मुफलिसी भी आढ़ेे न आ सकी सीखने की ललक के रास्‍ते

अनाथ, अर्थिक रुप से कमज़ोर, झुग्गी बस्तियों में रहने वाली लड़कियों के साथ रंगमंच की निःशुल्क कार्यशाला

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झांसी। बुन्देलखण्ड नाट्य कला केंद्र (समिति) झाँसी और मध्य प्रदेश नाटय विद्यालय, भोपाल के संयुक्त तत्वावधान में 15 दिवसीय निःशुल्क राष्ट्रीय नाट्य कार्यशाला और नाटय समारोह सिद्धेश्‍वर नगर में लगाई जा रही है, जिसके तहत रविवार को दूसरेे नाटक का मंचन किया जाएगा। यहां आर्थिक रुप से कमजोर झुग्‍गी में रहने वाली लड़कियों को भी प्रशिक्षण दिया जा रहा है, जिसमें उनकी गरीबी भी आड़े नहीं आ रही है। इन गरीब लड़कियों को ट्रेनिंग के बाद संस्‍था द्वारा इनको आगे बढ़ने में भी मदद की जाएगी।

संस्‍था के मार्गदर्शक और संयोजक डॉ. हिमांशु द्विवेदी ने बताया कि एक जून से प्रारम्‍भ इस कार्यशाला में लगभग 55 स्टूडेंट्स ने भाग लिया, जिसे दो श्रेणियों में विभाजित किया है। 40 लड़कियां नोन प्रोफेशनल श्रेणी से है, जो आर्थिक रूप से कमज़ोर, झुग्गियों में रहने वाली अनाथ है। दूसरी श्रेणी में प्रोफेशनल ऐक्टर्स हैंं, जो दिल्ली, ग्वालियर, झांसी, चंडीगढ़ आदि जगह से हैंं, लड़कियों की क्लास सुबह 9 से दोपहर 12:30 तक चलती है, जबकि बाहर से आये स्टूडेंट्स की क्लास सुबह 9 से दोपहर रात्रि 11 बजे तक चलती है। इस कार्यशाला का निर्देशन मध्य प्रदेश स्कूल ऑफ ड्रामा के पासआउट रंगकर्मी कृपांशु द्विवेदी कर रहे हैं और सहनिर्देशन एचसीआरएफटीआर (मंडी) हिमाचल प्रदेश के पासआउट रंगकर्मी करमजीत सिंह (चंडीगढ़) कर रहे है। इस कार्यशाला के अंतिम 5 दिवस नाटकों का मंचन किया जाना था, जिसके क्रम में रविवार को दूसरा नाटक बड़ी ज़िज्जी का आयोजन किया जाएगा। इसके बाद चुभन, कविता का मंचन और बेटी बचाओ पर नाटक का मंचन होगा। उन्‍होंने बताया कि बुंदेलखंड नाट्य कला केन्द्र (समिति) के स्टूूडियो थिएटर के निर्माण का कार्य भी बहुत तीव्र गति से चल रहा है। हॉल में फ़्लोर हो चुका है विंग्स, साइक्लोरमा लग चुकी है । अब लाइट का काम चल रहा है जिसे लाने, लगाने और डिज़ाइन का कार्य कर रहे हैं रजनीश जायसवाल ,प्रजीत जो दिल्ली से लाइट ला रहे है। इस स्टूडियो के निर्माण में लगने वाली सामग्री पर व्‍यय वह स्‍वयं कर रहे हैंं। स्‍टडियो बनने के बाद नाटकों का मंचन हर हफ्तेे किया जाएगा।

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