शोध के नतीजों को आम जन तक पहुचाएं: प्रो. दुबे

0
1026

झांसी। डिपार्टमेंट आफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी यानी डीएसटी ने बुंदेलखंड क्षेत्र की समस्याओं को पहचान कर उन्हें दूर करने के लिए जरूरी शोध परियोजनाएं बनाने और उन्हें क्रियान्वित करने के लिए बुुंदेलखंड विश्वविद्यालय, झांसी को नोडल सेंटर के रूप में चुना है। डीएसटी के सहयोग से बुविवि के भूगर्भ विज्ञान विभाग में स्थापित अत्याधुनिक उपकरणों से सुसज्जित भूजल वैश्लेषिक शोध केंद्र का आज कुलपति प्रो. सुरेंद्र दुबे और डीएसटी के प्रमुख डा. भूप सिंह ने लोकार्पण किया। कुलपति प्रो. दुबे ने वैज्ञानिकों का आह्वान किया कि वे प्रयोगशालाओं में कठिन श्रम से किए गए शोध कार्यों के नतीजों को किसानों के खेतों और आम लोगों के जीवन तक पहुंचाएं। लोगों के जीवन में गुणात्मक सुधार आने पर ही शोध सही मायने में सार्थक साबित होंगे।
उन्होंने कहा कि ऐसे नवोन्मेषी शोध कार्य किए जाएं जिससे आम लोगों की जिंदगी में पेश आ रही समस्याओं का निराकरण हो सके। उन्होंने वैज्ञानिकों को क्षेत्र के गांवों में जाकर किसानों को रासायनिक पदार्थों के अंधाधुंध प्रयोग से होने वाली समस्याओं के बारे में अवगत कराने को कहा। उन्होंने कहा कि यदि सब लोग इसके खतरों से आगाह होंगे तो खेतों में रसायनों का प्रयोग कम करेंगे। इससे जहां खेतों की मृदा शक्ति को सुरक्षित रखा जा सकेगा, वहीं भूगर्भ जल को भी खतरनाक रसायनों से मुक्ति मिलेगी। प्रो. दुबे ने एडीसन का उदाहरण देते हुए सभी वैज्ञानिकों को प्रेरित किया।
बुविवि के कुलसचिव सीपी तिवारी ने कहा कि बुंदेलखंड में सबसे बड़ी समस्या पानी की कमी की है। यहां के लोग पीने के पानी के संकट से जूझते हैं। खेतों की सिंचाई की समस्या तो और बड़ी है। क्षेत्र में जारी खनन कार्य का उल्लेख करते हुए श्री तिवारी ने कहा कि इससे किसानों को बीमारियों की ही सौगात मिलती है। आम आदमी को खनन से कोई फायदा नहीं होता है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि जहां पर भी खनन कार्य चल रहे हों उन क्षेत्रों के लोगों को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं। जल प्रबंधन को बेहतर बनाने की दिशा में समुचित कदम उठाएं जाएं। डीएसटी के प्रमुख डा. भूप सिंह ने वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों से क्षेत्र के लिए बेहतरीन परियोजनाएं बनाने का आह्वान किया। डीएसटी के प्रतिनिधि डा.एके सिंह ने कहा कि उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेेत्र के जिलों की आबादी ज्यादा है। लिहाजा यहां समस्याएं भी ज्यादा हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि डीएसटी की ओर से बुविवि में स्थापित नोडल सेंटर और भूजल वैश्लेषिक शोध केंद्र क्षेत्र के लिए अत्यंत उपयोगी साबित होगा। उन्होंने वैज्ञानिकों से उपकरणों के साथ साथ ज्ञान को अपने सहयोगियों और विद्यार्थियों के साथ साझा करने की अपील की। इस कार्यक्रम में भूजल वैश्लेषिक शोध केंद्र के प्रमुख प्रो. एसपी सिंह ने क्षेत्र की विविध समस्याओं को रेखांकित किया। इस कार्यक्रम में प्रो.एमएम सिंह, डा. ऋषि सक्सेना, छात्र कल्याण अधिष्ठाता प्रो. देवेश निगम, प्रो. एसके कटियार, प्रो. एमएल मौर्य, डा.बीसी जोशी, डा. लवकुश द्विवेदी, डा. शैलजा, डा. डीके भट्ट, डा. विनीत कुमार, उमेश शुक्ल, सतीश साहनी उपस्थित रहे। इससे पहले प्रो. एसपी सिंह और डा. ऋ़षि सक्सेना समेत अनेक शिक्षकों और विद्यार्थियों ने कुलपति प्रो. दुबे, कुलसचिव श्री तिवारी और डा. भूप सिंह को पुष्प देकर उनका स्वागत किया।

LEAVE A REPLY