तनावयुक्त जीवन शैली ने उपहार में दिया मधुमेह- डॉ. पैन्यूली

0 मधुमेह से छुटकारा पाने को दिनचर्या को रखें व्यवस्थित - डॉ. तिवारी

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झाँसी। आज की भागमभाग जिन्दगी में मधुमेह न केवल वृद्धों को, बल्कि युवाओं और बच्चों को भी अपनी चपेट में ले रहा है। यह बीमारी लगातार भारत में अपनी जडे़ जमा रही है। हम अपनी दिनचर्या को व्यवस्थित रखकर मधुमेह से छुटकारा पा सकते हैं। मधुमेह एक आनुवांशिक रोग है, लेकिन मधुमेह अब लाइलाज नहीं है।
उपरोक्त विचार विश्व मधुमेह दिवस के उपलक्ष्य में भारत सरकार व उत्तर प्रदेश शासन के निर्देशानुसार बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय झाँसी की राष्ट्रीय सेवा योजना की इकाई पंचम एवं द्वितीय के तत्वावधान में जागरुकता संगोष्ठी को सम्बोधित करते हुए विश्वविद्यालय के राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम समन्वयक डॉ. मुन्ना तिवारी ने मुख्य अतिथि के रुप में व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि आज प्रत्येक दस में से एक व्यक्ति मधुमेह का शिकार का है, जिसका प्रमुख कारण हमारी जीवनशैली, अनियमित खानपान, जंक फूड का प्रयोग आदि है। युवाओं को चाहिए कि वो जंक फूड से बचें, ताकि स्वस्थ्य और निरोगी रह सके। संगोष्ठी को सम्बोधित करते हुए राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई पंचम के कार्यक्रम अधिकारी डॉ. मुहम्मद नईम ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा प्रतिवर्ष 14 नवम्बर को विश्व मधुमेह दिवस का आयोजन किया जाता है। इस वर्ष की थीम ‘‘दि फैमिली एण्ड डाइबीटीज’’ है। मधुमेह के रोगियों की बढती हुई संख्या के कारण भारत सरकार व उत्तरप्रदेश सरकार स्वैच्छिक संगठनों व युवा संगठनों के माध्यम से लगातार जन-जागरुकता का कार्य कर रही है, जिसमें एनएसएस के स्वयंसेवकों की भागेदारी भी अपेक्षित है। संगोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए पत्रकारिता संस्थान के पूर्व विभागाध्यक्ष डॉ. सी. पी. पैन्यूली ने कहा कि बीमारियों के प्रति जागरुकता ही बीमारियों से बचाव है। आज की तनावयुक्त जीवन शैली ने मधुमेह रोग हमें उपहार के तौर पर दिया है। ये हम पर निर्भर करता है कि मानव जनित इस बीमारी की रोकथाम हम कैसे करते हैं। उन्होनें कहा कि समय रहते अगर हम डाइबीटीज के लक्षणों को पहचान लेते हैं, तो हम इसकी रोकथाम कर सकते हैं, अन्यथा एक पैर की एक फुंसी भी हमें विकलांग बना सकती है। उन्होंने कहा कि आज आवश्‍यकता इस बात की है कि हम अपनी जीवन शैली को प्रकृति के निकटतम रखकर इन बीमारियों से मुक्ति पा सकते हैं। संचालन इकाई पंचम के कार्यक्रम अधिकारी डॉ. नईम ने व आभार इकाई द्वितीय की कार्यक्रम अधिकारी डॉ. श्वेता पाण्डेय ने व्यक्त किया। इस अवसर पर डॉ. श्रीहरि त्रिपाठी, डॉ. अमरेश, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के प्रवीण सिंह, रोहित प्रजापति, अमन नायक, शिखा सक्सेना, रंजीत सिंह, शुभम् गौतम आदि उपस्थित रहे।

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