….लाटरी में नहीं टूटा शराब सिडिंकेट का वर्चस्व : रिपोर्ट गौरव कुशवाहा

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झाँसी। शराब सिंडिकेट का दबदबा खत्म करने के लिए सरकार ने ई-लाटरी की व्यवस्था लागू की थी। सोमवार को हुई लाटरी में सिडिंकेट के लोगों को तकरीबन 15 दुकानें हाथ लग गई। जिन लोगों की लाटरी निकली है उनमें भी कुछ लोग सिडिंकेट के यहां दुकान सौंपने के लिए गणेश परिक्रमा कर रहे हैं। ई-लाटरी में परिक्षेत्र में 213 देशी, 147 विदेशी एवं 107 बियर व 09 मॉडलशॉप का आवंटन हुआ।
आबकारी की नई नीति के तहत एक जिले में एक व्यक्ति के नाम उसकी हैसियत के हिसाब से अधिकतम दो दुकानें आवंटित हो सकती थीं। कौन सी दुकान किसको मिलेगी इसका निर्धारण आनलाइन लाटरी के जरिए किया जाना था। इससे सरकार शराब सिडिंकेट का वर्चस्व समाप्त करना चाहती थी। मगर सिडिंकेट के लोगों ने इसकी काट खोज ली। उन्होंने अपने नौकरों, करीबियों, कंपनी के कर्मचारियों एवं परिवार के सदस्यों, रिश्तेदारों के नाम हजारों की संख्या में फार्म जमा कराएं। सूत्रों की मानें तो सोमवार को हुई लाटरी में शराब सिडिंकेट के हाथ तकरीबन परिक्षेत्र में 15 से 20 दुकानें लगी हैं। पहले उनके पास दुकानों की संख्या 50 से 70 के करीब थीं। परिक्षेत्र में देशी शराब की 372, अंग्रेजी की 154 और बीयर की 123 दुकानें व 10 मॉडलशॉप हैं। इसमें 159 देशी, 17 अंग्रेजी शराब, 16 बियर व एक मॉडलशॉप के लिए कोई आवेदक नहीं आ सका। ऐसे में इसके लिए 21 से 23 मार्च के बीच आवेदन किया जा सकता है।

इनका कहना है

परिक्षेत्र में 360 शराब के दुकानों की लॉटरी हो चुकी है। शेष बची देशी की 159 और विदेशी की 17, 16 बियर की दुकानों की लॉटरी भी मार्च के अंतिम सप्ताह तक करा ली जाएगी। शराब सिंडिकेट को कितनी दुकानें मिली है। इसका ब्योरा उपलब्ध नहीं है।
एस के राय, उप आबकारी आयुक्त

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झाँसी में तीन प्रतिशत और ललितपुर में 147 प्रतिशत की वृद्धि

झाँसी। बुधवार को भाग दुकानों की नीलामी शुरू हुई तो एक-एक कर सभी दुकानें नीलाम हो गईं। सुबह 11 बजे शुरू हुई नीलामी प्रक्रिया दोपहर बाद समाप्त हो गयी।
उप आबकारी आयुक्त एस के राय ने बताया कि झाँसी और ललितपुर में 33 दुकानों की नीलामी की गई है। इस बार लाइसेंस फीस में दो फीसद की वृद्धि की गई है। बीते वर्ष लाइसेंस फीस एक करोड़ 45 लाख 47 हजार रुपये थी जो इस वर्ष एक करोड़ 50 लाख रुपये की गई है। उनका कहना है कि झाँसी में 22 भांग की दुकानें है। यह दुकानें इस साल एक करोड़ 50 लाख रुपयों में उठी है जबकि पिछले साल उक्त दुकानें एक करोड़ 45 लाख 57 हजार में नीलाम हुई थी। इस प्रकार 3 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। उप आबकारी आयुक्त का कहना है कि ललितपुर में 11 दुकानें नीलाम हुई है। इस साल उक्त दुकानें 29 लाख 70 हजार में नीलाम हुई है जबकि पिछले साल उक्त दुकानें 11 लाख 26 हजार एक सौ ग्यारह रुपये में नीलाम हुई थी। ललितपुर में 147 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
उन्होंने बताया है कि नीलामी प्रक्रिया के बाद भाग दुकानों के आवंटन की प्रक्रिया जल्द से जल्द शुरू करवा दी जाएगी। भांग की दुकानों के लिए लाइसेंस फीस में सरकार ने दो फीसद की वृद्धि की थी। मंगलवार को शहर में भांग की दुकानों की नीलामी होनी थी। फीस बढ़ने के बाद उम्मीद थी कि लोग कम दिलचस्पी लेंगे, लेकिन सारी आशंकाओं को धता बताते हुए 33 दुकानें नीलाम हो गईं। जबकि जालौन की दुकानें शेष रह गई है। नीलामी के बाद अब इनके आवंटन की प्रक्रिया शुरू होनी है, जो जल्द ही प्रारंभ हो जाएगी।

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