मतदान करना प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य: प्रो.देवेश निगम

बी.यू. में दिलाई गयी मतदान के लिए शपथ

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झांसी। किसी भी लोकतांत्रिक देश में नागरिकों द्वारा सरकार का चयन मतदान द्वारा किया जाता है। अतः एक ईमानदार सरकार के लिए प्रत्येक नागरिक द्वारा मतदान किया जाना आवश्यक है। प्रजातान्त्रिक देश में मतदान करना देश के नागरिक का कर्तव्य होता है। यह विचार आज बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय के अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो.देवेश निगम ने व्यक्त किये। प्रो.निगम आज बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय परिसर स्थित गांधी सभागार में राष्ट्रीय मतदाता दिवस के अवसर पर मतदान हेतु ली जाने वाली शपथ कार्यक्रम के अवसर पर उपस्थित श्रोताओं को सम्बोधित कर रहे थे। प्रो. निगम ने कहा कि यह हमारा उत्तरदायित्व है कि हम बिना किसी जाति, धर्म, वर्ग या धन के लालच में आये बिना एक ईमानदार प्रत्याशी को ही अपना मत दें, तभी देश में प्रजातन्त्र स्थापित रह सकता है ओर देश की प्रगति हो सकती है ।

इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलसचिव रामप्रकाश ने विश्वविद्यालय के सभी उपस्थित शिक्षकों एवं कर्मचारियों को मतदान हेतु शपथ दिलाते हुए कहा कि विश्व के अलग अलग देशों में अपनाई जा रही विभिन्न शासन प्रणालियों में से मात्र एक लोकतन्त्र में ही मत के माध्यम से ही राजा का चयन किया जाता है। लोकतन्त्र में राजा का जन्म किसी रानी के गर्भ से ना होकर मतदाताओं द्वारा दिए गए मत से होता है। कुलसचिव ने कहा कि यह हमारे देश का दुर्भाग्य है कि देश में साक्षरता बृद्धि होने के पश्चात भी देश के चुनावों में लगभग पचास प्रतिशत मतदाता ही अपने मत का उपयोग करते है। कम मतदान के कारण योग्य जनप्रतिनिध का चुनाव नही हो तपाता है तथा मात्र तीस प्रतिशत या उससे भी कम मत पाने वाला राजनैतिक दल सरकार बनाकर देश के नीति निर्धारक बन जाते है। उन्होंने कहा कि जो लोग आम चुनाव में मतदान करने नही आ सकते हैं उन्हें सरकार अथवा जनप्रतिनिधियेांद्वारा लिये गये फेसलो पर टिप्प्णीक रने का कोई अधिकार नही होता है। अतः एक योग्य, कुशल एवं देशहित में कार्य करने वाली सरकार के चुनाव हेतु शतप्रतिशत मतदान आवयश्क है। अभियांत्रिकी संकाय के अधिष्ठाता प्रो.एस.के.कटियार ने उपस्थित छात्र-छात्राओं तथा शिक्षकों से अधिकतम मतदान की अपील की उन्होंने कहा की वह अपना मतदान बिना किसी पूर्वाग्रह, भय अथवा प्रलोभन के आधार पर न करें। जिले के स्वीट समन्वयक डा.जितेंद्र प्रताप ने कार्यक्रम की उद्देश्यों पर प्रकाश डाला तथा बताया कि 25 जनवरी 1950 को भारत निर्वाचन आयोग की स्थापना हुई थी, परन्तु कालान्तर में एक सामान्य मतदाता के आव्हान पर भारत निर्वाचन आयोग ने प्रत्येक वर्ष 25 जनवरी को मतदाता दिवस के रूप में मनाने का फैसला लिया था। डा. सिंह ने बताया कि आज के दिन ही देश भर में लगभग सभी महाविद्यालयांे व विश्वविद्यालयों में इस कार्यक्रम का आयेाजन किया जाता है। कार्यक्रम का प्रारंभ बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय राष्ट्रीय सेवायेाजना के समन्वयक डा.मुन्ना तिवारी ने आमत्रिंत अतिथियांे का स्वागत करते हुए मतदान के महत्व पर प्राकश डाला। इस अवसर पर प्रो.प्रतीक अग्रवाल, डा.काव्या दुबे, डा.यतींद्र मिश्रा, डा.राजेश कुमार सिंह, डा.विनोद कुमार, डा.दीपक तोमर डा.सुनील त्रिवेदी डा.महेन्द्र कुमार, डा.धीरेन्द्र सिंह यादव, डा.संतोष पांडे, विश्वविद्यालय के उपकुलसचिव राकेश कुमार सहित विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों के शिक्षक एवं कर्मचारी उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन विश्वविद्यालय में कार्यरत राष्ट्रीय सेवा येाजना की पंचम ईकाई के कार्यक्रम अधिकारी डा.मुहम्मद नईम ने किया। इस अवसर पर राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयं सेवकों के द्वारा डा.मुहम्मद नईम के निर्देशन में मतदान के महत्व एक लघुनाटिका का मंचन भी किया गया।

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