रहने की योग्‍यता का किया जा रहा मूल्‍यांकन

0 15 अप्रेल तक करना है डाटा ऑनलाइन अपलोड 0 प्रमाणिकता के लिए सरकार कराएगी भौतिक सत्‍यापन

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झांसी। महानगरों में विकास की स्‍थिति को लेकर प्रदेश सरकार गम्‍भीर है और इसको देखते हुए सरकार ने सभी विभागों से गत एक वर्ष के कार्य के आंकड़े ऑनलाइन अपलोड करने के निर्देश जारी किए हैं। यह डाटा 15 अप्रेल तक अपलोड किया जाना है और सरकार द्वारा इसकी प्रमाणिकता के लिए भौतिक सत्‍यापन भी कराया जाएगा। आगामी वर्ष की रुपरेखा व धनराशि का आवंटन भी इसके आधार पर ही तय होगा और इसमें प्रदेश के 117 शहरों को आंकड़ों के आधार पर ग्रेडिंग दी जाएगी।
शासन से प्राप्‍त सूचना के आधार पर प्रदेश सरकार की तमाम योजनाओं का लाभ अभी तक किस शहर को कितना मिल चुका है और उन योजनाओं को लागू करने में क्‍या रुकावट आई है। उन क्षेत्रों के अधिकारियों ने कितनी सक्रियता से योजनाओं को लागू कराया और योजना लागू होने के बाद उपकरणों के रखरखाव की क्‍या स्‍थिति है और इसका कितना लाभ जनता को मिल पा रहा है। यह सब कुछ तय करने के साथ ही आगामी वित्‍तीय वर्ष में किस प्रकार योजनाओं का लाभ महानगरों को देना है। यह सभी के लिए सरकार ने प्रदेश के 117 महानगरों के विभिन्‍न विभागों के आंकड़े आनलाइन करने के निर्देश जारी किए हैं। यह आंकड़े आने के बाद इनका भौतिक सत्‍यापन किया जाएगा और उसके बाद इन महानगरों को ग्रेडिंग दी जाएगी। आगामी कार्य भी महानगर में उस ग्रेडिंग के आधार पर ही होंगे। इसमें शिक्षा विभाग, परिवहन विभाग, बिजली विभाग, जल संस्‍थान, जल निगम, नगर निगम, झांसी विकास प्राधिकरण, स्‍वास्‍थ्‍य विभाग, सर्विस टैक्‍स, पुलिस विभाग, यातायात विभाग सहित कई अन्‍य विभागों को सम्‍मिलित किया गया है।

यह हैं कुछ आनलाइन किए जाने वाले आंकड़े

0 महानगर की सड़कों की क्‍या स्‍थिति है
0 बिजली की खपत कितनी है, अमूमन कितनी कटौती की जाती है
0 पाथ वे कितने हैं, साईकिल ट्रेक है या नहीं, ग्रीन कवर कितना है
0 वाटर ट्रीटमेण्‍ट की क्‍या व्‍यवस्‍था है, वाटर रिसोर्सिज कितने हैं, वर्तमान में उनका कितना उपयोग किया जा रहा है
0 सुरक्षा की स्‍थिति क्‍या है, नगर में कितने सीसीटीवी कैमरे लगे है, कण्‍ट्रोल रुम में उनकी मानीटरिंग की क्‍या स्‍थिति है।
0 महानगर की फेरी नीति क्‍या है, इसमें सुधार के लिए कुछ किया गया है या नहीं।
0 विकास प्राधिकरण ने आनलाइन सिस्‍टम पर काम करना प्रारम्‍भ किया या नहीं, कितने नक्‍शे आनलाइन आवेदन किए जा रहे हैा शिकायतों का निस्‍तारण किया जा रहा है या नहीं।
0 स्‍वास्‍थ्‍य को लेकर क्‍या स्‍थिति है, मच्‍छर जनित रोगों से बचाव के लिए क्‍या प्रयास किए जा रहे हैं। दवाओं की क्‍या स्‍थिति है।
0 प्रदूषण की क्‍या स्‍थिति है और उसको रोकने के लिए विभाग क्‍या प्रयास कर रहा है।
0 सोलर उर्जा का कितना कार्य किया गया है और इसके उपयोग के लिए क्‍या कार्य किए जा रहे हैं।
0 महानगर के विभागों व मकानों में रैन वाटर हार्वेस्‍टिंग की क्‍या स्‍थिति है।
0 शिक्षा की क्‍या स्‍थिति है, कितने बच्‍चे पंजीकृत हैं। स्‍कूलों में बच्‍चों के लिए कैसी व्‍यवस्‍थाएं हैं।

जनसंख्‍या को भी बनाया गया है आधार

इस जानकारी के लिए शासन ने जनसंख्‍या को भी आधार बनाया है, जिसके तहत पांच लाख से अधिक जनसंख्‍या पर क्‍या स्‍थिति है और पांच लाख से कम जनसंख्‍या वाले महानगरों की क्‍या स्‍थिति है। यह सभी जानकारियां शासन के आनलाइन पोर्टल ”स्मार्ट नेट पोर्टल” पर उपलब्‍ध कराई जाएंगी। 15 अप्रेल तक डाटा अपलोट करने के बाद भौतिक सत्‍यापन के लिए मई व जून में शासन की टीमें आकर जांच करेंगी। यह जांच एक जनवरी 2017 से 31 दिसम्‍बर 2017 तक के मध्‍य तक की जाएगी।

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