दिव्‍यांगों को किया सम्‍मानित

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झांसी। मंजिलें उन्ही को मिलती है जिनके सपनों में जान होती है। पंखों से कुछ नहीं होता, हौसलों से उड़ान होती है। दिव्यांग व नेत्र बाधित जनों को दया नहीं अधिकार देने होंगे,उन्हें सहयोग के साथ प्रतिभा प्रदर्शित करने के अवसर देने होंगे ताकि वह भी स्वयं को समाज की मुख्य धारा से जोड़ सके और आत्मनिर्भर के साथ स्वावलम्बी बन सके।
यह विचार जिलाधिकारी कर्ण सिंह चौहान ने राजकीय संग्रहालय में आयोजित कार्यक्रम में महाराष्ट्र पुणे निवासी दिव्यांग पोपटराव जयंतराव खोपड़े का सम्मान करते हुये व्यक्त किये।
जिलाधिकारी ने कहा कि स्वच्छता व पर्यावरण बचाव का संकल्प लेकर दिव्यांग संदेश यात्रा 2017 रायरेश्वर किला से संसद भवन नई दिल्ली तक 1893 किमी की दूरी साइकिल के माध्यम से पूरा करने व जगह-जगह स्वच्छता के प्रति लोगों को जागरूक करने का कार्य प्रेरणादायी के साथ प्रशंसनीय है। उन्होंने कहा कि पोपटराव पुत्र जयंतराव निवासी नाझेर, तहसील मोर जिला पुणे ने अपनी यात्रा शुभ संदेश के साथ 3 दिसम्बर 2017 को प्रारम्भ की आज झांसी प्रवास पर है। हम सभी शुभकामनायें देते है आपकी मंगल कामना करते है।
जिलाधिकारी ने पोपटराव का नाम लिम्का बुक ऑफ रिकार्डस में दर्ज होने पर बधाई दी। सम्मान स्वरूप स्मृति चिन्ह भेंट कर उन्होंने पोपटराव की मंगलमय यात्रा की स्वर्णिम सफलता के लिये अनंत शुभकामनायें देते हुये आगे की आपकी यात्रा शुभ एवं मंगलकारी हो यह विश्वास जताया।
पोपटराव जयंतराव खोपड़े के साथ आये सहयोगी माधव किरडे व आकाश कुरपड़ने ने जिलाधिकारी को अब तक की यात्रा के बारे में बताया । साथ ही जहां से गुजरे वहां स्वच्छता संदेश व स्वच्छता से होने वाले लाभ की जानकारी दी। इस अवसर पर गणमान्य जन उपस्थित रहे।

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