सत्य का आचरण एवं न्यायपूर्ण शासन ही स्वराज

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झांसी। बुन्देलखण्ड विश्‍वविद्यालय में आज ‘‘स्वराज्य मेरा जन्म सिद्ध अधिकार है और मैं इसे ले कर रहूँगा’’ विषय पर भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जिसमें बीयु कैम्पस के साथ ही सम्बद्ध कालेजों के छात्र एवं छात्राओं ने भागीदारी की। उच्च शिक्षा विभाग उत्तर प्रदेश द्वारा महान चिन्तक एंव राष्‍ट्रवादी विचार धारा के संवाहक महापुरूष लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक के सम्मान में आयोजित होने वाले कार्यक्रम दिनांक 29/12/17 के तत्वावधान में प्रदेश स्तर पर भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है। इसी क्रम में आज बुन्देलखण्ड विष्वविद्यालय में उपरोक्त विषय पर भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।
इसमें बुन्देलखण्ड विष्वविद्यालय के 37 छात्र एवं छात्राओं ने भागीदारी की। जिसमें प्रमुख रूप से बी.एन.वी राठ, बुन्देलखण्ड महाविद्यालय झांसी, गांधी महाविद्यालय उरई, मोर्डन डिग्री कालेज कोंछा भंवर, स्वामी विवेकानन्द डिग्री कालेज झांसी, गवर्मण्ट डिग्री कालेज चरखारी, अग्रसेन डिग्री कालेज मऊरानीपुर, आर.एस.एम गुप्ता कालेज चिरगांव, एम.एल.बी मेडिकल कालेज झांसी इत्यादी ने भागीदारी की। छात्र एवं छात्राओं ने इस अवसर लोकमान्य बाल गंगाधर की जीवनक्रम से जुड़े अनेक प्रसंगो का उल्लेख करते हुए स्वतंत्रता संग्राम में उनकी भूमिका पर प्रकाश डाला। भारत में अंग्रजो का पहली बार उनके नेतृत्व में कड़ा विरोध किया गया। बंग भंग आंदोलन में उनकी क्रियाषीलता एवं बाद में गरम दल के नेतृत्व से परेषान होकर अंग्रेजों ने उन्हें 1908 में छः वर्ष के लिये जेल में डाल दिया फिर भी उन्होंने अपने प्रयासों को जंग नहीं लगने दिया और गीता रहस्य एक रूप् में एक ऐसा साहित्य सबके सामने रखा जिसने लाखों युवाओं को प्रेरणा प्रदान की। उनके पत्र केसरी एवं मराठा ने भी स्वतंत्रता की अग्नि को प्रज्जवलित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। बुन्देलखण्ड विष्वविद्यालय के विज्ञान भवन का सेमिनार हाल आज मानों क्रांतिकारी विचारों की धरा बन गया है।
डा0 सी.पी. पैन्युली, डा0 मीनाक्षी सिंह, डा0 अंजली सक्सेना, डा0 अंजु सिंह, डा. प्रकाष चंद्र एंव कौषल त्रिपाठी प्रतियोगिता के निर्णायक मण्डल में रहे। प्रतियोगिता का आयोजन अधिष्‍ठाता छात्र कल्याण प्रो सुनील कुमार काबिया के नेतृत्व में किया गया। प्रतियोगिता का संयोजन डा0 गजाला रिजवी ने किया।

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