साथी को छुड़ाने को सर्राफा व्यापारियों ने किया प्रदर्शन

0 सर्राफा दुकानदार ने खरीदा था चोरी का सोना

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झाँसी। हैदराबाद से चुराए गए सोना खरीदने के मामले में विगत दिवस आंध्र प्रदेश पुलिस ने सर्राफा दुकानदार को पकड़ लिया था। इसको जानकारी लगते ही शहर के सर्राफा व्यापारी इकट्ठा हो गए और उन्होंने पहले दुकानें बंद कराई। इसके बाद कोतवाली परिसर में आकर प्रदर्शन किया। साथ ही साथी को छोड़े जाने की मांग की। यही नहीं, कुछ दुकानदारों ने झाँसी पुलिस के सामने ही आंध्र प्रदेश पुलिस को खरी खोटी सुनाई।
मालूम हो कि आंध्र प्रदेश के हैदराबाद की क्राइम ब्रांच के एसीपी श्रीधर अपनी टीम के साथ बुधवार को झाँसी आए। इस टीम के साथ चोरी के सोना समेत पकड़ा गया सीपरी बाजार थाना क्षेत्र के सीपी मिशन कंपाउंड निवासी भरत भी शामिल था। टीम देर शाम भरत को लेकर कोतवाली पहुंची। यहां हैदराबाद क्राइम ब्रांच के एसीपी श्रीधर ने कोतवाली प्रभारी निरीक्षक से वार्ता की। तत्पश्चात कोतवाली पुलिस के साथ मिलकर क्राइम ब्रांच ने सर्राफा बाजार में छापा मारा। छापे के दौरान भरत ने बताया कि पिंटू अग्रवाल यही है। इस आधार पर टीम ने पिंटू अग्रवाल को पकड़ लिया। उसे थाना लाया गया। यहां पूछताछ की गई। इस मामले की जानकारी शहर व सीपरी बाजार क्षेत्र के सर्राफा व्यापारियों को हुई तो उन्होंने दुकानें बंद की। इसके बाद कोतवाली का घेराव किया। उन्होंने चोरी का माल समेत पकड़े गए पिंटू को छोड़े जाने की मांग की। भरत ने बताया कि पांच किलो सोना पिंटू अग्रवाल को बेचा था। इसकी कीमत पांच करोड़ बताई गई है। इसी मामले में एक ग्वालियर का लड़का भी शामिल था। वहीं, दुकानदार का कहना था कि भरत ने उसे चोरी का माल नहीं बताया था इसलिए रेट टू रेट में माल खरीदा था अगर चोरी का माल होता तो वह माल नहीं खरीदता। दोपहर के बाद सभी दुकानदार कोतवाली से चले गए और अपनी- अपनी दुकानें खोल ली। वहीं, देरशाम तक हैदराबाद क्राइम ब्रांच व दुकानदार के मध्य वार्तालाप चल रही थी।

छोड़े जाने के आश्वासन पर खोली गई थी दुकानें

चोरी का सोना खरीदने के मामले में पकड़े गए पिंटू अग्रवाल को कई घंटे तक कोतवाली में बवाल होता रहा। रात-भर दुकानदार से पूछताछ की मगर कुछ नहीं निकला था। गुरुवार को दुकानें बंद करके सभी दुकानदार कोतवाली पहुंचे और चोर दुकानदार को छोड़े जाने की मांग की थी। कुछ देर बाद कोतवाली पुलिस और हैदराबाद पुलिस ने छोड़े जाने का आश्वासन दिया था। आश्वासन मिलने पर सभी दुकानदार कोतवाली से चले गए। इसके बाद उन्होंने दुकान खोल ली थी।

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