दिसंबर में ही हाेेगा शराब की दुकानों का आवंटन

आबकारी विभाग ने शुरु कर दी तैयारियां

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झाँसी। आबकारी विभाग अगले आबकारी सत्र 2019-20 के लिए शराब और बीयर की दुकानों आवंटन प्रक्रिया इसी साल दिसंबर में पूरी करने में जुटा है। इसके पीछे दो कारण हैं। पहला आगामी लोकसभा चुनाव और दूसरा इस साल आवंटन में हुई देरी। इसके लिए आबकारी विभाग में बैठकों का दौर शुरू हो चुका है। दुकानों का आवंटन ई-लॉटरी के जरिए ही होगा।
अगले आबकारी सत्र (2019-20) में उन शराब, बियर की दुकानों और बार का लाइसेंस बिना ई-लॉटरी के रिन्यू होगा, जिन्होंने नई आबकारी नीति में नवीनीकरण की तय शर्तों को पूरा किया है। नई नीति के मुताबिक देशी शराब के जो लाइसेंसी तय कोटे से 6 प्रतिशत ज्यादा, अंग्रेजी शराब के लाइसेंसी 40 प्रतिशत ज्यादा और बीयर दुकानदार 30 प्रतिशत ज्यादा सेल करेंगे, उन्हें ई-लॉटरी से छूट मिलेगी। सूत्रों का कहना है कि 65 से 70 प्रतिशत दुकानदार इन शर्तों को पूरा कर रहे हैं।

नीति में सुधार के लिए मांगे सुझाव

अक्टूबर से ही आबकारी सत्र 2019-20 में दुकानों के आवंटन प्रक्रिया की तैयारियों का काम शुरू हो चुका है। पिछले दिनों विभाग के अफसरों, थोक व फुटकर लाइसेंसियों और डिस्टलरी संचालकों की बैठक की। इसमें दुकानदारों नई आबकारी नीति में आ रही दिक्कतों की जानकारी ली गई। दिक्कतों का अध्ययन कर नई आबकारी नीति में संशोधन किए जाएंगे। शराब असोसिएशन की ओर से अधिकारियों को ज्ञापन भी दिया गया, जिसमें उन्होंने अपनी समस्याओं का उल्लेख किया।

बढ़ सकता है दुकानें खुलने का समय

असोसिएशन ने शराब दुकानों के लिए तय समय बढ़ाने की मांग रखी है। अभी प्रदेश में शराब और बीयर की दुकानों के साथ बार का समय दोपहर 12 बजे से रात 10 बजे तक है। संभावना है कि संशोधन के बाद इसे पूर्वाह्न 11 बजे से रात 11 बजे तक किया जा सकता है। बताते हैं कि अगले साल के लिए संशोधित आबकारी नीति में देसी शराब का कोटा 15 प्रतिशत फीसदी बढ़ाया जा सकता है। विभाग कुछ नए नियमों पर भी विचार कर रहा है।

चोरी छिपे सुबह सात बजे ही खुल जाती कई शराब की दुकान

स्थानीय बाजार में स्थापित देशी शराब के दुकानदारों ने सारे नियमों को ताक पर रख दिया है। यह दुकानेें चोरी छिपे सुबह सात बजे ही खुल जाती है और रात के 12 बजे तक खुली रहती है। इस नियम विरुद्ध समय में शराब बेचने की कीमत भी दुकानदार ग्राहकों से प्रति शीशी 10 से 20 रुपये अतिरिक्त वसूलता है। आबकारी विभाग व प्रशासन के लोग सब कुछ जानते हुए भी आंखें मूंदें रहते हैं। विभागीय नियमावली के अनुसार शराब की दुकान दोपहर 12:00 बजे से रात 10 बजे तक ही खोलने का आदेश है। नियम विरुद्ध सुबह-सुबह ही दुकान खुल जाने से पियक्कड़ों का जमावड़ा शुरू हो जाता है। सुबह से ही दुकान के बाहर सड़क पर बैठकर वे शराब तो पीते ही हैं, हुड़दंग कर आतंक भी फैलाते हैं। इससे ग्रामीणों, राहगीरों, छात्र-छात्राओं, महिलाओं आदि को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। शराब ठेका के बगल में ही रेलवे स्टेशन जाने वाले रास्ते पर एक स्कूल हैं। इस सड़क से महिलाओं और छात्राओं का गुजरना होता है। नशे में धुत्त पियक्कड़ों द्वारा आए दिन उन पर छींटाकशी की जाती है। इसके चलते वे हमेशा भयभीत रहती हैं। कोई भी शरीफ व्यक्ति उधर से गुजरना नहीं चाहता। यही हाल रहा तो किसी दिन कोई बड़ी घटना हो सकती है। यही हाल बस स्‍टैण्‍ड सहित बस्‍ती के मध्‍य खुली दुकानों के भी हाल हैं।

बताते हैं अधिकारी

जिला आबकारी अधिकारी गंगाराम ने बताया कि नियमों का उल्लंघन कर यदि कोई दुकान खोली जा रही है तो इस बात की जांच कराई जाएगी। जांचोपरांत शिकायत सही पाए जाने पर उसका अनुमति पत्र निरस्त किया जाएगा।

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