राष्ट्रीय लोक अदालत का लाभ उठाएं और कम समय/ खर्च में अपने वादों को सुलझाएं:- जिलाधिकारी

***********12 मार्च 2022 को आयोजित होने वाली राष्ट्रीय लोक अदालत में अधिक से अधिक वादों का निस्तारण कराया जाना सुनिश्चित करें ** विभाग ऐसे विवाद जो आपसी सुलह और सहमति से निपटाए जा सकते हैं उनको जल्द से जल्द चिन्हित कर लें

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झांसी। जनपद में 12 मार्च को जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वावधान में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया जा रहा है। जिलाधिकारी रविंद्र कुमार ने कहा कि आपसी सुलह-समझौता के आधार पर लंबित मुकदमों का निस्तारण राष्ट्रीय लोक अदालत में किया जायेगा। उन्होंने आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत में जिला स्तर पर प्रत्येक विभाग द्वारा राष्ट्रीय लोक अदालत ने सक्रिय सहभागिता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं तथा लंबित मुकदमों से प्रभावित लोगों से इस सुनहरे मौके का लाभ उठाने की अपील की है।
मुख्य न्यायाधिपति, उच्चतम न्यायालय एवं कार्यपालक अध्यक्ष राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली द्वारा दिए गये निर्देशों के क्रम जिलाधिकारी ने कहा कि दिनांक 12.03.2022 दिन शनिवार को राष्ट्रीय लोक अदालत में बैंक मामले, धारा-138 पराक्रम्य लिखित अधिनियम, वसूली वाद आदि (लंबित एवं प्रि-लिटिगेशन मामले) संबंधित प्रकरणों के साथ-साथ सभी सुलह योग्य आपराधिक वादों, सिविल वादों, भूमि अधिग्रहण वादों, मोटर दुर्घटना प्रतिकर के वाद, पारिवारिक वादों, स्टाम्प वादों, उपभोक्ता फोरम वादों, राजस्व वादों, चकबंदी वादों, श्रम मामलों, नगर पालिका टैक्स वसूली मामलों, विद्युत अधिनियम के अन्तर्गत सुलह योग्य वाद, अन्तिम रिपोर्ट धारा 446 द0प्र0सं0 संबंधी मामले, पब्लिक प्रिविसेज एक्ट संबंधी मामले, उत्तराधिकार संबंधी मामले, आयुध अधिनियम के प्रकरण, बीमा संबंधी वाद, स्थानीय विधियों के अन्तर्गत शमनीय वाद, सेवा/वेतन संबंधी वाद, सेवानिवृत्ति परिलाभों से संबंधित प्रकरण, किरायेदारी वाद, वन अधिनियम के अन्तर्गत प्रकरणों का निस्तारण किया जायेगा। उन्होंने बताया कि प्रस्तावित राष्ट्रीय लोक अदालत में पुलिस अधिनियम के अन्तर्गत चालान, मोटर यान अधिनियम के अन्तर्गत चालान, बॉट तथा माप अधिनियम के अन्तर्गत चालान, उ0प्र0 दुकान एवं वाणिज्य अधिनियम के अन्तर्गत चालान, आबकारी अधिनियम के संबंधी वाद, गैम्बलिंग एक्ट के अन्तर्गत चालान, नगर पालिका के अन्तर्गत चालान, मेड़ बंदी एवं दाखिल खारिज वाद, प्रिलिटिगेशन प्रकरण, मनरेगा प्रकरण, शिक्षा का अधिकार संबंधी प्रकरण, जलकर एवं गृहकर प्रकरण, आपदा राहत प्रकरण, कराधान प्रकरण, राशन कार्ड/जाति एवं आय प्रमाण पत्र संबंधी आदि प्रकरणों का निस्तारण किया जायेगा।
जिलाधिकारी ने जनपद के समस्त विभागीय अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि ऐसे वादों को जल्द से जल्द चिन्हित करने ताकि लोगों को कम समय और कम खर्च में न्याय मिल सके।

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