संविधान में प्रदत्‍त आरक्षण की उड़ाई जा रही धज्‍जियां

विश्वविद्यालय परिसर में शिक्षकों ने किया धरना प्रदर्शन

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झांसी। बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा देश के विश्वविद्यालयों एवं काॅलेजों में संस्था को इकाई मानने के स्थान पर विभाग को इकाई मानकर रोस्टर के माध्यम से आरक्षण को खत्म करने की साजिश को निर्णयों के माध्यम से जानबूझकर अंजाम देने तथा केन्द्र सरकार द्वारा इस पर अध्यादेश लाने का वादा करने से मुकरने एवं 200 प्वाइंट रोस्टर पर अध्यादेश लाने के लिए सरकार पर दबाव बनाने के क्रम में बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय परिसर में धरना प्रदर्शन किया गया। इसमें विश्वविद्यालय तथा सम्बद्ध सभी महाविद्यालयों की अनुसूचित जाति, जनजाति तथा अन्य पिछड़े वर्ग के प्राध्यापकगण तथा छात्र शामिल हुए।
इस दौरान वक्ताओं ने कहा कि सामाजिक न्याय को कुचला जा रहा है तथा संविधान में प्रदत्त आरक्षण की धज्जियां उड़ायी जा रही हैं। 13 प्वांइट रोस्टर लागू होने से अनुसूचित जाति, जनजाति तथा अन्य पिछड़े वर्ग के लिए शिक्षक बनने के दरवाजे लगभग बन्द हो चुके हैं। 200 प्वाइंट रोस्टर को पुनः लागू करने के लिए सरकार संसद में शीघ्र अध्यादेश लाये, तभी संविधान की मूल भावनााओं को बचाया जा सकता है। धरनेे को डाॅ. बृजेन्द्र कुमार, प्रो. एसपी सिंह, डाॅ. धर्मेन्द्र कुमार, डाॅ. दिनेश कुमार, प्रो. सुनील कुमार काबिया, प्रो. एसके कटियार, डाॅ. धीरेन्द्र सिंह यादव, डाॅ. अनुमप सोनी, डाॅ. योगेन्द्र बेचैन, डाॅ. आर.बी. मौर्या, लाखन सिंह यादव ने सम्बोधित किया। सभा का संचालन डाॅ. एच.डी. भारती तथा आभार डाॅ. हेमन्त कुमार ने व्‍यक्‍त किया। इस मौके पर डाॅ. सुरभि यादव, डाॅ. विनीत कुमार, डाॅ. देवेन्द्र सिंह, डाॅ. रीतेश, डाॅ. जीपी सुमन, डाॅ. सुनीता, डाॅ. सचिन शर्मा, डाॅ. आनन्द प्रकाश सिंह, डाॅ. अनुरूद्ध गोयल, डाॅ. बलवीर सिंह, डाॅ. मोहम्‍मद नईम आदि उपस्थित रहे।

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