डिजिटल मीडिया में हैं युवाओं के लिये है अनेक अवसर

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झांसी। मीडिया में लेखन अब समाचार एवं फीचर से आगे बढ़कर जीवन के हर एक पहलु को समेटे हुए है। राजनीतिक, आर्थिक एवं खेल के अलावा भी कई ऐसे विषय हैं, जिनमें लोगों की रूचि है। सस्ते इंटरनेट की उपलब्धता एवं मोबाइल तकनीक में हो रही नित नयी क्रांति के कारण यह हमारी हर एक जिज्ञासा को शांत करने का माध्यम बन गया है। यह विचार बुन्देलखण्ड विश्‍वविद्यालय के भास्कर जनसंचार एवं पत्रकारिता संस्थान में नई दिल्ली से आये डिजिटल मीडिया के विशेषज्ञ रोहित मिश्रा ने व्यक्त किये।
भास्कर जनसंचार एंव पत्रकारिता संस्थान के छात्र-छात्राओं एवं मीडिया से जुड़े विभिन्न विषेशज्ञों के बीच वार्तालाप श्रंखला की शुरूआत हुई। रोहित मिश्रा ने कहा कि डिजिटल मीडिया में वर्तमान में युवाओं के लिये रोज़गार की अपार संभावनाएं हैं। बस जरूरत है युवाओं को इस माध्यम के अनुरूप तैयार करने की। उन्होंने मीडिया से संबन्धित छात्र-छात्राओं की अनेक जिज्ञासा को शांत किया। छात्रों द्वारा डिजिटल मीडिया की विश्‍वसनीयता एवं सरकार द्वारा किसी भी नियंत्रण पर किये गये प्रश्‍न का उत्तर देते हुए उन्होंने कहा की डिजिटल मीडिया वर्तमान में सोशल मीडिया की शाखा के रूप में कार्य कर रहा है। वर्तमान में इसके मूल्यांकन की कोई नियामक संस्था नहीं है। इसके कुछ दुष्‍परिणाम भी दिखने लग गये है। छात्र अधिश्ठाता कल्याण प्रो0 देवेश निगम ने कहा कि ऐसे कार्यक्रम निरंतर होने चाहिये। पुस्तकीय ज्ञान के साथ ही व्यवहारिक ज्ञान भी छात्र-छात्राओं के लिये आवश्‍यक है। पत्रकारिता विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष डॉ. सीपी पैन्युली ने छात्र-छात्राओं से कहा कि उन्हें ऐसे कार्यक्रमों से अधिकाधिक लाभ लेना चाहिए। इस अवसर पर पत्रकारिता विभाग के समन्वयक डा0 कौशल त्रिपाठी, डा0 उमेश कुमार, उमेश शुक्ला, जय सिंह, सतीष साहनी, अभिषेक कुमार आदि उपस्थित रहे।

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