रेल दुर्घटनाओं को कम करने के लिए उमरे जीएम ने दिया यह सुझाव

0
733

झांसी। अध्‍यक्ष रेलवे बोर्ड अश्‍वनी लोहानी ने वीडियो कॉन्‍फ्रेन्‍स के माध्‍यम से भारतीय रेल मे रेल परिचालन में संरक्षा की स्थिति की समग्र समीक्षा की। इस वीडियो कॉन्‍फ्रेन्‍स में भारतीय रेल सभी जोनों के महाप्रबन्‍धक उपस्थित रहे। वीडियो कॉन्‍फ्रेन्‍स में अध्‍यक्ष रेलवे बोर्ड महोदय ने विभिन्‍न क्षेत्रीय रेलों के संरक्षा प्रदर्शन पर चर्चा की।
इस दौरान मण्‍डलवार संरक्षा का एक्‍शन प्‍लान एवं उसकी मॉनिटरिंग, क्षेत्रीय रेलों द्वारा सभी दुर्घटनाओं की समीक्षा एवं आवश्‍यक कार्यवाही (दिनांक 15.05.18 तक), मानव रहित एवं मानव सहित लेवल क्रासिंगों को समाप्‍त करने एवं मानव युक्‍त लेवल क्रासिंगों की अधिकता वाले खण्‍डों को संभालने के लिए रणनीति, थिक वेब स्विच का प्रावधान, ट्रांन्‍सफारमेशन इनिशिएटिव का कार्यान्‍वयन, मेकेनिकल इन्‍टरलॉकिंग वाले यार्डो में परिवर्तन का ऐक्‍शन प्‍लान, दोहरीकरण एवं नई लाईन कार्यों की स्थिति, वर्क साइटों पर संरक्षा, क्षेत्रीय रेलवे पर महत्वपूर्ण परियोजनाओं जैसे यूएसबीआरएल, डेडीकेटेड फ्रेट कोरिडोर, हाई स्पीड, बॉयो टॅायलेट, स्टेशन विकास, विद्युतीकरण इत्यादि की स्थिति आदि पर चर्चा की गयी।
वीडियो कॉन्‍फ्रेन्‍स में बोलते हुए अध्‍यक्ष रेलवे बोर्ड ने कहा कि वर्ष 2016-17 में भारतीय रेल कुल 104 कॉन्सिक्‍वैन्शियल दुर्घटनाएं हुई थींं, जो कि 2017-18 में क्षेत्रीय रेलों के सतत प्रयासों से घटकर 73 हो गयी। उन्‍होंने कहा कि वर्तमान वित्‍त वर्ष के दौरान इस संख्‍या को 50 से कम करने का लक्ष्‍य निर्धारित किया है। वीडियो कॉन्‍फ्रेन्‍स में यह भी निर्णय हुआ कि किसी भी एक खण्‍ड में 3 से 4 से अधिक नॉन इन्‍टर लॉक्‍ड लेवल क्रासिंग नहीं होंगे। यदि किसी भी खण्‍ड में लेवल क्रासिंग गेटों की संख्‍या इससे अधिक है तो शेष गेटों को चाहे टीवीयू निर्धारित मान दण्‍डों से कम भी हो तब भी उनको इन्‍टर लॉक किया जायेगा।

वीडियो कॉन्‍फ्रेन्‍स में बोलते हुए महाप्रबन्‍धक एमसी चौहान ने कहा कि फरवरी 2017 में उत्‍तर मध्‍य रेलवे में मिशन जीरो स्‍पैड प्रारम्‍भ किया गया था, जो कि बहुत सफल रहा और पिछले वित्‍त वर्ष के दौरान उत्‍तर मध्‍य रेलवे प्रणाली में उत्‍तर मध्‍य रेलवे के लोको पायलट/लोको पायलटों द्वारा शून्‍य स्‍पैड की घटनाएं हुई। उन्‍होंने यह भी बताया कि स्‍पैड बचाने के लिए उत्‍तर मध्‍य रेलवे ने नवीन प्रयास किये गये जिसके तहत लोको पायलट/लोको पायलटों एवं उनके परिवारों को अधिकारियों द्वारा काउंसिल किया गया एवं रनिंग रूमों में सुधार के लिए ग्रास हैप्‍पीनेस इन्‍डेक्‍स परियोजना लागू की गयी है। उन्‍होंने बताया कि उत्‍तर मध्‍य रेलवे में ग्रास हैप्‍पीनेस इन्‍डेक्‍स परियोजना के तहत प्राप्‍त हुए फीड बैक के अनुरूप किये गये प्रयासों के फलस्‍वरूप रनिंग रूमों में उललेखनीय सुधार हुआ है एवं इसके कारण लोको पॉयलटों/सहायक लोको पॉयलटों के मध्‍य संतुष्टि का स्‍तर बेहतर हुआ है। उन्‍होंने कहा कि प्रभावी शिकायत निवारण के फलस्‍वरूप उत्‍तर मध्‍य रेलवे सम्‍पूर्ण भारतीय रेल में सीपीग्राम्‍स पोर्टल पर प्राप्‍त शिकायतों के समाधान के सम्‍बन्‍ध में पुरानी स्थिति में सुधार करते हुए दूसरे स्‍थान पर आ गये हैं। उन्‍होंने कहा कि स्‍टाफ की एलर्टनेस सुनिश्चित करने के लिए, लेवल क्रासिंग गेटों पर नियमित चेकिंग, अधिकारियों और पर्यवेक्षकों के स्तर पर रात्रि कालीन औचक निरीक्षण किये जा रहे हैं। महाप्रबन्‍धक उत्‍तर मध्‍य रेलवे ने रेलवे बोर्ड से आग्रह किया कि बेहतर आउट पुट के लिए बेलास्‍ट क्‍लीनिंग मशीन एवं हाई आउट पुट टैम्‍पर सहित ट्रैक रिलेईंग ट्रेन मशीन उपलब्‍ध कराई जायें ताकि अत्‍यधिक सेचुरेटेड गाजियाबाद-मुगलसराय सेक्‍शन जिसपर पूरे खण्‍ड में लाईन क्षमता का 151 से 167 प्रतिशत उपयोग हो रहा है उसपर ट्रैक मशीनों को मिलने वाले ब्‍लॉक टाइम का अधिकतम उपयोग किया जा सके। उन्‍होंने पनकी यार्ड की रिमॉडलिंग के लिए नॉन इण्‍टर लॉकिंग की अनुमति के लिए रेलवे बोर्ड से आग्रह किया। महाप्रबन्‍धक उत्‍तर मध्‍य रेलवे ने मानव रहित लेवल क्रासिंगों को बन्‍द करने के विषय पर बताया कि उत्‍तर मध्‍य रेलवे ने पिछले वित्‍त वर्ष के दौरान निर्धारित लक्ष्‍य 73 से बेहतर प्रदर्शन करते हुए 75 क्रासिंग बन्‍द की। उन्‍होंने आगे कहा कि उत्‍तर मध्‍य रेलवे में शेष 79 मानव रहित लेवल क्रासिंगों को वर्तमान वर्ष में सितम्‍बर तक समाप्‍त कर दिया जायेगा। मानव युक्‍त लेवल क्रासिंगों के सम्‍बन्‍ध में उन्‍होंने कहा कि वर्तमान वर्ष में 54 क्रासिंगों को समाप्‍त कर दिया जायेगा।

LEAVE A REPLY