साहित्‍य के पुरोधा दिनेश बैस को कहा अलविदा

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झाँसी। दिनेश बैस सिर्फ एक नाम ही नहीं है, वरन वह मानवीय संवेदनाओं के पोषक, जनवाद के पक्षधर, सिद्धान्तों पर अडिग रहने वाले, प्रगतिशील चेतना से लैस, तार्किक व्यक्ति थे। वे हमेशा पाखण्डवाद, धार्मिक जडता, अन्धविश्वास, सामाजिक कुरीतियों के मुखर विरोधी रहे। देहदान करने का साहसिक निर्णय लेकर उन्होंने समाज में जाग्रति का काम किया।
उपरोक्त विचार वामपंथी विचारक, चिन्तक, साहित्यकार, व्यंग्यकार, स्तम्भकार व प्रलेस झांसी के अध्यक्ष दिनेश बैस के व्यक्तित्व एवं कृतित्व का स्मरण करते हुए झांसी की साहित्यिक, सामाजिक, सांस्कृतिक संस्थाओं एवं श्रम संगठनों प्रगतिशील लेखक संघ (प्रलेस), भारतीय जन नाट्य संघ (इप्टा), अभियान, जन संस्कृति मंच (जसम), समर्पण, संकल्प, कलाम ऐजुकेशनल एण्ड वेलफेयर सोसायटी, जिला ट्रेड यूनियन समन्वय समिति, नार्थ सेन्ट्रल रेलवे मैन्स यूनियन (एनसीआर एमयू), जिला जनकल्याण महासमिति, बुन्देलखण्ड मातृभूमि युवा समाजसेवी संस्थान, कलाविद् स्व. भगवानदास गुप्ता कला शैक्षणिक उत्थान समिति आदि द्वारा आयोजित ‘‘स्मरण में है जीवन’’ कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए वक्ताओं ने व्यक्त किए।


वक्ताओं ने उन्हें मार्क्‍सवाद का प्रबल समर्थक बताते हुए उनके द्वारा रेलवे कर्मचारियों व श्रमिकों के हितों के लिए किए गए कार्यों को याद किया। उन्हें जनपक्षधर, सच्चाई, ईमानदारी, उसूलों का पैरोकार व सांझा संस्कृति का अनुपम उदाहरण बताया। इस अवसर पर प्रलेस व इप्टा झाँसी के महासचिव डॉ. मुहम्मद नईम ने अखिल भारतीय इप्टा के महासचिव राकेश, अखिल भारतीय प्रगतिशील लेखक संघ के महासचिव राजेन्द्र राजन, प्रलेस उ0 प्र0 के अध्यक्ष प्रो. सन्तोष भदौरिया जी, प्रलेस प्रान्तीय महासचिव डॉ. संजय श्रीवास्तव, उ. प्र. इप्टा के कार्यकारी अध्यक्ष ओ पी. नदीम, इप्टा प्रान्तीय महासचिव सन्तोष डे, जन संस्कृति मंच के प्रान्तीय महासचिव डॉ. रामायण राम, वरिष्ठ कथाकार प्रो. केबीएल पाण्डेय, महेश कटारे, जाहिद खान आदि के शोक संदेश पढते हुए उनके इप्टा व प्रलेस के योगदान को रेखांकित किया। कार्यक्रम को कामरेड जे. एन. पाठक, प्रो. उदय त्रिपाठी, कामरेड सी. पी. भार्गव, रामदीन मौर्य, कामरेड मो. शकील, काम. शिरोमणि राजपूत, डॉ. अनिल अविश्रान्त, डॉ. कुन्ती हरिराम, डॉ. अजय कुमार गुप्ता, अजय साहू, रंजना विद्रोही, संजय तिवारी ‘राष्ट्रवादी’, अजय दुबे, साकेत सुमन चतुर्वेदी, प्रेमकुमार गौतम, मेघा झा, एस. पी. सिंह ‘सत्यार्थी’ आदि ने सम्बोधित कर स्मृतिशेष दिनेश बैस का स्मरण किया। संचालन वरिष्ठ कवि अर्जुन सिंह चाँद ने व आभार इप्टा महासचिव डॉ. मुहम्मद नईम ने व्यक्त किया। इस अवसर पर जितेन्द्र कुमार तिवारी, अब्दुल अलीम, शेख अरशद, शुभम् गौतम, डॉ. शिवप्रकाश त्रिपाठी, राममोहन पटेल, काम. मुश्ताक खां, काम. भगवान दास पहलवान, डॉ. प्रणव त्रिपाठी, डॉ. जगदीश खरे, राजेन्द्रप्रसाद बाजपेई, सीके पाठक, मो. शाहिद, विक्रम सिंह, कमलेश राय, चित्रकूट प्रलेस अध्यक्ष सुनील आदि उपस्थित रहे।

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