बादशाहत का उतरेगा ‘नशा’ – रिपोर्ट गौरव कुशवाहा

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झाँसी। योगी सरकार सालों से एक कारोबारी की बादशाहत खत्म करने के मूड़ में हैं। इस बार सरकार नई आबकारी नीति लागू कर रही है। इस नीति में देहात में सात से आठ और शहर में चार से पांच दुकानों का एक-एक ग्रुप बनाकर लॉटरी के माध्यम से आवंटन किया जाएगा। यह मसौदा करीब-करीब तैयार हो चुका है। जनवरी माह में इस मसौदे को अंतिम रूप दिया जाएगा।
पूरे बुंदेलखंड में सालों से शराब का ठेका चढ्ढा ग्रुप के पास था। सत्ता में दखल यह कारोबारी शराब ठेके को काफी मजबूती को संभाले हुए थे। हर बार इसी ग्रुप को ठेके का नवीनीकरण होता था, लेकिन बुंदेलखंड में अबकी दफा इसका वर्चस्व टूटने जा रहा है। विभाग में पुरजोर इसकी सुगबुगाहट है। विभागीय सूत्रों के अनुसार इस बार योगी सरकार नई आबकारी नीति बनाने में जुट गई है। बीते रोज हुई विभागीय बैठक में इसकी रुपरेखा तैयार की गई है। बताया जा रहा कि सरकार व विभाग की ओर से लगभग आबकारी नीति का नया मसौदा तैयार हो चुका है। विभाग ने नई नीति में शहर में चार या पांच दुकानों का एक ठेका एक कारोबारी को दिया जाएगा। वहीं देहात में सात से आठ दुकानों का एक ठेका रहेगा। इसी हिसाब से प्रदेश भर में अंग्रेजी व देशी दुकानों का ग्रुप बनाकर लॉटरी के हिसाब से ठेका जारी किया जाएगा। इस प्रणाली से ठेके में किसी भी एक व्यक्ति का प्रभाव नहीं रहेगा। शराब कारोबार से जुड़ने के इच्छुक अन्य लोग भी लॉटरी डाल सकता है और ठेके ले सकते हैं। माना जा रहा है कि इस नीति के लागू होने से अन्य लोगों को भी मौके मिलेगा। अनुमान है कि जनवरी की शुरुआत में आबकारी नीति को अंतिम दिया दिया जाएगा। आबकारी नीति लागू होने से काफी समय से स्थापित एक कारोबारी को झटका लगेगा।

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