मूर्तियों पर लाखों खर्च करेगा झांसी नगर निगम

0 जनता पर पहले बढ़ाया टैक्‍स का बोझ, अब बहाएंगे रुपया, 0 कार्यकारिणी में विकास का नहीं आया कोई विशेष मुद्दा, 0 स्‍मार्ट सिटी और अमृत योजना सहित 14 वें वित्‍त आयोग पर नहीं गई किसी की नजर

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झांसी। विगत पांच वर्षों में झांसी महानगर की छवि बदलने वाला नगर निगम अधिकारी और सत्‍ता बदलते ही विगत एक वर्ष में जहां विकास की अवधारणा से पिछड़ चुका है। वहीं जनता पर टैक्‍स का बोझ बढ़ाने के बाद अब उसी धन को बहाने की तैयारी में लगा हुआ है। महानगर की सड़कों को दुरुस्‍त करने, फुटपाथ बनवाने आदि विकास कार्यों को लेकर नगर निगम सदन सहित अधिकारियों के पास अब कोई योजना ही नहीं बची है। ऐसे में सौन्‍दर्यीकरण के नाम पर फिजूल रुपया बरबाद करने की योजना पर कार्यकारिणी ने मोहर लगाई है।
उल्‍लेखनीय है कि पूर्व में बसपा की प्रदेश सरकार में विभिन्‍न पार्कों में हाथियों और बसपा मुखिया की मूर्तियां लगाए जाने में करोड़ों अरबों रुपया पानी की तरह बहाया गया था। अब उसी राह पर झांसी नगर निगम भी चल पड़ा है और महापुरूषों की मूर्तियां लगाए जाने के नाम पर लाखों रुपए खर्च करने की तैयारी की जा रही है। नगर निगम में हुई कार्यकारिणी बैठक में नौ प्रस्तावों पर चर्चा हुई और इसमें कार्यकारिणी सदस्यों ने सहमति प्रदान की। इसमें झांसी-ग्वालियर मार्ग अंसल कालौनी के पास पार्क में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेई की अष्टधातु से निर्मित प्रतिमा स्थापित किए जाने पर सहमति हुई, जिसमें 17 लाख 70 हजार रुपए के करीब धनराशि खर्च होने के प्रस्ताव पर सहमति हुई। झांसी-ग्वालियर मार्ग पर स्वामीपुरम कालौनी के सामने सड़क के दूसरी ओर रिक्त स्थान पर अटल पत्र का सौन्दर्यीकरण निर्माण कराये जाने का प्रस्ताव पास किया गया, जिसमें 28 लाख 14 हजार के करीब धनराशि खर्च होने की संभावना है। कचहरी चौराहा पर डा. भीमराव अम्बेडकर की क्षतिग्रस्त प्रतिमा को हटाकर अष्टधातु की प्रतिमा लगाने का प्रस्ताव पास हुआ है। जिसमें अनुमति प्राप्त दरों के अनुसार निविदा आमंत्रित किये जाने की स्वीकृति प्रदान की गई है। कार्यकारिणी सदस्यों द्वारा इन सभी प्रस्तावों पर अपनी मुहर लगा दी गई है। वहीं अन्य प्रस्तावों में महाराजा प्रताप एवं महाराजा छत्रसाल की प्रतिमा को कोछाभांवर स्थित बाईपास पर स्थित पार्कों में स्थापित करने का प्रस्ताव भी रखा गया। हालांकि यह सभी प्रस्‍ताव अभी सदन की बैठक में भी जाने है, लेकिन वहां भी इनका विरोध होने की सम्‍भावना कम ही है। इससे पूर्व नगर निगम द्वारा 10 प्रतिशत टैक्‍स बढ़ाए जाने के स्‍थान पर 10 गुना ग्रहकर बढ़ा दिया है, जोकि जनता को अपनी गाड़ी कमाई से देना पड़ रहा है। वहीं स्‍मार्ट सिटी, अमृत योजना और 14 वें वित्‍त आयोग को लेकर नए व पुराने सभी पार्षद चुप्‍पी साधे बैठें हैं। वित्‍त आयोग द्वारा बड़े विकास कार्य कराए जाने की अभी तक कोई योजना ही नहीं बन पाई है।

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