ट सिटी के अन्तर्गत लाइब्रेरी की स्थिति में सुधार हेतु एक कार्ययोजना तैयार करायें। बैठक का संचालन मंडलीय परियोजना प्रबंधक सिफ्सा/एन.एच.एम. आनंद चौबे ने किया। बैठक में उपाध्यक्ष-जे.डी.ए. सर्वेश कुमार दीक्षित, अपर नगर आयुक्त शादाब असलम, मधुलिका खरे आदि उपस्थित रहे।

लाइब्रेरी को सुधारने के लिए यह होंगे कार्य

 पुरानी पुस्तकों का संरक्षण किया जायेगा
 बुन्देली साहित्य को लाइब्रेरी में अलग स्थान दिया जायेगा
 डिजिटल लाइब्रेरी कार्नर स्थापित होगा
 बच्चों के पढ़ने हेतु अलग कार्नर स्थापित होगा
 शोधार्थियों को लाइब्रेरी के उपयोग के सुगम अवसर मिलेंगे
 लाइब्रेरी में उपलब्ध पाण्डुलिपियों का डिजिटलाइजेशन होगा
 प्रकाश, शौचालय, पार्किंग व परिसर की स्थिति में सुधार होगा।

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