झाँसी- कलाकार ईश्वर का रुप होता है। कलाकार को अपनी कृति माँ के शिशु के समान अत्यन्त प्रिय होती है। रंगोत्सव के माध्यम से विद्यार्थियों द्वारा बुन्देलखण्ड की धरोहरों को संरक्षित करने के लिए किए गए प्रयास सराहनीय है। उपरोक्त विचार बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय, झाँसी के ललितकला संस्थान द्वारा आयोजित चित्रकला प्रतियोगिता ‘‘रंगोत्सव 2019‘‘ के पुरस्कार वितरण समारोह को मुख्य अतिथि के रुप में सम्बोधित करते हुए वरिष्ठ समाजसेवी व कला समीक्षक मुकुन्द मेहरोत्रा ने व्यक्त किये। उन्होंंनेे प्रतिभागियों का आव्हान किया कि वे बुन्देलखण्ड के पुरावैभव, पर्यावरण, जलस्त्रोतों को भी अपने चित्रों में शामिल करें, ताकि देश-विदेश तक क्षेत्र का नाम रोशन हो। उन्होंने ललित कला संस्थान द्वारा कला, संस्कृति के विकास के लिए किए जा रहे कार्यों की भूरि-भूरि प्रशंसा की।
पुरस्कार वितरण समारोह में विशिष्ट अतिथि पत्रकारिता संस्थान के पूर्व विभागाध्यक्ष डाॅ. सीपी पैन्युली ने कहा कि कला के रंग ही इस बैैरंग दुनिया को खूबसूरत बनाते हैं। बच्चों द्वारा बनाये गये चित्र उनकी कला क्षमता के बेहतर उदाहरण हैं। समस्त कलाकृति दर्शनीय व सराहनीय हैं। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए अधिष्ठाता, कला संकाय प्रो. सीबी सिंह ने कहा कि कलाकार हमेशा समाज को उत्साहित करने का काम करता है, वह अपनी कलाकृतियों के माध्यम से सुसुप्त समाज को जाग्रत करने एवं लोगों में आशा का संचार करने का काम करता है। सांस्कृतिक प्रदूषण के दौर में कलाकार समाज को नई दिशा दिखाने का काम करता है। कार्यक्रम के प्रारम्भ में ललित कला संस्थान की समन्वयक डाॅ. श्वेता पाण्डेय ने कार्यक्रम के उद्देश्य व रुपरेखा बताते हुए कहा कि रंगोत्सव का केन्द्र बिन्दु बुन्देलखण्ड की धरोहर (किला) रखा गया, जिसमें झाँसी जनपद के 30 इण्टरमीडिएट काॅलेजों व महाविद्यालयों के 116 विद्यार्थियों ने भाग लिया, जिसमें हाईस्कूल वर्ग में 46, इण्टरमीडिएट वर्ग में 16, स्नातक वर्ग में 54 विद्यार्थियों ने प्रतिभागिता की। चित्रकला प्रतियोगिता में हाईस्कूल वर्ग में तनीषा सोनी ने प्रथम, अभिराज सिंह राजपूत ने द्वितीय, खुशी सोनी ने तृतीय व प्रोत्साहन पुरस्कार सुमित साहू, निखिल अग्रवाल, सुमित सोनी ने प्राप्त किया, जबकि इण्टरमीडिएट वर्ग में समय ने प्रथम, सत्यम् अग्रवाल ने द्वितीय, सचिन कुशवाहा ने तृतीय व प्रोत्साहन पुरस्कार सबत खालिदी, हर्षित यादव, अजय कुमार ने प्राप्त किया, वहीं स्नातक वर्ग में राजकुमार ने प्रथम, आशीष कुमार ने द्वितीय, नन्दिनी कुशवाहा ने तृतीय व प्रोत्साहन पुरस्कार अभीषेक सेन व आयुषी कपल ने प्राप्त किया। समस्त प्रतिभागियों को अतिथियों द्वारा प्रमाणपत्र व स्मृतिचिन्ह देकर सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम का संचालन डाॅ. मुहम्मद नईम, स्वागत डाॅ. श्वेता पाण्डेय ने व आभार दिलीप कुमार ने व्यक्त किया। इस अवसर पर डाॅ. सुनीता, डाॅ. प्रशान्त मिश्रा, डाॅ. मो. फुरकान, डाॅ. अंकित श्रीवास्तव, डाॅ. अजय कुमार गुप्ता, जयराम कुटार, मुकुल वर्मा, आरती वर्मा, अनूप कुमार पाण्डेय, भरत सिंह, किरन बाबरिया आदि उपस्थित रहे। कार्यक्रम के आयोजन में ललित कला के परास्नातक के विद्यार्थियों का विशेष सहयोग रहा।