साहित्य मानव के अन्दर मनुष्‍यत्व जगाता हैः प्रो0 गुप्त

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झांसी। साहित्य हमारे दिल एवं मन को विस्तार देता है साथ ही साहित्य मानव के अन्दर के मनुष्‍यत्व को भी जगाता है। यह विचार आज उत्तर प्रदेष हिन्दी संस्थान के कार्यकारी अध्यक्ष प्रो0 सदानन्द प्रसाद गुप्त ने बुन्देलखण्ड विष्वविद्यालय के गॉंधी सभागार में विश्‍वविद्यालय के हिन्दी विभाग द्वारा विश्‍वविद्यालय के 22वें दीक्षान्त समारोह के दीक्षान्त सप्ताह के दौरान आयोजित एकल व्याख्यान एवं नागरिक अभिनन्दन समारोह के अवसर पर व्यक्त किये। उपस्थित श्रोताओं को सम्बोधित कर रहे थे। प्रो0 गुप्त ने कहा कि भारतीय साहित्य ने राष्‍ट्रीय चेतना के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन किया है। आज आवश्‍यकता इस बात कि है कि हमें अतीत के स्मरण के द्वारा देश की राष्‍ट्रीय चेतना को जगाना होगा। प्रो0 गुप्त ने कहा कि मैथिलीषरण गुप्त ने अपनी रचनाओं के द्वारा राष्‍ट्रीय चेतना को जगाने का कार्य किया है।
अध्यक्षता करते हुए विवि के कुलपति प्रो0 सुरेन्द्र दुबे ने कहा कि यदि मनुष्‍य का लक्ष्य तथा कर्मनिश्ठा स्पश्ट हो तो मनुश्य किसी भी लक्ष्य को प्राप्त कर सकता है, अतः हमें अपने लक्ष्य के निर्धारण तथा उसकी प्राप्ति हेतु किये जा रहे कार्यां के प्रति सजग रहना होगा।
समारोह के विशिष्‍ट अतिथि डा0रविन्द्र शुक्ल ‘रवि’ ने कहा कि यह सोचना गलत है कि भारत का इतिहास गुलामी का इतिहास है वस्तुत भारत का इतिहास संघर्शो का इतिहास हैं। यह तो कर्नल टॉड, लार्ड मैकाले तथा मैक्समूलर की तिकडी का कमाल है जिसने भारतीय संस्कृति एवं इतिहास को पूरी तरह बदलकर रख दिया।
कार्यक्रम का प्रारम्भ मां सरस्वती के चित्र के सम्मुख दीप प्रज्जवलन तथा पुश्पार्चन से हुआ। मंचासीन अतिथियों का पुश्प कलिका भेंटकर स्वागत किया गया। इस अवसर पर विष्वविद्यालय के हिन्दी विभाग तथा अखिल भारतीय हिन्दी साहित्य परिशद ने मुख्य अतिथि प्रो0 सदानन्द प्रसाद गुप्त का नागरिक सम्मान किया। इस हेतु कुलपति द्वारा प्रो0 गुप्त को सम्मानपत्र शॉल, श्रीफल तथा स्मृति चिन्ह भेंटकर सम्मानित किया गया।
समारोह का संचालन डा0पुनीत बिसारिया ने किया तथा आभार हिन्दी विभागाध्यक्ष डा0मुन्ना तिवारी ने ज्ञापित किया।
नगर के साहित्यिक क्षेत्र के विद्वान हस्ताक्षर महाकवि अवधेष, पन्नालाल असर, साकेत सुमन चतुर्वेदी, कृश्ण मुरारी श्रीवास्तव , प्रो0वी0के0 सहगल, प्रो0एम0एल0मौर्य, प्रो0पी0सी0षुक्ला, प्रो0वी0पी0खरे, प्रो0आर0के0सैनी, प्रो0सी0बी0सिंह, प्रो0 प्रतीक अग्रवाल, डा0डी0के0भट्ट, डा0 अचला पाण्डेय, डा0 विनम्रसेना सिह , डा0श्रीहरि त्रिपाठी, डा0एस0के0जैन, डा0सन्तोश पाण्डेय, डा0बी0बी0 त्रिपाठी, डा0 नीरज गुप्ता, डा0रामप्रताप सिंह, डा0 सीमा श्रीवास्तच, डा0 सतीन्द्र मिश्रा, डा0 धीरेन्द्र यादव, डा0ओ0पी0सिंह, डा0अंकित श्रीवास्तव, डा0ललित गुप्‍ता, डा0 राधिका कुरील, इंजी0 राहुल षुक्ला, नवीन चन्द्र पटेल, डा0विजय यादव, डा0 सुनीता, डा0 पूनम मेहरोत्रा, डा0 नेहा मिश्रा, डा0राजेष पाण्डेय, डा0 महेन्द्र कुमार, डा0हरिषंकर, सरोज कुमार, सतीष साहनी आदि उपस्‍थित रहे।

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