चुनौतियों से भरा था जीवन, परंतु वह घबराई नहीं और साहस से किया सबका सामना : हर्षा कोडवानी

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झांसी। झूलेलाल सिन्धी महिला शक्ति संगठन ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की अग्रणी वीरागंना रानी लक्ष्मीबाई जयंती एवं आने वाली 22 नवंबर को झलकारी बाई जयंती (स्त्री शक्ति दिवस) पर पूज्य सिंधी पंचायत भवन रानीमहल पर झूलेलाल सिन्धी महिला शक्ति संगठन ने दीपांजलि कार्यक्रम आयोजित कर 201 दीप प्रज्ज्वलित कर रानी लक्ष्मीबाई एवं झलकारी बाई का केक काटकर जन्मदिन मनाकर रानी लक्ष्मीबाई एंव झलकारी बाई के कृतित्व एवं शौर्य को याद किया।

समाज की बालिकाओं ने “मैं भी हूं झांसी की रानी” तर्ज पर नारी शक्ति की प्रतीक रानी लक्ष्मीबाई एवं झलकारी बाई के स्वरूप धारण किए। इस दौरान हर्षा कोडवानी ने बताया मनु से महारानी और फिर भारत के जन-जन की रगों में स्वतंत्रता का संकल्प भरने की यात्रा पूर्ण कर सदा सदा के लिए अमृत प्राप्त करने वाली महारानी लक्ष्मीबाई प्रत्येक युवा की आदर्श हैं। मैं जब-जब उनको याद करती हूं तो एक ऐसी युवती की तस्वीर मेरी आंखों के आगे आ जाती है, जो उस समय की तथाकथित सभी रूढ़ियों को तोड़ते हुए एक नए समाज के निर्माण का संकल्प लेती है। लक्ष्मी बाई का जीवन चुनौतियों से भरा था परंतु इनसे वह घबराई नहीं अपितु चुनौतियों का डटकर सामना करते हुए समाज के समक्ष आदर्श प्रस्तुत किया। बबीता हासानी ने कहा स्वाभिमानी संवेदनशीलता, कोमल हृदय, दृढ़ संकल्पित परम राष्ट्रभक्त, कुशल प्रशासक, बेहतरीन संगठनकर्ता और अपने राष्ट्र की स्वतंत्रता हेतु अपने प्राणों का बलिदान देने हेतु तत्पर महारानी लक्ष्मीबाई ने अपने मृत शरीर को भी अंग्रेजों का हाथ ना लगने पाए। यह संकल्प जो लिया वह उनके सत्य और पवित्रता की पराकाष्ठा के कारण ही पूरा हो पाया। महारानी लक्ष्मीबाई की छवि हम सब युवाओं को निरंतर उद्वेलित करती है और हमें राष्ट्रीय पुनर्निर्माण के पवित्र कार्य में अनवरत लगे रहने की प्रेरणा भी देती है। उनके दिखाए रास्ते पर चलकर ही हम उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि दे सकते हैं और स्वातंत्रय का आनंद लेते हुए ऐसी वीरांगना की आहुति हम निरंतर स्मरण रखेंगे तो निश्चित ही हमारा राष्ट्र सर्वोच्च शिखर पर स्थापित होगा। कार्यक्रम में समाज की आरना कुकरेजा, आशा कुकरेजा, साधना बचवानी, मधु अमलानी, योगिता अशवानी, काव्या बचवानी, पारूल अमलानी, तन्वी बसरानी, राजी पवानी, मनीषा रोहरा, पूनम खेमानी, अंजू अमलानी, अनु गोदवानी, आरती बूलचंदानी, आशा अशवानी, सरोज जैसवानी, गरिमा बसरानी, मानवी पवानी, माया रोहरा, पूनम खेमानी, भूमिका बत्रा, भावना चंचलानी, दीप्ति बसरानी, भावना रूपानी, हर्षा चंदू कोडवानी, जानवी फुलवानी, कौशल्या देवी, काव्या मखीजा, माधुरी देवनानी, महक खियानी, मनीषा आडवाणी, नीलम जैसवानी, रीटा हिरवानी, पुष्पा गेमलानी, नीलम नागपाल, रेखा भम्भानी, रीटा मानकानी, रुकमणी फबियानी, सपना हेमनानी, सिमरन खियानी, सुमन दलवानी, सिमरन बचवानी, सोनम दौलतानी, सौम्या रिजवानी, मोहिनी अमलानी, वंदना पंजवानी आदि अनेक महिलाएं मौजूद रहीं। कार्यक्रम का संचालन हर्षा कोडवानी ने और अंत में आभार बबीता हासानी ने व्यक्त किया।

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