जनसुनवाई में अधिकारी शिकायतकर्ताओं को दें समय, समस्याओ का करें गुणवत्तापूर्ण निस्तारण: डीएम

** आईजीआरएस व हेल्पलाइन के प्रकरणों की माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा होती है नियमित समीक्षा ** जनपद को 140 में से 139 मिले पूर्णांक ** निस्तारण योग्य प्रकरणों को एक बार मे गुणवत्तापूर्ण पूर्ण रूप से करे निस्तारित ** शिकायतों की संख्या कम करने के लिए अपने अपने विभाग में ऑटो फीड-बैक मैकेनिज़्म बनाना करे सुनिश्चित ** सभी विभाग पाज़ीटिव अप्रोच के साथ करे कार्य, अपने अपने विभागों का करे स्वयं आंकलन ** फीडबैक की श्रेणी एवं सी श्रेणीकृत संदर्भ में भी आया सुधार, और सुधार लाए जाने के निर्देश

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झांसी। IGRS व हेल्पलाइन प्रकरणों का गुणवत्तापूर्ण निस्तारण सुनिश्चित करने में शासन द्वारा प्राप्त रैंकिंग के अनुसार जनपद तीसरी पायदान पर पहुंचा है, जिसको लेकर ज़िलाधिकारी रविंद्र कुमार ने जनपदस्तरीय समस्त विभागीय अधिकारियों को बधाई दी।
जिलाधिकारी रविंद्र कुमार ने बताया कि मुख्यमंत्री एवं अन्य उच्चाधिकारियों द्वारा समय-समय पर आइजीआरएस पोर्टल एवं ऑनलाइन प्राप्त संदर्भों के निस्तारण एवं गुणवत्ता की स्थिति की समीक्षा की जाती है। शिकायतों का त्वरित व गुणवत्तापूर्ण निस्तारण का मूल्यांकन करते हुए जिलों को रैंकिंग प्रदान की जाती है। जनपद झांसी में बेहतर कार्य होने पर जनपद को संपूर्ण प्रदेश में तृतीय स्थान प्राप्त हुआ है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि सभी विभागाध्यक्ष गंभीरता से असंतुष्ट शिकायतों व अन्य रिपीटेड/डिफाल्टर एवं सीश्रेणी की शिकायतों के निस्तारण में शिकायतकर्ताओं के स्थलीय सत्यापन व टेलिफोनिक संवाद का संतुष्टिकरण निस्तारण सुनिश्चित करें ताकि जनपद की रैंकिंग में और सुधार हो सके।
जिलाधिकारी द्वारा बताया गया कि हमारा मुख्य उद्देश्य शिकायतों की संख्या को कम करना है। सभी निस्तारण योग्य प्रकरणों को एक बार मे गुणवत्तापूर्ण पूर्ण निस्तारण सुनिश्चित करते हुए निस्तारित किया जाए। ताकि शिकायतकर्ता को बार बार एक ही प्रकरण के सम्बंध में शिकायत दर्ज न करना पड़े। उन्होंने कहा कि क्षेत्र से एक शिकायत बार-बार प्राप्त होने पर अधिकारी स्वयं मौके पर जाएं और शिकायत का गुणवत्ता परक निस्तारण करना सुनिश्चित करें। उन्होंने बताया गया कि जब तक हम समस्याओ का निस्तारण शिकायतों के आधार पर नहीं करेगे हम शिकायतों की संख्या को कम नही कर पाएंगे। उन्होंने बताया कि हमे शिकायतों की संख्या कम करने के लिए अपने अपने विभाग में ऑटो फीड-बैक मैकेनिज़्म बनाना होगा। सभी विभाग अपने विभाग से सम्बंधित विषयो के सम्बंध में स्वयं फीडबैक/जानकारी लेकर व्यवस्थाओ को सुनिश्चित करे, ताकि जनता को शिकायत करने की ज़रूरत ही न पड़े। उन्होंने कहा कि यह सभी की ज़िम्मेदारी है कि विभाग स्वयं यह जाने की समस्या कहां है और उसको चिन्हित करते हुए अपनी व्यवस्था को शिकायत प्राप्त होने से पहले सुधारें ताकि जनता को शिकायत करने की आवश्यकता ही न रहे।
जिलाधिकारी द्वारा बताया गया कि आईजीआरएस का मुख्य उद्देश्य जनता की समस्याओं का निस्तारण तो है ही, अपितु इसका यह उद्देश्य भी है कि प्रत्येक विभाग यह जाने की उनसे सम्बंधित किन किन विषयो पर और किस क्षेत्र अथवा गांव से सबसे अधिक समस्याए प्राप्त हो रही है। विभाग उन समस्याओं को जाने और प्राथमिकता पर समस्या की जड़ तक जा कर मूल समस्या का निस्तारण करते हुए अपने सिस्टम को दुरुस्त करें। ऐसा करने से बार-बार शिकायतों का आना तो रुकेगा ही साथ ही क्षेत्र की समस्या का भी निस्तारण हो जाएगा। उन्होंने निर्देश दिए कि सभी विभाग पाज़ीटिव अप्रोच के साथ कार्य करे। अपने अपने विभागों का स्वयं आंकलन करे। जनता द्वारा भेजी गई शिकायतों को समझे , समस्या के मूल कारण पर जाए और उसको समाप्त करते हुए प्रकरणों का निस्तारण करे ताकि शिकायतकर्ता को एक ही समस्या के लिए दुबारा आवेदन करना ही न पड़े। जिलाधिकारी ने समस्त जनपद स्तरीय अधिकारियों को निर्देश दिए की रोस्टर बनाते हुए ऐसे क्षेत्र,गांव व मोहल्ला जहां अधिक शिकायतें प्राप्त होती है वहां भ्रमण करना सुनिश्चित करें। इसके अतिरिक्त एक विशेष क्षेत्र से रिपीटेड शिकायतों पर भी गंभीरता बरतें और स्थलीय निरीक्षण कर शिकायतों का निस्तारण करें। उन्होंने कहा कि हमारा मुख्य उद्देश्य क्षेत्र से आने वाली शिकायतों के निस्तारण पर अधिक हो, शिकायतों के निस्तारण होने पर स्वत: जनपद की रैंकिंग में सुधार होगा।

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