गंदा है पर धंधा है होता नहीं कभी भी मंदा येे – रिपोर्ट गौरव कुशवाहा

शाम होते ही किराए के मकानों में लगते हैं लाखों के दांव

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झाँसी। शाम होते ही झाँसी शहर के किराए के मकानों-भवनों में कसीनो सज जाते हैं। हर उम्र वर्ग का व्यक्ति इन कसीनों में आकर हजारों का दांव लगाते हैं। इतना ही नहीं आईपीएल के दिनों में कसीनों में भीड़ दोगुणा से अधिक हो जाती है।
झाँसी शहर के स्थानीय लोगों की मानें तो यहां अवैध शराब, गांजा के साथ-साथ कसीनो का धंधा खूब फल-फूल रहा है। क्षेत्र की करीब 10 कॉलोनियों में 30 से अधिक जगहों पर कसीनो में दांव लगाए जा रहे हैं। कसीनो में जाकर देखने पर पता चला कि यहां छोटे से छोटा दांव 100 रुपये का लगता है, ताकि इस ओर हर आयु वर्ग के लोगों को आकर्षित किया जा सके। इनमें रौलेट व्हील गेम के साथ-साथ आईपीएल के मैचों पर भी सट्टा लगाया जाता है।

यहां लगते हैं दांव

दतिया गेट बाहर, नईबस्ती, सुभाष गंज, तालपुरा, सदर बाजार, नगरा, आवास विकास कालौनी, सिविल लाइन

आईपीएल पर लगता है करोड़ों का सट्टा

सट्टा बाजार से संबंध रखने वाले लोगों की मानें तो यहां आईपीएल हर मैच पर लाखों रुपये का सट्टा लगता है। इतना ही नहीं बड़े मैचों के दौरान यहां केवल सट्टा लगाने का ही काम किया जाता है। इस दौरान यहां एक कसीनो में कई लाइनें साथ-साथ चलती हैं। इस दौरान कसीनो में आने वाले लोगों से एंट्री फीस भी वसूली जाती है।

आईपीएल में इस तरह लगता है सट्टा

झाँसी। ‘सेशन एक पैसे का है’, ‘मैने चव्वनी खा ली है’, ‘डिब्बे की आवाज कितनी है’, ‘तेरे पास कितने लाइन है’, ‘आज फेवरिट कौन है’, ‘लाइन को लंबी पारी चाहिए’… कहने को ये सिर्फ चंद ऊटपंटाग शब्द लगें, लेकिन इनके बोलने में करोड़ों का लेनदेन हो रहा है।
बात हो रही है आईपीएल पर सट्टे बाजार की। पूरे देश में इन दिनों करोड़ों का सट्टा लग रहा है। सूत्रों के अनुसार सट्टे के खेल में छात्रों को ज्यादा शामिल किया जा रहा है। इस खेल की भाषा भी अजीबो गरीब है। सट्टा लगाने वाले व्यक्ति को लाइन कहा जाता है, जो एजेंट यानी पंटर के माध्यम से बुकी (डिब्बे) तक संपर्क करता है। एजेंट को एडवांस देकर अकाउंट खुलवाना पड़ता है, जिसकी एक लिमिट होती है। सट्टे के भाव को डिब्बे की आवाज बोला जाता है। आईपीएल क्रिकेट में सट्टेबाज 20 ओवर को लंबी पारी, दस ओवर को सेशन और छह ओवर तक सट्टा लगाने को छोटी पारी खेलना कहते हैं। मैच की पहली गेंद से लेकर टीम के जीत तक भाव चढ़ते उतरते हैं। एक लाख को एक पैसा, 50 हजार को अठन्नी, 25 हजार को चवन्नी कहा जाता है। यदि किसी ने दांव लगा दिया और वह कम करना चाहता है तो फोन कर एजेंट को ‘मैंने चवन्नी खा ली’ कहना होता है। खास बात यह है कि यह पूरा नेटवर्क आधुनिक संचार प्रणाली लेपटॉप, मोबाइल, वाइस रिकार्डर आदि पर ही चल रहा है। सावधानी इतनी बरती जाती है कि एक बार कोई मोबाइल नंबर यूज हो गया तो उसे दोबारा इस्तेमाल नहीं किया जाता।

सट्टे की भाषा

बुकी——————डिब्बा
एजेंट—————–पंटर
क्लाइंट—————लाइन
एक लाख————एक पैसा
सवा लाख————सवा पैसा
25 हजार————चव्वनी
50 हजार————अठन्नी
भाव——————डिब्बे की आवाज
20 ओवर————लंबी पारी
10 ओवर————-सेशन
छह ओवर————छोटी पारी
शर्त कम करना——-खा जाना

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