नगर आयुक्त की सेना ने किया विद्रोह

0 उनकी दम पर जीत रहे थे सारी लड़ाइयां, आज वही कर रहे प्रदर्शन 0 16 सूत्रीय मांगे ना माने जाने पर विफल हुई वार्ता, अब करेंगे अनिश्चितकालीन हड़ताल

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झांसी। विगत कुछ महीनों में नगर आयुक्त द्वारा सफाई कर्मचारियों के दम पर कई लड़ाइयां लड़ी गई, जिसमें पत्रकारों के साथ मारपीट, विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं को जमकर पीटा गया। आज नगर आयुक्‍त की उसी सेना को जब आवश्यकता पड़ी तो नगर आयुक्त ने उनका साथ देने से मना कर दिया। सफाई कर्मचारियों की 16 सूत्रीय मांगों को लेकर कई बार वार्ता करने के बाद भी कोई परिणाम नहीं निकल पाया, जिसको लेकर सफाई कर्मचारियों द्वारा 22 जनवरी से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया गया है।
उल्लेखनीय है कि नगर निगम में विभिन्न मांगों को लेकर नगर निगम के तीन सफाई कर्मचारी संगठन आपस में एकजुट हो गए हैं और उन्होंने संयुक्त संघर्ष समिति सफाई कर्मचारी नगर निगम का गठन कर लिया है। इसके तहत विगत कई माह से लंबित 16 सूत्रीय मांगों को लेकर नगर निगम में धरना प्रदर्शन किया गया। धरना प्रदर्शन में नगर आयुक्त को बुला कर उक्त मांगों को माने जाने की मांग की जा रही थी, लेकिन सफाई कर्मचारियों की संख्या को देखकर नगर आयुक्त द्वारा नगर निगम को छावनी बना दिया गया और भारी संख्या में पुलिस बल को बुला लिया। इससे सफाई कर्मचारी आक्रोशित होकर प्रदर्शन करने लगे और वार्ता करने आए अपर नगर आयुक्त रोहन सिंह और अरुण गुप्ता को उन्होंने चूड़ियां दिखाईं। इस संबंध में सफाई कर्मचारी नेता केशव कुमार ने बताया कि उनकी छोटी छोटी मांगे हैं, जिसमें घटिया वर्दी दी जा रही है। पेंशनर परेशान हो रहे हैं, उनकी पेंशन की समस्याएं बढ़ती जा रही है। संविदा कर्मचारियों को वेतन नहीं दिया जा रहा है। ऐसे ही तमाम छोटी छोटी समस्याओं को लेकर विगत 3 माह से नगर आयुक्त से आग्रह कर रहे हैं लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है। इसको लेकर धरना प्रदर्शन किया गया था और धरना प्रदर्शन में पुलिस बुला ली गई। 22 जनवरी से पूरे सफाई कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे और मांगे पूरी न होने तक कोई काम नहीं किया जाएगा।

आखिर मना ही लिया नगर आयुक्त ने अपनी सेना को

केन्द्र सरकार के स्वच्छता सर्वेक्षण अभियान को देखते हुए नगर आयुक्त को आखिर अपने निर्णय पर विचार करने पर मजबूर कर दिया। देर शाम नगर आयुक्त ने अपनी सेना के सिपहसालारों को बुलाया और उनकी सारी मांगों को माने जाने की सहमति जता दी। उसके बाद तीनों संगठनों के अध्यक्षों ने हड़ताल को वापस ले लिया।

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