विवि : नए सत्र के लिए प्रवेश की काउंसिलिंग गुरुवार से

० कुलपति ने प्रवेश हेतु काउंसिलिंग की तैयारियों का लिया जायजा ० कुलसचिव ने बैठक में अधिकारियों को दिये निर्देश

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झांसी। बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय में संचालित विभिन्न पाठ्यक्रमों मेें प्रवेश के लिए 19 जुलाई से 31 जुलाई तक होने वाली काउंसलिंग को लेकर प्रभारी कुलपति प्रो. वीके सहगल व कुलसचिव चन्द्रपाल तिवारी द्वारा काउंसलिंग से जुडे शिक्षकों की एक बैठक ली गई।
प्रभारी कुलपति प्रो. वीके सहगल ने बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय में प्रवेश हेतु काऊंसिलिंग एक महत्वपूर्ण घटना होती है। अतः यह सभी का उत्तरदायित्व है कि हम उसे पूर्ण निष्पक्षता एवं शुचिता के साथ सम्पन्न करायें। उन्होंने उपस्थित शिक्षकों का आव्हान किया की वह छात्र छात्राओं प्रवेश लेने के दौरान होने वाली परेशानियों को हल करने में हरसंभव सहायता करने का प्रयास करें। कुलसचिव चन्द्रपाल तिवारी ने कहा कि विवि मे प्रवेश, चुनाव तथा परीक्षा तीन महत्वपूर्ण घटनाएं होती हैं। न्यायालय के कारण चुनावों पर स्टे लगा है। इस समय हमारे सामने विवि परिसर तथा सम्बन्धित महाविद्यालयों में संचालित विभिन्न पाठ्यक्रमों मेें प्रवेश प्रक्रिया पारदर्शिता तथा शुचितापूर्ण ढंग से सम्पन्न करवाना एक चुनौती है।

काउंसिलिंग केन्‍द्र पर ही काटी जाएगी रसीद

कुलसचिव ने बताया कि लेखा विभाग को निर्देश दिये गये हैं कि प्रवेश हेतु आने वाले छात्र-छात्राआेंं की सुविधा के लिए काऊंसिलिंग शुल्क की रसीद उनके काऊंसिलिंग केन्द्र पर ही काटी जायेगी। लेखा विभाग के संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि वह नियत तिथि पर प्रत्येक काउंसिलिंग केन्द्र पर अपने कर्मचारियों को नियुक्त करें, जिससे कि छात्र काउंसिलिंग केंद्र पर ही अपनी काउंसिलिंग फीस शुल्क को जमा कर सकेे। कुलसचिव ने विभिन्न कर्मचारियों अधिकारियों को निर्देश दिए कि काउंसिलिंग से सम्बन्धित सभी व्यवस्थाएं पूर्ण करें, ताकि काउंसिलिंग के समय छात्र-छात्राओं तथा शिक्षकों को किसी भी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पडे। छात्र काउंसिलिंग में अपने प्रमाण पत्रों के सत्यापन के पश्चात विभागाध्यक्ष/समन्वयक के लॉग इन आईडी के माध्यम से प्रवेश कन्फर्म करवाकर शिक्षण शुल्क डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड अथवा नेट बैंकिंग के माध्यम से जमा करवायेंगे। उन्होंने बताया कि इसके अतिरिक्त जो छात्र नेट बैंकिंग क्रेडिट कार्ड या डेबिट कार्ड के माध्यम से शुल्क जमा नहीं कर पाते उनके लिए विभागाध्यक्ष अथवा समन्वयक छात्र को शुल्क सम्बन्धी चालान का प्रिंट आउट निकाल कर देंगे, जिससे छात्र बैंक में शुल्क नगद जमा कर सकता है।

एससी व एसटी के सिर्फ प्रथम 40 प्रतिशत को ही मिलेगी छूट

उन्होंने बताया कि शासनादेश के अनुसार मात्र अनुसूचित जाति एवं जनजाति के प्रथम 40 प्रतिषत छात्रों को ही शून्य शुल्क पर प्रवेश की अनुमति दी जाएगी। उसके बाद अनुसूचित जाति अथवा जनजाति के छात्रों को चाहे उनके अभिभावकों की आय दो लाख से भी कम हो उन्हें पूर्ण शुल्क का भुगतान करना होगा। उल्‍लेखनीय है कि इससे पूर्व एससी व एसटी के छात्र छात्राएं अलग अलग जगह प्रवेश लेकर छात्रवृृृृत्‍ति ले लेते थे और उसके बाद महाविद्यालय या विवि के कोर्स छोड़ देते थे, जिससे सीट खाली रहने के साथ ही सम्‍बंधित संस्‍थान को फीस का चूना भी लगता था।

विभागाध्‍यक्षों की अनापत्‍ति के बाद ही दिया जाए प्रवेश

विभागाध्यक्षों तथा समन्वयकों को निर्देश दिया गया है कि वह प्रवेशित छात्रों की अद्यतन सूची उसी दिन काउंसलिंग समाप्त होने के पश्चात प्रवेश सेल कार्यालय को अनिवार्य रूप से उपलब्ध करा दें। इसके अतिरिक्त कुलसचिव ने जानकारी दी कि विश्वविद्यालय परिसर में संचालित पाठ्यक्रमों में प्रवेश हेतु आये अभ्यर्थी अगर किसी अन्य पाठ्यक्रम में सीटों की उपलब्धता के आधार पर प्रवेश चाहता है तो अभ्यर्थी दोनों विभागों के विभागाध्यक्षों से प्रार्थना पत्र पर अनापत्ति लेते हुए सीधे प्रवेश सेल में संपर्क कर अपना चयनित पाठ्यक्रम बदलवाने हेतु आवेदन कर सकता है। यह कार्यवाही उसी दिन की जाएगी। विभागाध्यक्षों की अनापत्ति के बिना कोई भी प्रवेश न दिया जाए।

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