मण्‍डलायुक्‍त के यह निर्देश बदल देंगे झांसी की तस्‍वीर

जेडीए सचिव और जेई व एई को फटकारा, दिए कार्रवाई के निर्देश

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झांसी। महानगर हो अन्‍य कोई स्‍थान जाने माने और रसूखदार लोगों के लिए विभागों में कोई नियम कानून नहीं होते हैं और इसमें कई विभागाेें के अधिकारियों की भी कहीं न कहीं मिलीभगत या आवभगत शामिल होती है। ऐसे में चाहे अतिक्रमण हो या फिर अवैध निर्माण उन रसूखदार लोगों को अक्‍सर छोड़ दिया जाता है, लेकिन शुक्रवार को जेडीए की बैठक लेते हुए मण्‍डलायुक्‍त ने जो तेवर दिखाए। उसको देखकर लगता है कि यदि सिर्फ उनके दिए निर्देशों पर जेडीए के अधिकारी ईमानदारी से काम कर लें, तो महानगर की तस्‍वीर ही दूसरी होगी।
मण्डलायुक्त श्रीमती कुमुदलता श्रीवास्तव ने आयुक्त सभागार में झांसी विकास प्राधिकरण की समीक्षा बैठक लेते हुए सचिव केहरी सिहं को निर्देश दिए। उन्‍होंने कहा कि झांसी विकास प्राधिकरण की एक-एक पत्रावली की बारीकी से जांच होगी। सचिव विकास प्राधिकरण केहरी सिंह समस्त एई एवं जेई को क्षेत्रवार जिम्मेदारी सौंपते हुए अवैध भवनों के निर्माण कार्यो पर रोक लगाये। साथ ही सम्बन्धित एई एवं जेई से इस बात की एनओसी लें कि उनके क्षेत्र में कोई अवैध निर्माण नहीं हो रहा है। उन्‍होंने कहा कि सचिव विकास प्राधिकरण योजनाओं की प्रतिदिन मानीटरिंग करें। साथ ही उनके द्वारा झांसी विकास प्राधिकरण का औचक निरीक्षण कर यह देखा जाएगा कि एई एवं जेई फील्ड में गये हैं कि नहीं। उन्‍होंने शमन शुल्क वसूली में तेजी लाते हुए 31 मार्च तक शत-प्रतिशत उपलब्धि हासिल करने के निर्देश दिए। इसकी पूरी व्यक्तिगत जिम्मेदारी सचिव की होगी। जनपद में अवैध निर्माण पाये जाने पर उसे फौरन सील करने के निर्देश दिए। उन्‍होंने कहा कि उनके द्वारा यह देखा जाएगा कि किस अधिकारी ने कहां-कहां भ्रमण किये और क्या कार्यवाही की और कितने लोगों को नोटिस जारी किए ।
उन्‍होंने लम्बित पड़े नक्शों का तेजी से निस्तारण करते हुए सम्पूर्ण कार्यवाही 31 मार्च तक करने के निर्देश दिए, ताकि आय का स्रोत बढ़ सके। उन्‍होंने डिफाल्टर घोषित व्यक्तियों के नाम, वसूली की धनराशि की सूची समाचार-पत्रों में प्रकाशित कराने के लिए कहा। साथ ही डिफाल्टरों को 31 मार्च तक धनराशि जमा करने की चेतावनी देते हुए कहा कि अन्यथा की स्थिति में वैधानिक कार्यवाही की जाएगी। कितने लोगों को अब तक अवैध निर्माण व अन्य परियोजनाओं के अन्तर्गत नोटिस भेजी गयी, इसकी भी जानकारी ली। उन्‍होंने विकास प्राधिकरण की आय बढ़ाने के भी निर्देश दिए। निर्माण एवं विकास शुल्क में गति लाने के लिए कहा। मण्डलायुक्त ने सचिव को समस्त एई व जेई लगाकर क्षेत्रवार विकास प्राधिकरण की जमीन को चिन्हित करने व सही-सही रिपोर्ट प्रस्तुत करने और अवैधानिक रुप से चल रहे विवाहघरों पर शिकंजा कसने व ऐसे विवाहघरों को नोटिस देकर आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिए। झांसी विकास प्राधिकरण की एक अरब चौहत्‍तर करोड़ रुपए की एफडी बैंक में जमा होने पर इस धनराशि को नियमानुसार विकास कार्यो पर खर्च करने के निर्देश दिए।
उन्‍होंने दुकान बिक्री से आय को बढ़ाने और झांसी विकास प्राधिकरण द्वारा जहां-जहां कालोनी का निर्माण किया गया है कि वहां मानक के अनुरुप कार्य ना पाये जाने पर सम्बन्धित ठेकेदार पर कार्यवाही करने को भी कहा। उन्‍होंने सचिव प्राधिकरण को कराये गये कार्यो की सूची प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं।
विकास प्राधिकरण के कितने मुकदमे लम्बित है उनकी अद्यतन स्थिति भी मांगी। आवंटित भूखण्ड के सापेक्ष रजिस्ट्री के विवरण की जानकारी ली। आवासीय एवं व्यवसायिक काम्प्लैक्स के तहत नोटिस देते हुए वसूली लाने के निर्देश दिए है। इसके पूर्व उन्‍होंने पेयजल की समीक्षा की व भगवन्तपुरा, मथुरापुरा आदि स्थानों पर पानी की समस्या का त्वरित निस्तारण करने के निर्देश दिए।
इस मौके पर अपर आयुक्त प्रशासन श्रीमती उर्मिलादेवी सोनकर खाबरी, अपर आयुक्त न्यायिक डॉ. रियाज अख्तर, सचिव विकास प्राधिकरण केहरी सिंह, सहायक अभियंता डीके शर्मा, अवर अभियंता आरपी गुप्ता, घनश्‍याम तिवारी, सहायक निदेशक सूचना सुधीर कुमार आदि उपस्थित रहे।

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