महानगर के विकास के लिए दो अरब का बजट पास

----------------------0 टैक्स न देने पर दुकानों पर लगेंगे ताले --------------------- 0 सड़क निर्माण की जांच को लेकर गठित हुई कमेटी

0
724

झांसी। नगर निगम कार्यकारिणी की बैठक महापौर रामतीर्थ सिंघल की अध्यक्षता मेें हुई जिसमें वर्ष 2019-20 के लिये 2 अरब 37 करोड़ 53 लाख 95 हजार की आय का बजट पेश किया। बजट में आय के सापेक्ष 2 अरब 30 करोड़ 35 लाख 80 हजार रूपये व्यय मद का प्रावधान किया गया। 7 करोड़ 18 लाख 15 हजार रूपये फायदे का बजट देख कार्यकारिणी सदस्यों ने सर्वसम्मति से पास कर दिया। फायदे की इस आय में अगर पिछले वित्तीय वर्ष की अवशेष राशि 1 अरब 12 करोड़ 31 लाख 34 हजार रूपये भी जोड़ दें तो निगम के पास सारे खर्चों के बाद भी 1 अरब 19 करोड़ 49 लाख 49 हजार रूपये की भारी भरकम राशि बचती है।
नगर निगम के कार्यकारिणी हॉल में वर्ष 2019-20 के मूल बजट को लेकर समस्त कार्यकारिणी सदस्यों ने शहर के विकास कार्यों को लेकर अपने-अपने प्रस्ताव रखे। मूल बजट 3 अरब 49 करोड़ 86 लाख 29 हजार शहर के सौन्दर्यीकरण पर खर्च होना है। कार्यकारिणी सदस्यों के बजट पर मंथन के बाद आगामी सदन की बैठक में बजट की प्रस्तुति रखी जाएगी। नगर निगम के मूल बजट में प्रस्तावित राजस्व पूंजी एवं उच्चतम लेखों की कुल आय रुपये 23753.95, प्रारंभिक अवशेष रुपये 11231.34 लाख रुपये को शामिल करते हुये सकल आय रुपये 34985.29 रखी गई है। जिसमें सकल व्यय 23035.80 है। समायोजन उपरांत रुपये 11949.49 के अंतिम अवशेष के साथ समिति के समक्ष अनुमोदन के लिये रखा गया। इससे पूर्व कार्यकारिणी की बैठक में उपसभापति अनिल सोनी सहित कार्यकारिणी के नये सदस्यों का स्वागत करते हुये कार्यवाही शुरू की गई। जिसमें शहर के विकास कार्यों पर खर्च हो रही धनराशि पर कार्यकारिणी के सदस्यों ने चर्चा शुरु कर दी। इसमें सड़क के निर्माण कार्यों पर कार्यकारिणी सदस्य सहित महेश गौतम ने सवाल उठाते हुये नई बनाई गई सड़कों को गुणवत्तापूर्ण नहीं बताते हुये उक्त मामले में जांच कराने के लिए कहा। जिस पर जांच टीम बनाकर सड़क की गुणवत्ता जांचने का निर्णय लिया गया। इसके अलावा प्लाॅस्टिक वेस्ट मैनेजमेंट को लेकर बिजौली में स्थित एक फैक्ट्री के मामले में सवाल उठा और उसमें नगर निगम की धनराशि व्यय होने पर उससे लाभ होने की बात पर महापौर रामतीर्थ सिंघल ने संबंधित अधिकारी से उक्त बारे में जानकारी ली। नगर निगम को लाभ नहीं होने पर संबंधित अधिकारी से ब्योरा मांगा। वहीं नगर निगम की दुकानों को लेकर अवैध कब्जों के मामले में सवाल उठे, जिस पर टैक्स प्रणाली में कमी आने के कारण 2 करोड़ रुपये की व्यवसाय टैक्स की राशि बकाया होने पर संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि टैक्स जमा नहीं करने पर दुकानों में ताले डाल दिये जाएं व टैक्स वसूली की जाए। सड़कों के निर्माण कार्य में 30 प्रतिशत बिलों पर ठेकेदारों की कार्यप्रणाली पर सवाल उठे, जिस पर महापौर ने सड़कों की गुणवत्ता पर 30 प्रतिशत बिलों को लेकर हो रहे कार्यों की जांच कराने के आदेश दिए।
कार्यकारिणी सदस्य द्वारा आवारा पशुओं के लिए नगर निगम की व्यवस्था पर चर्चा की गई, जिस पर पशु चिकित्साधिकारी डाॅ. आरके निरंजन द्वारा बताया गया कि नगर निगम के सर्वे अनुसार 109 पशु पालक हैं। नगर निगम द्वारा बेसहारा पशुओं को पकड़ने के लिए 3 गाडियां व्यवस्था के तौर पर लगाई गई हैं और इन पशुओं को पकड़कर गौशाला भिजवाने का कार्य किया जा रहा है। फिलहाल इस व्यवस्था के लिए कार्यकारिणी सदस्यों द्वारा और गाडियां उपलब्ध कराने की मांग की गई, जिससे कि पशुओं द्वारा हो रहीं सड़क दुर्घटनाएं व आम जनमानस को हानि नहीं पहुंच सके। महापौर द्वारा विस्तृत जानकारी लेने पर बताया गया कि नगर निगम द्वारा सड़कों पर बेसहारा पशु पकड़े जाते हैं। उन पशुओं को पालने वाले मालिकों पर जुर्माना के तौर पर एक हजार की राशि रखी गई थी, लेकिन अब वह राशि दो हजार कर दी गई है। इस मौके पर नगर आयुक्त प्रताप सिंह भदौरिया, उपसभापति अनिल सोनी, कार्यकारिणी सदस्य अरविंद कुमार, किशोरीलाल रायकवार, प्रदीप नगरिया, महेश गौतम, लखन कुशवाहा, विकास खत्री, जुगल किशोर, इंदु वर्मा आदि मौजूद रहे। वहीं नगर निगम के अधिकारियों में अपर नगर आयुक्त अरुण कुमार, प्रभारी अपर नगर आयुक्त रोहन सिंह, मुख्य अभियंता लक्ष्मी नारायण सिंह, नगर स्वास्थ्य अधिकारी राकेश बाबू गौतम, पशु चिकित्साधिकारी डा. आरके निरंजन, सदन प्रभारी हरगोविंद यादव, योगेन्द्र सिंह, रविचंद्र निरंजन आदि मौजूद रहे।

LEAVE A REPLY