पशुओं को दिया जा रहा जीने लायक पानी

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झांंसी। बुन्‍देलखण्‍ड में पेयजल की स्‍थिति दिन ब दिन और भयावह होती जा रही है, जहां शहरी क्षेत्रों में जलस्‍तर लगातार नीचे गिरता जा रहा है। वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को दूर दूर से जल स्‍त्रोतों को ढूंढकर पीने का पानी भरने जाना पड़ रहा है। कई गांंव में यह स्‍थिति हैै कि पानी की कमी के कारण पालतू पशुओं को सिर्फ उतना पानी ही पीने को दिया जा रहा है, जिससे वह जिन्‍दा रह सकेंं। ऐसी भयावह स्‍थिति को दूूूर करने के लिए मार्गश्री संस्‍था के साथ अन्‍य संस्‍थाओं द्वारा निकाली जा रही जल संरक्षण जागरुकता यात्रा के अंतिम दिवस लोगों को जल संरक्षण के लिए प्रेरित और जागरुक किया गया।
जल संरक्षण जागरुकता यात्रा आज ग्राम दुर्गापुर व बल्‍लमपुर में पीएन गुप्‍ता की अध्‍यक्षता में निकाली गई। यात्रा का समन्‍वयन अशोक अग्रवाल व श्रीमती कंचन आहूजा ने किया। यात्रा का संचालन करते हुए मार्गश्री संस्‍था के निदेशक ध्रुुुव सिंह यादव ने कहा कि पानी बहुत अमूल्‍य है। वर्षा की मात्रा दिन ब दिन घटती जा रही है, इसलिए जल संचयन बहुत ही आवश्‍यक है। इस दौरान ग्रामीणों ने बताया कि पेयजल की समस्‍या बहुत गम्‍भीर है। जन, जानवर व जमीन पानी की कमी की वजह से बेहाल हैं। बल्‍लमपुर की ग्राम प्रधान श्रीमती सुनीता ने बताया कि गांव में चार कुएं हैं और चारों सूख चुके हैं। आधे से ज्‍यादा हैण्‍डपम्‍पों ने पानी देना बंद कर दिया है। टैंकरों के लिए बोला था, लेकिन आज तक कोई टैंकर नहीं आया है। दुर्गापुर के सोनू मिस्‍त्री ने बताया कि जमीनी जल स्‍तर 150 फुट तक नीचे चला गया है। ऐसे में गांव से बाहर लगे तीन हैण्‍डपम्‍प से ही पानी भरने को पूरा गांव मजबूर है। ग्रामीणों को इसके लिए हैण्‍डपम्‍प व कुओं के आसपास सोख्‍ता गड्ढा बनानेे का सुझाव दिया गया। कार्यक्रम का समापन करते हुए कमलेश राय ने मानव विकास संस्‍थान, मार्गश्री संस्‍था, सहयोग केवट, एनवाईपी सहित ग्रामीणों का आभार व्‍यक्‍त किया।

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