विवि : ऐसा क्‍या मिला आईटीएचएम को, जाेे खुशी संभल नहीं रही

आईटीएचएम को मिला 2.4 करोड़ का अनुदान, अब मास्टर इन होटेल मैनजमेण्‍ट का पाठ्यक्रम होगा शुरू

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झांसी। बुन्‍देलखण्‍ड विश्‍वविद्यालय के तहत पर्यटन एवं होटल प्रबंधन संस्थान द्वारा उच्च शिक्षा के क्षेत्र में एक बड़ी पहल करते हुए मास्टर ऑफ़ होटल मैनेजमेण्‍ट एंड कैटरिंग टेक्नोलॉजी पाठ्यक्रम को आगामी शैक्षणिक सत्र से लागू किया जा रहा है। विभाग द्वारा इस बावत पर्यटन मंत्रालय भारत सरकार द्वारा स्वीकृति एवं केंद्रीय वित्तीय सहायता के लिए जो प्रस्ताव भेजा गया था, उसे पूर्णत: स्वीकृति देने के साथ-साथ पर्यटन मंत्रालय ने लगभग ढाई करोड़ की सहायता राशि भी स्वीकृत की है। इस राशि का उपयोग विभाग द्वारा अपने ट्रेनिंग एरियाज को उच्चीकृत करने एवं नई प्रयोगशालाएं जैसे फ़ूड प्रोडक्शन रिसर्च प्रयोगशाला इत्यादि बनाने के लिए किया जाना प्रस्‍तावित है।
गौरतलब है कि प्रदेश के किसी भी विश्वविद्यालय में इस प्रकार का मास्टर ऑफ़ होटल मैनेजमेंट एंड कैटरिंग टेक्नोलॉजी पाठ्यक्रम संचालित नहीं हो रहा है। इस प्रस्ताव की पर्यटन मंत्रालय के अधिकारियों एवं विशेषज्ञों ने भूरि-भूरि प्रशंसा की है। विभागाध्यक्ष प्रो. सुनील कुमार काबिया ने बताया इंटीग्रेटेड एचएमसीटी, एमएचएमसीटी पाठ्यक्रम के प्रारंभ होने से होटल मैनेजमेंट क्षेत्र में छात्र छात्राओं को उच्च शिक्षा के अवसर के साथ-साथ हायर रिसर्च, यूजीसी-नेट और शिक्षण के क्षेत्र में उत्तम अवसर प्राप्त होंगे और अपनी रूचि के विषय में हायर स्‍पेश्‍लाईजेशन करने का मौका भी मिलेगा। प्रो. काबिया ने ये भी बताया कि एमएचएमसीटी पाठ्यक्रम में निकास का विकल्प भी छात्र छात्राओं को उपलब्ध होगा। छात्र छात्राओं को स्नातक एवं परास्नातक दोनों डिग्री एक साथ प्रदान की जाएंंगी। एक विस्तृत प्रस्ताव विश्वविद्यालय के शिक्षा परिषद और कार्य परिषद से अनुमोदन के लिए तैयार किया जा रहा है।
विभाग के फ़ूड प्रोडक्शन इंचार्ज डॉ. महेंद्र सिंह ने बताया कि पर्यटन मंत्रालय की स्वीकृति के उपरांत विभाग में आधुनिक उपकरण एवं सुविधाएँ प्राप्त होंगी, जिससे छात्र छात्राओं के शिक्षण एवं प्रशिक्षण में गुणवत्ता आएगी। उन्‍होंने बताया कि विभाग की लैब की स्थापना लगभग दो दशक पूर्व हुई थी, इनमेंं आधुनिकीकरण एवं उच्चीकरण की आवश्यकता महसूस की जा रही है। विभाग में एक आधुनिक लेेंगुुुुएज और कम्‍यूनिकेशन लैब की भी स्थापना की जाएगी, जिससे छात्र छात्राओं को विभिन्न भाषाओँ में पारंगत किया जा सकेगा। प्रो. काबिया ने बताया कि आगामी सत्र से बीएचएमसीटी में प्रवेश लेने वाले छात्र छात्राए अपनी डिग्री को उच्चीकृत कर मास्टर डिग्री भी नियमानुसार प्राप्त कर सकेंगे।

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