बढ़ती आबादी के खाने की आवश्‍यकता पूरी करना कृषि वैज्ञानिकों के लिए चुनौती: प्रो. पात्रा

0
1401

झांसी। देश की जनसंख्या तेजी से बढ़ती जा रही है। एक अनुमान के अनुसार 2030 तक भारत की जनसंख्या चीन की जनसंख्या से आगे हो जाएगी। इस बडी जनसंख्या के पेट भरने के लिए खाद्यान्न पूर्ति हमारे कृषि और वनस्पति वैज्ञानिकों के लिए बहुत बडी चुनौती है। यह विचार आज विधान चंद्र कृषि विश्वविद्यालय पश्चिम बंगाल के कुलपति प्रो.डी.डी.पात्रा ने बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय के गांधी सभागार के भूतल पर बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय परिसर में संचालित माइक्रोबायोलाॅजी विभाग द्वारा आयोजित एक दिवसीय ‘हैण्ड्स ऑन ट्रेनिंग इन बेसिक एण्ड अप्लाइड माइक्रोबायोलॅाजी’ के उद्घाटन सत्र में व्यक्त किए।

प्रो.पात्रा ने नगरीकरण के कारण जमीन निरन्तर कम हो रही है जबकि खेती योग्य भूमि पेस्टिसाइड्स के निरन्तर प्रयोग से प्रदूषित होती जा रही है। मुख्य अतिथि ने कहा कि आज आवष्यकता इस बात की है कि हमे आर्गेनिक खेती की ओर देखना होगा। उन्होंने केरल का उदाहरण देते हुए बताया कि वहां नारियल की दो पंक्तियों के बीच में एक अन्य फसल लगाई जाती है जिससे किसानों को अतिरिक्त आय प्राप्त होती है। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार का लक्ष्य है कि कृषकों की आय को दोगुना किया जाए यह तभी सम्भव हो सकता है, हम एक वर्ष में कई फसलों का उत्पादन करने का प्रयास किया जाना चाहिये। बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय के प्रभारी कुलपति प्रो.वी.के.सहगल ने कहा की माइक्रोबाॅयोलाॅजी का क्षेत्र विज्ञान का एक अति महत्वपूर्ण क्षेत्र है। प्रो.सहगल ने कहा कि बड़ी खुशी का बात है कि विश्वविद्यालय के माइक्रोबायोलाॅजी विभाग ने इस महत्वपूर्ण विषय पर एक कार्यशाला का आयोजन किया। उन्होंने कार्यशाला की सफलता की कामना की। संकायाध्यक्ष विज्ञान प्रो.एम.एम.सिंह ने कहा कि यह कार्यशाला के प्रतिभागी पूरी लगन एवं मेहनत से कार्यशाला में प्रतिभाग करते हैं तो माइक्रोबायोलाॅजी के क्षेत्र में यह कार्यषाला एक मील का पत्थर हो सकती है।
कार्यक्रम का प्रारंभ मां सरस्वती के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलन उत्पादन तथा माल्यार्पण से हुआ। इस अवसर पर विद्यार्थियों के द्वारा मां सरस्वती की वन्दना का भी गायन भी हुआ। आमंत्रित मंचासीन अतिथियों को को पुष्पगुच्छ भेंट कर सम्मानित किया गया। सर्वप्रथम कार्यक्रम की आयोजन सचिव डा.संगीता लाल ने आमंत्रित अतिथियों का स्वागत किया तथा कार्यशाला के रूपरेखा प्रस्तुत करते हुए इसके उद्देश्यों पर प्रकाश डाला। कार्यøम का संचालन पंकज पाण्डेय तथा मनाल सिद्दकी ने किया, जबकि आमंत्रित अतिथियेां का आभार सह आयोजन सचिव डा.संजय कुमार ने व्यक्त किया। इस अवसर पर मंचासीन अतिथियों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया

बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय के प्रभारी कुलपति प्रो.वी.के.सहगल ने कहा की माइक्रोबॉयल माइक्रोबायोलॉजी का क्षेत्र विज्ञान में एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है यह सभी क्षेत्रों में कार्यरत है प्रोफेसर सहगल ने कहा कि बड़ी खुशी का बात है कि विश्वविद्यालय के माइक्रोबायोलॉजी विभाग ने इस महत्वपूर्ण विषय पर एक कार्यशाला का आयोजन किया उन्होंने कार्यशाला के उत्कृष्ट समापन के समापन सफलता की कामना की इस अवसर पर मंचासीन अतिथियों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर प्रो.प्रतीक अग्रवाल डा.रामबीर सिंह, डा.मीनाक्षी सिंह, डा.गजाला रिजवी डा.ऋषि सक्सेना, डा.सूरजपाल सिंह, डा. गौरी खानविलकर, डा.अंकित सक्सेना, डा.सर्वेन्द्र सिंह, डा.अंजू सिंह, डा.सुमिरन श्रीवास्तव डा.बलबीर सिंह, डा.संदीप आर्य, डा.जोश मैथ्यूज, डा.प्रतिभा आर्य, डा.अतुल सक्सेना, डा.बालेन्दु सिंह, डा.डी.एम.त्रिपाठी, डा.आंजनेय श्रीवास्तव, सहित विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों के शिक्षक एवं शिक्षिकाएं उपस्थित थे।
उदघाटन सत्र के पष्चात हुए तकनीकी सत्र में विधान चन्द्र कृशि विष्वविद्यालय के कुलपति प्रो. पात्रा ने विभाग का भ्रमण किया तथा संस्थान की विभिन्न प्रयोगषालाओं में हो रहे प्रयोगों के बारे में प्रतिभागियो से जानकारी प्राप्त की। इसके पष्चात डा.राजेष कंचन, डा.अरविन्द षाक्या, डा.भूपिन्द्रर कौर, डा.अंजनी कुमार श्रीवास्तव एवं डा.अजय कुमार ने कार्यषाला में प्रतिभाग कर रहे प्रतिभागियों को डेंगू, टायफायड, एच.आईवी., मलेरिया, हैपेटाईटिस-बी, ब्लड षुगर आदि परीक्षण की विधियेां को बताया। कार्यषाला के सह आयोजन सचिव डा.संजय कुमार ने जानकारी दी कि विष्वविद्याजय परिसर में संचालित जीव विज्ञान समूह, गुरू रोपण कालेज, उरई व बी.बी.सी., झांसी के कुल 160 छात्र-छात्राओं ने प्रतिभाग किया। उन्हांेने बताया कि कार्यषाला के सफल संचालन एवं व्यवस्था हेतु विभाग के छात्र मनमोहन, फिरोज खान, राजेष राव, सुनील कुमार, राहुल कुमार एवं विपिन सिंह का विष्ेाश सहयोग रहा।

LEAVE A REPLY