डा. बीआर अंबेडकर को श्रद्धापूर्वक याद किया

विश्वविद्यालय के विभागों में हुए कार्यक्रम आयेजित

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झांसी। बुंदेलखंड विश्वविद्यालय में बुधवार को भारतीय संविधान के निर्माता और प्रख्यात कानूनविद् डा. भीमराव अंबेडकर की पुण्यतिथि पर उन्हें भाव और श्रद्धापूर्वक याद किया गया। लोगों से डा. अंबेडकर के बताए रास्ते पर चलने का आहवान किया गया।
कुलपति प्रो सुरेंद्र दुबे ने बुधवार को पूर्वाहन करीब 11 बजे परिसर में मुख्य प्रशासनिक भवन के समक्ष स्थापित डा. बीआर अंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धासुमन अर्पित किया। इस मौके पर प्रो0 दुबे ने कहा कि उन्होंने हिंदू धर्म में व्याप्त छुआछूत के खात्मे, दलितों, महिलाओं और मजदूरों के प्रति समाज में व्याप्त भेदभाव और कुरीतियों के खिलाफ आवाज बुलंद की। डा. अंबेडकर पूरी ताकत के साथ दलितों को उनका हक दिलाने के लिए उन्हें एकजुट करने और राजनीतिक-सामाजिक रूप से उन्हें सशक्त बनाने में जुटे रहे। वित्त अधिकारी धर्मपाल, परीक्षा नियंत्रक पीएन प्रसाद, छात्र कल्याण अधिष्ठाता प्रो सुनील कुमार काबिया, प्रो0 आर.के सेनी, उा.सोरभ श्रीवास्तव, डा.सीपी पैन्यूली समेत अनेक शिक्षकों और कर्मचारियों ने भी डा. अंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया।
उधर, बुधवार को ही विश्वविद्यालय के जनसंचार एवं पत्रकारिता संस्थान में आयोजित एक कार्यक्रम में बीए प्रथम वर्ष के विद्यार्थियों ने डा. भीमराव अंबेडकर के व्यक्तित्व और कृतित्व का उल्लेख करते हुए उन्हें श्रद्धापूर्वक याद किया। संस्थान के विभागध्यक्ष डा.सीपी पैन्यूली ने कहा कि डा. अंबेडकर को भारतीय संविधान का आधारस्तंभ माना जाता है। भारत का संविधान दुनिया में सबसे बड़ा संविधान है।
इस अवसर पर पत्रकारिता संस्थान में प्रवक्ता उमेश शुक्ल ने कहा कि डा. अंबेडकर आजीवन दलितों और वंचितों को उनका हक दिलाने के लिए संघर्षरत रहे। विदेश जाकर अर्थशास्त्र डॉक्टरेट की डिग्री हासिल करने वाले वह पहले भारतीय थे। जब वह 1926 में भारत आए तब उन्हें मुंबई की विधानसभा का सदस्य चुना गया। वह आजाद भारत के पहले कानून मंत्री बने। लंबे संघर्ष के बाद भी जब डा. अंबेडकर को यह लगा कि वे हिंदू धर्म से जाति प्रथा और छुआ-छूत की कुरीतियां दूर नहीं कर पा रहे तो उन्होंने बौद्ध धर्म अपनाने का फैसला लिया। इससे पूर्व उन्होंने कहा था कि मैं हिंदू पैदा तो हुआ हूं, लेकिन हिंदू मरूंगा नहीं। सन 1990 में उन्हें भारत के सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया।
इस कार्यक्रम में सतीश साहनी, कौशल त्रिपाठी, जय सिंह, उमेश कुमार, डा.श्वेता पाण्डेय, दिलीप कुमार, डा0अजय कुमार गुप्ता, ब्रजेष कुमार परिहार, जयराम कुटार, अभिषेक कुमार समेत अनेक लोग उपस्थित रहे।

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