राधिका चौधरी को मिली पी-एच. डी. उपाधि

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झांसी। अर्थशास्त्र एवं वित्त संस्थान, बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय में कार्यरत सहायक प्राध्यापिका राधिका चौधरी ने एपीजे अब्दुल कलाम टेकनिकल विश्वविद्यालय लखनऊ से डाक्टरेट की उपाधि प्राप्त की। यह उपाधि उनके द्वारा ‘‘इफीकेशी ऑफ माइक्रो फाइनेंस इन बुन्देलखण्ड रीजन ऑॅफ उत्तर प्रदेश’’ विषयक शोध के लिए प्रदान की गई है।
डॉ. राधिका चौधरी ने बताया कि उन्होंने यह शोध उत्तर प्रदेश के बुन्देलखण्ड क्षेत्र में सूक्ष्म वित्त की अवधारणा पर किया है। इस शोध के निर्देशक डॉ. मोहम्मद शमीम अंसारी तथा सह शोध निर्देशक डॉ. सुमन यादव रहे। उन्होंने कहा कि यह शोध क्षेत्र के ग्रामीण विकास में लघु वित्त प्रबंधन में सहायक सिद्ध हो सकता है। शोध में पाया गया कि ग्रामीण क्षेत्रों का विकास सूक्ष्म वित्त व्यवस्था में उसके उचित प्रबंधन से ही किया जा सकता है। इसके लिए सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के साथ ही साथ निजी क्षेत्र को भी आगे आना चाहिए। इसमें विशेष रुप से गैर सरकारी संगठन अहम भूमिका का निर्वहन कर सकते हैं।
डॉ. राधिका को डाक्टरेट की उपाधि प्राप्त होने पर उनके पति शालू डेटंल क्लीनिक झांसी के डॉ. नीरज कुरील ने कहा कि यह सौभाग्य का विषय है और साथ ही साथ राधिका के अथक परिश्रम का फल है कि आज वह अपनी डाक्टरेट पूरी कर सकी। बीच-बीच में कई बार ऐसा लगता था कि इस दुरुह कार्य को करना बहुत ही मुश्किल है लेकिन राधिका की लगन के कारण यह संभव हो सका। राधिका को पीएचडी उपाधि प्राप्त होने पर उनके सहकर्मियों तथा दोस्तों ने बधाई दी।

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