देश के सामाजिक, सांस्कृतिक, व आर्थिक विकास में पर्यटन की भूमिका महत्वपूर्ण : मण्डलायुक्त

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झाँसी। पर्यटन सिर्फ मानव जीवन में खुशियों के पल को वापस लाने में ही मदद नहीं करता है बल्कि यह किसी भी देश के सामाजिक, सांस्कृतिक, राजनैतिक और आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। पर्यटन के माध्यम से हम सांस्कृतिक विरासत को अपनी अगली पीढी से परिचय करवाने के अतिरिक्त सांस्कृतिक धरोहरों को सुरक्षित एवं संरक्षित करने का भी कार्य करते हैं। तीर्थाटन, देशाटन एवं पर्यटन की प्राचीन काल से ही भारतीय संस्कृति में समृद्ध परम्परा रही है। यह विचार आज विश्व पर्यटन दिवस के अवसर बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय, झाँसी के पर्यटन एवं होटल प्रबन्धन संस्थान के तत्वाधान में ऐतिहासिक झाँसी के दुर्ग से प्रारम्भ सांस्कृतिक शोभा यात्रा के शुभारम्भ के मौके पर मुख्य अतिथि के रुप में झाँसी मण्डल की मण्डलायुक्त श्रीमती कुमुदलता श्रीवास्तव ने व्यक्त किये।
मण्डलायुक्त ने अपने सम्बोधन में कहा कि व्यक्ति को अपने जीवन के हर स्तर पर पर्यटन करना चाहिए, ताकि वह देश के प्रत्येक क्षेत्र के ऐतिहासिक महत्व के स्थलों से परिचित तो हो ही, साथ ही उस समाज की कला, संस्कृति, खान-पान, पहनावा आदि के विषय में जानकारी ले सकते है। उन्होंनें कहा कि बुन्देलखण्ड की ऐतिहासिक संस्कृति के प्रचार-प्रचार का कार्य विश्वविद्यालय द्वारा किया जा रहा है, वह प्रशंसनीय है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय, झाँसी के प्रभारी कुलपति प्रो.वी.के.सहगल ने कहा कि पर्यटन करते समय हमें ध्यान रखना होगा कि ऐतिहासिक स्थलों की सुन्दरता को न बिगाडें, उन्होंनें विद्यार्थियों का आव्हान किया कि हमें पर्यटन करते समय शोधार्थी की भांति समाज को जानने की कोशिश करनी चाहिए, तभी हमारे पर्यटन के उद्देश्य पूरे होगें। उन्होनें राहुल सांस्कृतायन, फाहयान आदि के उदाहरणों के माध्यम से देशाटन की उपयोगिता के विषय में भी अवगत कराया।
इस अवसर पर पर्यटन एवं होटल प्रबन्धन संस्थान के विभागाध्यक्ष प्रो. सुनील काबिया ने समस्त अतिथियों का स्वागत करते हुए विश्व पर्यटन दिवस के इतिहास के विषय में अवगत कराते हुए कहा कि वर्ष 1984 से संयुक्त राष्ट्र संघ के आनुषांगिक संगठन‘‘ वर्ल्ड टूरिज्म आर्गनाईजेशन’’ द्वारा विश्व पर्यटन दिवस की शुरुआत की गई। इस वर्ष विश्व पर्यटन दिवस की थीम ‘‘डिजीटल ट्रान्सफार्मेशन’’ है, जिसके माध्यम से पर्यटन को बढावा दिया जा रहा है। प्रो. काबिया ने कहा कि पर्यटन एवं होटल प्रबन्धन संस्थान द्वारा विगत पन्द्रह वर्षों से इस तरह की सांस्कृतिक शोभा यात्राओं के माध्यम से जनता तक पर्यटन के माध्यम से संस्कृति की सौंधी सुगन्ध पहुंचाने का कार्य कर रहा है।
इस अवसर पर मण्डलायुक्त श्रीमती कुमुदलता श्रीवास्तव ने उपस्थित शिक्षकों, विद्यार्थियों व नागरिकों को पर्यटन को बढावा देने, पर्यावरण का संरक्षण करने तथा कार्बन के दुष्प्रभावों से पर्यावरण को बचाने की शपथ दिलाई।

सांस्कृतिक यात्रा का प्रारम्भ मण्डलायुक्त श्रीमती कुमुदलता श्रीवास्तव व कुलपति प्रो. वी. के. सहगल द्वारा नारियल फोड़कर तथा झण्डा दिखाकर किया गया। ऐतिहासिक झांसी दुर्ग से शुरू हुई सांस्कृतिक यात्रा जीवनशाह तिराहा, इलाइट चौराहा, इलाहाबाद बैंक चौराहा से सदर बाजार होती हुई विश्वविद्यालय पहुँची, जहां यात्रा ने विश्वविद्यालय परिसर का भ्रमण किया और परिसर के पर्यटन एवं होटल प्रबन्धन संस्थान में यात्रा का समापन हुआ। सांस्कृतिक यात्रा में पर्यटन एवं होटल प्रबन्धन संस्थान के विद्यार्थी, एन.सी.सी. कैडैट्स राष्ट्रभक्ति के गीतों पर थिरकते हुए नाचते गाते चल रहे थे। यात्रा दल में बुन्देलखण्ड के ऐतिहासिक स्थलों की झांकियां, पर्यटन एवं होटल प्रबन्धन संस्थान का प्रतीक चिन्ह सुसज्जित रथ पर चल रहा था।

देश के 18 राज्यों की परम्परागत परिधानों में विद्यार्थी आकर्षण का प्रमुख केन्द्र थे, जो पर्यटन हेतु जनजागरण का कार्य कर रहे थे। सांस्कृतिक यात्रा के माध्यम से विद्यार्थियों ने भारत सरकार के महत्वपूर्ण कार्यक्रमों बेटी बचाओ बेटी पढाओ, स्वच्छ भारत अभियान, खेलेगा इण्डिया-खिलेगा इण्डिया, डिजीटल इण्डिया, पर्यावरण संरक्षण आदि का संदेश आम जनमानस तक अपने पोस्टर्स एवं बैनरों के माध्यम से पहुंचाने का प्रयास किया। सैंकडों की संख्या में जोश से भरे थिरकते युवाओं को देखकर सडकों पर दर्शकों का हुजूम इकट्ठा हो गया। स्थानीय पुलिस प्रशासन द्वारा यातायात का बेहतर प्रबन्धन किया गया। यात्रा मार्ग में अनेकों स्थानों पर जलपान की व्यवस्था जनता द्वारा की गई तथा सांस्कृतिक यात्रा पर दर्शकों द्वारा पुष्प वर्षा भी की गई।
कार्यक्रम का संचालन डॉ. मुहम्मद नईम ने व आभार विभागाध्यक्ष प्रो. सुनील काबिया ने व्यक्त किया। इस अवसर पर वरिष्ठ समाजसेवी मुकुन्द मेहरोत्रा, क्षेत्रीय पुरातत्व अधिकारी डॉ. एस. के. दुबे, अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो.देवेश निगम, अधिष्ठाता कला संकाय प्रो. सी. बी. सिंह, प्रो. प्रतीक अग्रवाल, प्रो. सुनील प्रजापति, डॉ. विनीत कुमार, डॉ. संजय निबोरिया, डॉ. महेन्द्र कुमार, डॉ. रमेश चन्द्रा, डॉ. जी. के. श्रीनिवासन, डा.सुधीर द्विवेदी, डॉ. के. एल. सोनकर, डॉ. जे. श्रीदेवी, डॉ. श्वेता पाण्डेय, डॉ. अंकित श्रीवास्तव, डॉ. धीरेन्द्र सिंह यादव, डॉ. बालेन्दु सिंह, डा.प्रकाश सिंह, डॉ. राजीव सिंह सेंगर, डॉ. रश्मि सिंह सेंगर, डा.कमलेश बिलगैयां, डा.अतुल गोयल, डॉ. सूरजपाल सिंह, डॉ. प्रकाश चन्द्रा, डा.सुनील निंरजन, डॉ. गुरदीप कौर त्रिपाठी, सतीश साहनी, धनंजय श्रीवास्तव, शैलेन्द्र तिवारी, आर. एल. पाठक, मुकुल खरे, हेमन्त चन्द्रा आदि सहित 56 यू. पी. बटालियन एनसीसी से सूबेदार मंजूर सिंह, सूबेदार प्यारेलाल भी उपस्थित रहे।

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