बारिश की हर बूूंद कीमती है बुंंदेलखण्‍ड के लिए

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झांसी। बुन्‍देलखण्‍ड के सूखे को देखते हुए यहां बारिश के पानी की हर बूूंद कीमती है और उसका संचयन हमको हर हाल में करना होगा। मानसून का समय हो चुका है और बारिश कभी भी प्रारम्‍भ हो सकती है। इसके लिए किसान अपने खेतों को छोटे हिस्‍सों में बांटकर मेड़बंंदी करके पानी को रोकने की व्‍यवस्‍थ्‍ाा कर ले। उक्‍त विचार मार्ग श्री संस्‍था के तत्‍वावधान में विगत दिनों से चल रहे जल संरक्षण जागरुकता यात्रा के चौथे दिन ग्राम काशीनगर व डगरिया रुंद में संस्‍था के अध्‍यक्ष ध्रुव सिंह यादव ने किसानों से व्‍यक्‍त किए।
उन्‍होंने किसानों को बारिश में जल संचयन के कई तरीके बताए और उनसे तैयारियांं करने को कहा। सहयोग केवट संस्‍था की श्रीमती कंचन आहूजा ने किसानों से कहा कि पानी की प्रत्‍येक बूंद कीमती है और इसलिए जल संचयन करना बहुत जरुरी है। यात्रा के दौरान किसानों ने बताया कि हमारे क्षेत्र में खदानों की संख्‍या बहुत अधिक है। इसलिए दिन प्रतिदिन जमीनी जल स्‍तर घटता जा रहा है। परिवार का एक सदस्‍य दिन भर पानी की व्‍यवस्‍था करने में ही लगा रहता है। सभी ने मिलकर पाइप लाइन द्वारा पानी की सप्‍लाई की मांग की। वहीं मयूर चौकसेे ने गांव में उपलब्‍ध जल स्‍त्रोतों की जानकारी लेतेे हुए कहा कि इन्‍हेें दोबारा से चालू करना होगा। नरेन्‍द्र कुुुुमार ने कहा कि पानी बचाना सभी का कार्य है ओर सोख्‍ता गड्ढे बनाकर भी पानी बरबाद होने से बचाना है। गांव में निजी 30 हैण्‍डपम्‍प में से 10 ही काम कर रहे हैं। कुल 29 कुएं हैं, जिनमें से केवल दो ही काम कर रहे हैं। गुलजारी लाल मिस्‍त्री ने कहा कि सोख्‍ता गड्ढों का निर्माण हम कर सकते हैं। पूरा क्षेत्र पानी की भीषण समस्‍या से ग्रस्‍त है। अंत में मौरिस ने सभी का आभार व्‍यक्‍त किया।

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