इस कानून की दस वर्ष में मात्र बनी नियमावली, कब होगा लागू

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झांसी। असंगठित लेवर सिक्‍योरिटी एक्‍ट 2008 को दस वर्ष बीत जाने के बाद भी अभी तक मात्र नियमावली बनाये जाने का ही कार्य हो पाया है। अब ऐसे में यह प्रदेश में कब लागू होगा, यह एक सवाल बना हुआ है। इसको लेकर निर्माण मोर्चा द्वारा मुख्‍यमंत्री के नाम जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपकर इस एक्‍ट को शीघ्र लागू किये जाने की मांग की है।
असंगठित लेवर सिक्योरिटी एक्ट 2008 को शीघ्र लागू कराये जाने के लिये मुख्यमंत्री को सम्बोधित ज्ञापन निर्माण मोर्चा के अध्‍यक्ष भानू सहाय के नेतृत्‍व में जिलाधिकारी को सौंपा। ज्ञापन में कहा गया कि असंगठित कर्मकार सामाजिक सुरक्षा अधिनियम- 2008 केन्द्र सरकार से पारित अधिनियम को अभी तक उत्तर प्रदेश सरकार ने लागू नहीं किया जा सका है। 10 वर्ष बीत जाने पर मात्र नियमावली बनाये जाने का कार्य किया गया है, जो सरकारों का असंगठित कर्मचारों के प्रति सरकार की सोच को दर्शाता है। आज तक ग्रामीण क्षेत्र में बीडीओ, जिला पंचायत राज अधिकारी आदि अधिकारी एवं शहरी क्षेत्र में नगर आयुक्त, अधिशासी अधिकारी आदि ने असंगठित क्षेत्र के कर्मकारों का पंजीकरण प्रारम्भ नहीं किया है। बुन्देलखण्ड क्षेत्र अति पिछड़ा क्षेत्र होने के साथ-साथ अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है। लगातार सूखे की मार झेल रहे बुन्देलखण्ड क्षेत्र के असंगठित कर्मकारों को वर्ष 2008 के अधिनियम के लागू हो जाने से काफी फायदा होगा। उक्त अधिनियम के लागू हो जाने से घरों में काम करने वाले, धोबी, खेतिहर, कर्मकार, समाचार-पत्र बांटने वाले (हॉकर), हाथ ठेला चलाने वाला, फुटकर सब्जी व फल-फूल विक्रेता, चाय, चाट, ठेला लगाने वाले, फुटपाथ व्यापारी, कुली, जनरेटर/लाइट उठाने वाले, मोटर साईकिल/साईकिल मरम्मत करने वाले, ऑटो चालक, सफाई कामगार, दर्जी, माली, मोची, नाई, बुनकर, जुलाहा, रिक्शा चालक, घरेलू कर्मकार, कूड़ा बीनने वाले कर्मकार, केटरिंग में कार्य करने वाले, फेरी लगाने वाले, गैरेज कर्मकार, परिवहन में लगे कर्मकार, ढोल/बाजा बजाने वाले, मछुआरा, मीट शॉप व पॉल्ट्री फार्म पर कार्य करने वाले, डेयरी पर कार्य करने वाले श्रमिक आदि 47 वर्ग लाभान्वित होंगे। अधिनियम के लागू हो जाने पर असंगठित कर्मकारों की मृत्यु होने पर 5 लाख रूपये तक दिये जाने का प्रावधान है। किसी भी प्रकार की गम्भीर बीमारी पर शत-प्रतिशत चिकित्सा शुल्क बोर्ड द्वारा दिया जायेगा। एक हजार रूपये की पेंशन, मातृत्व हितलाभ, बालिका मदद, कन्या विवाह अनुदान, शिक्षा सहायता अनुदान, कौशल विकास योजना आदि अनेक प्रकार के लाभ प्राप्त होना प्रारम्भ हो जायेगे। इस मौके पर विजित कपूर, उत्कर्ष साहू, गिरिजाशंकर राय, नरेश वर्मा, रवि माथुर, कुंअर बहादुर आदिम, हनीफ खान, प्रदीप झा, गोलू ठाकुर, प्रेम सपेरे, रवीश त्रिपाठी, सत्येन्द्र श्रीवास्तव आदि मौजूद रहे।

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