विधानसभा चुनाव से पहले जनता को लुभाने के लिए नेता ले रहे कथावाचक बाबाओं का सहारा

******* बागेश्वर धाम सरकार धीरेंद्र शास्त्री व कुबेरेश्वर धाम सरकार प्रदीप मिश्रा की कथाएं सबसे ज्यादा डिमांड में ************ राजनेताओं में दोनों बाबाओं से कथा कराने की लगी होड़

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छतरपुर। आगामी दिनों में मध्य प्रदेश में विधान सभा चुनाव होने हैं और इसको लेकर राजनेताओं द्वारा अपनी जीत सुनिश्‍चित करने के लिए अभी से भगवान को जनता के सामने खड़ा करने का प्रयत्‍न करना शुरु कर दिया है। जनता को अपने पक्ष में लुभाने के लिए प्रसिद्ध धार्मिक संतों का सहारा लेते हुए करोड़ों का खर्च करने से गुरेज नहीं कर रहे हैं। यह धन उनके चुनावी खर्च में तो नहीं जुड़ेगा पर कथा के दौरान संतों द्वारा लगातार उनका नाम लेकर उनको साधुवाद दिया जाता रहेगा, जिससे जनता के दिलोदिमाग में एक बार को उनका नाम सेट तो हो ही जाएगा। अपने विधान सभा क्षेत्र में भले ही विकास के कोई खास काम नहीं किए हों, लेकिन इन कार्यक्रमों में जुटने वाली भीड़ को वह कैसे अपने वोट में बदल पाएंगे यह तो चुनाव के बाद ही पता चलेगा।
चुनाव के दौरान जिस प्रकार राजनीतिक दलों के स्टार प्रचारकों द्वारा प्रत्‍याशी के पक्ष में वोट डलवाने के लिए प्रचार किया जाता है। उसी प्रकार इन दिनों मध्‍य प्रदेश के दो प्रसिद्ध धार्मिक संतों को साधा जा रहा है। इसके लिए नेताजी उन संतों की कथा या प्रवचन की बुकिंग के लिए परेशान घूम रहे हैं, जिन्हें बुकिंग मिल गई है। वह करोड़ों रुपये फूंककर कथा की तैयारियों में जुट गए हैं। कथा प्रवचन के सहारे वोटों की फसल काटने की तैयारी चल रही है।

बाबाओं से कथा कराने की नेताओं में लगी है होड़

चुनावी साल में मध्य प्रदेश के दो कथावाचक बाबा इन दिनों बहुत व्यस्त हैं और पूरे देश में इनकी कथाओं का डंका बज रहा है। इनमें एक शिवभक्‍त सिहोर जिले के कुबेरेश्वर धाम निवासी कथावाचक पं. प्रदीप मिश्रा है और दूसरे छतरपुर जिले के बागेश्वर धाम निवासी बालाजी के भक्‍त पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री हैं। इनकी कथाओं व उनके द्वारा बीमारी व गरीबी दूर करने के उपायों की वजह से पूरे देश में इनका डंका बज रहा है, जिससे इन दोनों में से किसी एक की कथा कराने को लेकर राजनेताओं में होड़ लगी हुई है। दोनों कथावाचक आने वाले महीनों में मध्य प्रदेश के अलग अलग जिलों में घूम-घूमकर कथा करने वाले हैं। दिलचस्प बात ये है कि दोनों ही कथावाचकों की कथा कराने वालों में राजनीतिक दलों से जुड़े नेता ज्यादा हैं। हालांकि, ये दोनों कथावाचक अपनी आने वाली तारीखों के बारे में खुलासा नहीं करते हैं, मगर उनसे जुड़े लोगों का दावा है कि दोनों कथावाचकों की कथाएं अपने विधान सभा क्षेत्रों में कराने को लेकर राजनेता आए दिन डेरा डाले रहते हैं।

विधान सभा चुनाव से पहले हर जगह बना रहेगा धार्मिक माहौल

बागेश्वर धाम के महाराज धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री कुछ दिन पहले ही टीकमगढ़ से कथा करके लौटे हैं। कुछ दिनों बाद ही अब इनको जबलपुर जाना है, जहां पर 25 से 31 मार्च तक कथा और दिव्य दरबार लगना है। बाबा की कथा में आने वाली भीड़ और जनता का उत्साह देखकर जबलपुर में बड़ी तैयारियां की जा रहीं हैं। बाबा की कथा के आयोजक सुशील तिवारी उर्फ इंदू है, जो जबलपुर से सटी पनागर विधानसभा सीट से बीजेपी के विधायक हैं। विधायक इंदु तिवारी, धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री की कथा के आयोजन में रात दिन एक किये हुये हैं। फिलहाल, वो अपनी विधानसभा के मतदाताओं को पीले चावल बांट कर कथा में आने आमंत्रण दे रहे हैं। वहीं पं. प्रदीप मिश्रा को 20 मार्च तक गाजियाबाद, 24 से 30 मार्च कोटेश्वर, 04 अप्रेल से 10 अप्रैल तक उज्जैन और 01 जून से 7 जून तक जबलपुर में कथा करनी है। इन जगहों पर उनकी कथा की तैयारियां हो रहीं है। उज्जैन की कथा की आयोजन समिति में वहां के महापौर भी शामिल हैं। अभी होली के पहले 8 दिन तक प्रदीप मिश्रा की बेटमा में कथा हुई थी, जिसके आयोजक कांग्रेस नेता पूर्व विधायक सत्यनारायण पटेल थे। बागेश्वर धाम धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री के पास पिछले दिनों कांग्रेस नेता व पूर्व मुख्‍यमंत्री कमलनाथ उनके पास गये थे और छिंदवाड़ा में कथा कराने की चर्चा कर गए थे। वहीं उनके सांसद पुत्र नकुल नाथ भी छिंदवाडा में धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री की कथा कराना चाह रहे हैं।

रिपोर्ट : छतरपुर से पंकज पाराशर

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