कला मानव जीवन का अभिन्न अंग है: डा.चतुर्भुजी गुप्त

विवि में हुआ ‘कला के रंग, कुम्भ के संग’ विषयक चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन

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झांसी। कला मानव जीवन का एक अभिन्न अंग है। मानव कला के बिना अधूरा है। यह विचार बुन्देलखण्ड विश्‍वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. चतुर्भुजी गुप्त ने गांधी सभागार में ललित कला संस्थान तथा राज्य ललित कला अकादमी, लखनऊ के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित ‘कला के रंग कुम्भ के संग’ विषयक चित्रकला प्रतियोगिता के उदघाटन के अवसर पर व्यक्त किये।
उन्होंने कहा कि किसी भी कला द्वारा मानव अपने अर्न्‍तमन के विचारों को अभिव्यक्त करता है। डॉ. गुप्त ने कहा कि चित्रकला अभिव्यक्ति का विशेष माध्यम माना जाता है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि प्रयागराज कुम्भ 2019 के तत्वावधान में आयोजित इस चित्रकला प्रतियोगिता से प्रतिभागी कलाकारों को अपनी सांस्कृतिक जड़ों से जुड़ने तथा अपनी संस्कृति को समझने का अवसर प्राप्त होगा।

अधिष्‍ठाता अकादमिक प्रो. एसपी सिंह ने कहा कि वर्तमान डिजीटाईजेशन के इस युग में चित्रकला के लिए चुनौतियां अवश्‍य पैदा हुई है, परन्तु कूची तथा ब्रश से कैनवास पर बने चित्रों को आज भी पसन्द किया जाता है, क्योंकि कलाकार की वास्तविक प्रतिभा का मूल्‍यांकन इन्ही चित्रों द्वारा ही सम्भव होता है। राज्य ललित कला अकादमी, लखनऊ के सदस्य तथा प्रतियेागिता के निर्णायक दिनेश प्रताप सिंह ने कहा कि अतीत के बिना वर्तमान गतिहीन होता है। यही कारण हैं कि हमें सदैव अपनी संस्कृति तथा सांस्कृतिक मूल्यों के प्रति जागरूक रहना चाहिये। उन्होंने कहा कि राज्य ललित कला अकादमी द्वारा आयोजित यह चित्रकला प्रतियेागिता युवा चित्रकारों को अपनी संस्कृति से परिचित करवाने का एक प्रयास है। कार्यक्रम का प्रारम्भ सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण, दीप प्रज्जवलन एवं सरस्वती वन्दना से हुआ। इसके पश्‍चात अतिथियों को पुष्‍पगुच्छ भेंटकर तथा बैच लगाकर स्वागत किया गया। राज्य ललित कला अकादमी द्वारा नियुक्त कार्यक्रम समन्वयक डॉ. श्‍वेता पाण्डेय ने चित्रकला प्रतियोगिता तथा कार्यक्रम की विस्तृत रूपरेखा प्रस्तुत करते हुए बताया कि प्रयागराज कुम्भ मेला-2019 के अवसर पर राज्य ललित कला अकादमी, लखनऊ के द्वारा आयाजित प्रदेश की चित्रकला के प्रदर्शन हेतु एक प्रदर्शनी का आयोजन किया जाना है। इस हेतु उत्तर प्रदेश को 11 मण्डलों में विभक्त किया गया हैं। इन सभी मण्डलों में चित्रकला में अध्ययनरत विद्यार्थियों का चित्रकला प्रतियोगिता के माध्यम से चयन किया जायेगा। प्रत्येक मण्डल से चयनित इन प्रतिभागियों के चित्रों को प्रयागराज में आयोजित कुम्भ मेला-2019 के अवसर पर एक चित्रकला प्रदर्शनी में प्रदर्शित किया जायेगा। संकायाध्यक्ष कला प्रो.सी.बी. सिंह ने कहा कि ललित कला संस्थान द्वारा सदैव ही इस प्रकार के नवोन्मेशी कार्यक्रमों को आयोजन किया जाता रहा है। प्रो. सिंह ने कहा कि कला मानव मन की अनुभूतियों को व्यक्त करने का एक माध्यम होती है। कार्यक्रम के अन्त में आमंत्रित अतिथियों का आभार डॉ. सुनीता ने व्यक्त किया। संचालन डॉ. मोहम्मद नईम ने किया। अन्त में मंचासीन अतिथियेां को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित भी किया गया।
इस अवसर पर डॉ. शुभांगी निगम, इंजी. बीवी निरंजन, इंजी. राहुल शुक्ला, डॉ. मुन्ना तिवारी, डॉ. अजय कुमार गुप्ता, डॉ. दिलीप कुमार, डॉ. जयराम कुटार, दिनेश गुरूदेव, कमलेश कुमार आदि उपस्थित रहे।

यह होंगे निर्णायक
कार्यक्रम समन्वयक डॉ. श्‍वेता पाण्डेय ने जानकरी दी कि राज्य ललित कला अकादमी द्वारा नियुक्त निर्णायकों दिनेश प्रताप सिंह तथा विकास वैभव द्वारा दीपक, वसन्त कुमार, दिनेश, अजय सिंह, देव नामदेव, नन्दिनी कुशवाहा, प्रीतम कुमार, अंकिता जैन, शिवम राजपूत, आशीष कुमार तथा रूबी भारती को प्रतियोगिता के द्वितीय चरण के लिये चयनित किया गया है।

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